सो, जैसे ही वे लोग नरसिंगों, बाँसुरियों, सितारों, सात तारों वाले बाजों, मशक शहनाइयों और दूसरी तरह के संगीत वाद्यों को सुनते,नीचे झुक जाते और सोने की उस प्रतिमा की पूजा करते। राजा नबूकदनेस्सर द्वारा स्थापित सोने की उस प्रतिमा की, सारी प्रजा, सभी जातियाँ और वहाँ के हर प्रकार की भाषा बोलने वाले लोग पूजा किया करते थे।
چنانچہ جوں ہی ساز بجنے لگے تو مختلف قوموں، اُمّتوں اور زبانوں کے تمام لوگ منہ کے بل ہو کر نبوکدنضر کے کھڑے کئے گئے بُت کو سجدہ کرنے لگے۔