Acts 7

फिर महायाजक ने कहा, “क्या यह बात ऐसे ही है?”
امامِ اعظم نے پوچھا، ”کیا یہ سچ ہے؟“
उसने उत्तर दिया, “बंधुओं और पितृतुल्य बुजुर्गो! मेरी बात सुनो। हारान में रहने से पहले अभी जब हमारा पिता इब्राहीम मिसुपुतामिया में ही था, तो महिमामय परमेश्वर ने उसे दर्शन दिये
ستفنس نے جواب دیا، ”بھائیو اور بزرگو، میری بات سنیں۔ جلال کا خدا ہمارے باپ ابراہیم پر ظاہر ہوا جب وہ ابھی مسوپتامیہ میں آباد تھا۔ اُس وقت وہ حاران میں منتقل نہیں ہوا تھا۔
और कहा, ‘अपने देश और अपने लोगों को छोड़कर तू उस धरती पर चला जा, जिसे तुझे मैं दिखाऊँगा।’
اللہ نے اُس سے کہا، ’اپنے وطن اور اپنی قوم کو چھوڑ کر اُس ملک میں چلا جا جو مَیں تجھے دکھاؤں گا۔‘
“सो वह कसदियों की धरती को छोड़ कर हारान में जा बसा जहाँ से उसके पिता की मृत्यु के बाद परमेश्वर ने उसे इस देश में आने की प्रेरणा दी जहाँ तुम अब रह रहे हो।
چنانچہ وہ کسدیوں کے ملک کو چھوڑ کر حاران میں رہنے لگا۔ وہاں اُس کا باپ فوت ہوا تو اللہ نے اُسے اِس ملک میں منتقل کیا جس میں آپ آج تک آباد ہیں۔
परमेश्वर ने यहाँ उसे उत्तराधिकार में कुछ नहीं दिया, डग भर धरती तक नहीं। यद्यपि उसके कोई संतान नहीं थी किन्तु परमेश्वर ने उससे प्रतिज्ञा की कि यह देश वह उसे और उसके वंशजों को उनकी सम्पत्ति के रूप में देगा।
اُس وقت اللہ نے اُسے اِس ملک میں کوئی بھی موروثی زمین نہ دی تھی، ایک مربع فٹ تک بھی نہیں۔ لیکن اُس نے اُس سے وعدہ کیا، ’مَیں اِس ملک کو تیرے اور تیری اولاد کے قبضے میں کر دوں گا،‘ اگرچہ اُس وقت ابراہیم کے ہاں کوئی بچہ پیدا نہیں ہوا تھا۔
“परमेश्वर ने उससे यह भी कहा, ‘तेरे वंशज कहीं विदेश में परदेसी होकर रहेंगे और चार सौ साल तक उन्हें दास बनाकर, उनके साथ बहुत बुरा बर्ताव किया जाएगा।’
اللہ نے اُسے یہ بھی بتایا، ’تیری اولاد ایسے ملک میں رہے گی جو اُس کا نہیں ہو گا۔ وہاں وہ اجنبی اور غلام ہو گی، اور اُس پر 400 سال تک بہت ظلم کیا جائے گا۔
परमेश्वर ने कहा, ‘दास बनाने वाली उस जाति को मैं दण्ड दूँगा और इसके बाद वे उस देश से बाहर आ जायेंगे और इस स्थान पर वे मेरी सेवा करेंगे।’
لیکن مَیں اُس قوم کی عدالت کروں گا جس نے اُسے غلام بنایا ہو گا۔ اِس کے بعد وہ اُس ملک میں سے نکل کر اِس مقام پر میری عبادت کریں گے۔‘
“परमेश्वर ने इब्राहीम को ख़तने की मुद्रा से मुद्रित करके करार-प्रदान किया। और इस प्रकार वह इसहाक का पिता बना। उसके जन्म के बाद आठवें दिन उसने उसका ख़तना किया। फिर इसहाक से याकूबऔर याकूब से बारह कुलों के आदि पुरुष पैदा हुए।
پھر اللہ نے ابراہیم کو ختنہ کا عہد دیا۔ چنانچہ جب ابراہیم کا بیٹا اسحاق پیدا ہوا تو باپ نے آٹھویں دن اُس کا ختنہ کیا۔ یہ سلسلہ جاری رہا جب اسحاق کا بیٹا یعقوب پیدا ہوا اور یعقوب کے بارہ بیٹے، ہمارے بارہ قبیلوں کے سردار۔
“वे आदि पुरूष यूसुफ़ से ईर्ष्या रखते थे। सो उन्होंने उसे मिसर में दास बनने के लिए बेच दिया। किन्तु परमेश्वर उसके साथ था।
یہ سردار اپنے بھائی یوسف سے حسد کرنے لگے اور اِس لئے اُسے بیچ دیا۔ یوں وہ غلام بن کر مصر پہنچا۔ لیکن اللہ اُس کے ساتھ رہا
और उसने उसे सभी विपत्तियों से बचाया। परमेश्वर ने यूसुफ़ को विवेक दिया और उसे इस योग्य बनाया जिससे वह मिसर के राजा फिरौन का अनुग्रह पात्र बन सका। फिरौन ने उसे मिसर का राज्यपाल और अपने घर-बार का अधिकारी नियुक्त किया।
اور اُسے اُس کی تمام مصیبتوں سے رِہائی دی۔ اُس نے اُسے دانائی عطا کر کے اِس قابل بنا دیا کہ وہ مصر کے بادشاہ فرعون کا منظورِ نظر ہو جائے۔ یوں فرعون نے اُسے مصر اور اپنے پورے گھرانے پر حکمران مقرر کیا۔
फिर समूचे मिसर और कनान देश में अकाल पड़ा और बड़ा संकट छा गया। हमारे पूर्वज खाने को कुछ नहीं पा सके।
پھر تمام مصر اور کنعان میں کال پڑا۔ لوگ بڑی مصیبت میں پڑ گئے اور ہمارے باپ دادا کے پاس بھی خوراک ختم ہو گئی۔
“जब याकूब ने सुना कि मिसर में अन्न है, तो उसने हमारे पूर्वजों को वहाँ भेजा-यह पहला अवसर था।
یعقوب کو پتا چلا کہ مصر میں اب تک اناج ہے، اِس لئے اُس نے اپنے بیٹوں کو اناج خریدنے کو وہاں بھیج دیا۔
उनकी दूसरी यात्रा के अवसर पर यूसुफ़ ने अपने भाइयों को अपना परिचय दे दिया और तभी फिरौन को भी यूसुफ़ के परिवार की जानकारी मिली।
جب اُنہیں دوسری بار وہاں جانا پڑا تو یوسف نے اپنے آپ کو اپنے بھائیوں پر ظاہر کیا، اور فرعون کو یوسف کے خاندان کے بارے میں آگاہ کیا گیا۔
सो यूसुफ़ ने अपने पिता याकूब और परिवार के सभी लोगों को, जो कुल मिलाकर पिचहत्तर थे, बुलवा भेजा।
اِس کے بعد یوسف نے اپنے باپ یعقوب اور تمام رشتے داروں کو بُلا لیا۔ کُل 75 افراد آئے۔
तब याकूब मिसर आ गया और उसने वहाँ वैसे ही प्राण त्यागे जैसे हमारे पूर्वजों ने वहाँ प्राण त्यागे थे।
یوں یعقوب مصر پہنچا۔ وہاں وہ اور ہمارے باپ دادا مر گئے۔
उनके शव वहाँ से वापस सेकेम ले जाये गये जहाँ उन्हें मकबरे में दफना दिया गया। यह वही मकबरा था जिसे इब्राहीम ने हमोर के बेटों से कुछ धन देकर खरीदा था।
اُنہیں سِکم میں لا کر اُس قبر میں دفنایا گیا جو ابراہیم نے ہمور کی اولاد سے پیسے دے کر خریدی تھی۔
“जब परमेश्वर ने इब्राहीम को जो वचन दिया था, उसके पूरा होने का समय निकट आया तो मिसर में हमारे लोगों की संख्या बहुत अधिक बढ़ गयी।
پھر وہ وقت قریب آ گیا جس کا وعدہ اللہ نے ابراہیم سے کیا تھا۔ مصر میں ہماری قوم کی تعداد بہت بڑھ چکی تھی۔
आख़िरकार मिसर पर एक ऐसे राजा का शासन हुआ जो यूसुफ़ को नहीं जानता था।
لیکن ہوتے ہوتے ایک نیا بادشاہ تخت نشین ہوا جو یوسف سے ناواقف تھا۔
उसने हमारे लोगों के साथ धूर्ततापूर्ण व्यवहार किया। उसने हमारे पूर्वजों को बड़ी निर्दयता के साथ विवश किया कि वे अपने बच्चों को बाहर मरने को छोड़ें ताकि वे जीवित ही न बच पायें।
اُس نے ہماری قوم کا استحصال کر کے اُن سے بدسلوکی کی اور اُنہیں اپنے شیرخوار بچوں کو ضائع کرنے پر مجبور کیا۔
“उसी समय मूसा का जन्म हुआ। वह बहुत सुन्दर बालक था। तीन महीने तक वह अपने पिता के घर के भीतर पलता बढ़ता रहा।
اُس وقت موسیٰ پیدا ہوا۔ وہ اللہ کے نزدیک خوب صورت بچہ تھا اور تین ماہ تک اپنے باپ کے گھر میں پالا گیا۔
फिर जब उसे बाहर छोड़ दिया गया तो फिरौन की पुत्री उसे अपना पुत्र बना कर उठा ले गयी। उसने अपने पुत्र के रूप में उसका लालन-पालन किया।
اِس کے بعد والدین کو اُسے چھوڑنا پڑا، لیکن فرعون کی بیٹی نے اُسے لے پالک بنا کر اپنے بیٹے کے طور پر پالا۔
मूसा को मिसरियों के सम्पूर्ण कला-कौशल की शिक्षा दी गयी। वह वाणी और कर्म दोनों में ही समर्थ था।
اور موسیٰ کو مصریوں کی حکمت کے ہر شعبے میں تربیت ملی۔ اُسے بولنے اور عمل کرنے کی زبردست قابلیت حاصل تھی۔
“जब वह चालीस साल का हुआ तो उसने इस्राएल की संतान, अपने भाई-बंधुओं के पास जाने का निश्चय किया।
جب وہ چالیس سال کا تھا تو اُسے اپنی قوم اسرائیل کے لوگوں سے ملنے کا خیال آیا۔
सो जब एक बार उसने देखा कि उनमें से किसी एक के साथ बुरा व्यवहार किया जा रहा है तो उसने उसे बचाया और मिसरी व्यक्ति को मार कर उस दलित व्यक्ति का बदला ले लिया।
جب اُس نے اُن کے پاس جا کر دیکھا کہ ایک مصری کسی اسرائیلی پر تشدد کر رہا ہے تو اُس نے اسرائیلی کی حمایت کر کے مظلوم کا بدلہ لیا اور مصری کو مار ڈالا۔
उसने सोचा था कि उसके अपने भाई बंधु जान जायेंगे कि उन्हें छुटकारा दिलाने के लिए परमेश्वर उसका उपयोग कर रहा है। किन्तु वे इसे नहीं समझ पाये।
اُس کا خیال تو یہ تھا کہ میرے بھائیوں کو سمجھ آئے گی کہ اللہ میرے وسیلے سے اُنہیں رِہائی دے گا، لیکن ایسا نہیں تھا۔
“अगले दिन उनमें से (उसके अपने लोगों में से) जब कुछ लोग झगड़ रहे थे तो वह उनके पास पहुँचा और यह कहते हुए उनमें बीच-बचाव का जतन करने लगा, ‘कि तुम लोग तो आपस में भाई-भाई हो। एक दूसरे के साथ बुरा बर्ताव क्यों करते हो?’
اگلے دن وہ دو اسرائیلیوں کے پاس سے گزرا جو آپس میں لڑ رہے تھے۔ اُس نے صلح کرانے کی کوشش میں کہا، ’مردو، آپ تو بھائی ہیں۔ آپ کیوں ایک دوسرے سے غلط سلوک کر رہے ہیں؟‘
किन्तु उस व्यक्ति ने जो अपने पड़ोसी के साथ झगड़ रहा था, मूसा को धक्का मारते हुए कहा, ‘तुझे हमारा शासक और न्यायकर्ता किसने बनाया?
لیکن جو آدمی دوسرے سے بدسلوکی کر رہا تھا اُس نے موسیٰ کو ایک طرف دھکیل کر کہا، ’کس نے آپ کو ہم پر حکمران اور قاضی مقرر کیا ہے؟
जैसे तूने कल उस मिस्री की हत्या कर दी थी, क्या तू वैसे ही मुझे भी मार डालना चाहता है?’ []
کیا آپ مجھے بھی قتل کرنا چاہتے ہیں جس طرح کل مصری کو مار ڈالا تھا؟‘
मूसा ने जब यह सुना तो वह वहाँ से चला गया और मिद्यान में एक परदेसी के रूप में रहने लगा। वहाँ उसके दो पुत्र हुए।
یہ سن کر موسیٰ فرار ہو کر ملکِ مِدیان میں اجنبی کے طور پر رہنے لگا۔ وہاں اُس کے دو بیٹے پیدا ہوئے۔
“चालीस वर्ष बीत जाने के बाद सिनाई पर्वत के पास मरुभूमि में एक जलती झाड़ी की लपटों के बीच उसके सामने एक स्वर्गदूत प्रकट हुआ।
چالیس سال کے بعد ایک فرشتہ جلتی ہوئی کانٹےدار جھاڑی کے شعلے میں اُس پر ظاہر ہوا۔ اُس وقت موسیٰ سینا پہاڑ کے قریب ریگستان میں تھا۔
मूसा ने जब यह देखा तो इस दृश्य पर वह आश्चर्य चकित हो उठा। जब और अधिक निकटता से देखने के लिये वह उसके पास गया तो उसे प्रभु की वाणी सुनाई दी:
یہ منظر دیکھ کر موسیٰ حیران ہوا۔ جب وہ اُس کا معائنہ کرنے کے لئے قریب پہنچا تو رب کی آواز سنائی دی،
‘मैं तेरे पूर्वजों का परमेश्वर हूँ, इब्राहीम का, इसहाक का और याकूब का परमेश्वर हूँ।’ [] भय से काँपते हुए मूसा कुछ देखने का साहस नहीं कर पा रहा था।
’مَیں تیرے باپ دادا کا خدا، ابراہیم، اسحاق اور یعقوب کا خدا ہوں۔‘ موسیٰ تھرتھرانے لگا اور اُس طرف دیکھنے کی جرٲت نہ کی۔
“तभी प्रभु ने उससे कहा, ‘अपने पैरों की चप्पलें उतार क्योंकि जिस स्थान पर तू खड़ा है, वह पवित्र भूमि है।
پھر رب نے اُس سے کہا، ’اپنی جوتیاں اُتار، کیونکہ تُو مُقدّس زمین پر کھڑا ہے۔
मैंने मिस्र में अपने लोगों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार को देखा है, परखा है। मैंने उन्हें विलाप करते हुए सुना है। उन्हें मुक्त कराने के लिये मैं नीचे उतरा हूँ। आ, अब मैं तुझे मिस्र भेजूँगा।’ []
مَیں نے مصر میں اپنی قوم کی بُری حالت دیکھی اور اُن کی آہیں سنی ہیں، اِس لئے اُنہیں بچانے کے لئے اُتر آیا ہوں۔ اب جا، مَیں تجھے مصر بھیجتا ہوں۔‘
“यह वही मूसा है जिसे उन्होंने यह कहते हुए नकार दिया था, ‘तुझे शासक और न्यायकर्ता किसने बनाया है?’ यह वही है जिसे परमेश्वर ने उस स्वर्गदूत द्वारा, जो उसके लिए झाड़ी में प्रकट हुआ था, शासक और मुक्तिदाता होने के लिये भेजा। []
یوں اللہ نے اُس شخص کو اُن کے پاس بھیج دیا جسے وہ یہ کہہ کر رد کر چکے تھے کہ ’کس نے آپ کو ہم پر حکمران اور قاضی مقرر کیا ہے؟‘ جلتی ہوئی کانٹےدار جھاڑی میں موجود فرشتے کی معرفت اللہ نے موسیٰ کو اُن کے پاس بھیج دیا تاکہ وہ اُن کا حکمران اور نجات دہندہ بن جائے۔
वह उन्हें मिसर की धरती और लाल सागर तथा वनों में से चालीस साल तक आश्चर्य कर्म करते हुए और चिन्ह दिखाते हुए बाहर निकाल लाया।
اور وہ معجزے اور الٰہی نشان دکھا کر اُنہیں مصر سے نکال لایا، پھر بحرِ قُلزم سے گزر کر 40 سال کے دوران ریگستان میں اُن کی راہنمائی کی۔
“यह वही मूसा है जिसने इस्राएल की संतानों से कहा था, ‘तुम्हारे भाइयों में से ही तुम्हारे लिये परमेश्वर एक मेरे जैसा नबी भेजेगा।’ []
موسیٰ نے خود اسرائیلیوں کو بتایا، ’اللہ تمہارے واسطے تمہارے بھائیوں میں سے مجھ جیسے نبی کو برپا کرے گا۔‘
यह वही है जो वीराने में सभा के बीच हमारे पूर्वजों और उस स्वर्गदूत के साथ मौजूद था जिसने सिनाई पर्वत पर उससे बातें की थी। इसी ने हमें देने के लिये परमेश्वर से सजीव वचन प्राप्त किये थे।
موسیٰ ریگستان میں قوم کی جماعت میں شریک تھا۔ ایک طرف وہ اُس فرشتے کے ساتھ تھا جو سینا پہاڑ پر اُس سے باتیں کرتا تھا، دوسری طرف ہمارے باپ دادا کے ساتھ۔ فرشتے سے اُسے زندگی بخش باتیں مل گئیں جو اُسے ہمارے سپرد کرنی تھیں۔
“किन्तु हमारे पूर्वजों ने उसका अनुसरण करने को मना कर दिया। इतना ही नहीं, उन्होंने उसे नकार दिया और अपने हृदयों में वे फिर मिस्र की ओर लौट गये।
لیکن ہمارے باپ دادا نے اُس کی سننے سے انکار کر کے اُسے رد کر دیا۔ دل ہی دل میں وہ مصر کی طرف رجوع کر چکے تھے۔
उन्होंने आरों से कहा था, ‘हमारे लिये ऐसे देवताओं की रचना करो जो हमें मार्ग दिखायें। इस मूसा के बारे में, जो हमें मिस्र से बाहर निकाल लाया, हम नहीं जानते कि उसके साथ क्या कुछ घटा।’ []
وہ ہارون سے کہنے لگے، ’آئیں، ہمارے لئے دیوتا بنا دیں جو ہمارے آگے آگے چلتے ہوئے ہماری راہنمائی کریں۔ کیونکہ کیا معلوم کہ اُس بندے موسیٰ کو کیا ہوا ہے جو ہمیں مصر سے نکال لایا۔‘
उन्हीं दिनों उन्होंने बछड़े की एक मूर्ति बनायी। और उस मूर्ति पर बलि चढ़ाई। वे, जिसे उन्होंने अपने हाथों से बनाया था, उस पर आनन्द मनाने लगे।
اُسی وقت اُنہوں نے بچھڑے کا بُت بنا کر اُسے قربانیاں پیش کیں اور اپنے ہاتھوں کے کام کی خوشی منائی۔
किन्तु परमेश्वर ने उनसे मुँह मोड़ लिया था। उन्हें आकाश के ग्रह-नक्षत्रों की उपासना के लिये छोड़ दिया गया था। जैसा कि नबियों की पुस्तक में लिखा है: ‘हे इस्राएल के परिवार के लोगो, क्या तुम पशुबलि और अन्य बलियाँ वीराने में मुझे नहीं चढ़ाते रहे चालीस वर्ष तक?
اِس پر اللہ نے اپنا منہ پھیر لیا اور اُنہیں ستاروں کی پوجا کی گرفت میں چھوڑ دیا، بالکل اُسی طرح جس طرح نبیوں کے صحیفے میں لکھا ہے، ’اے اسرائیل کے گھرانے، جب تم ریگستان میں گھومتے پھرتے تھے تو کیا تم نے اُن 40 سالوں کے دوران کبھی مجھے ذبح اور غلہ کی قربانیاں پیش کیں؟
तुम मोलेक के तम्बू और अपने देवता रिफान के तारे को भी अपने साथ ले गये थे। वे मूर्तियाँ भी तुम ले गये जिन्हें तुमने उपासना के लिये बनाया था। इसलिए मैं तुम्हें बाबुल से भी परे भेजूँगा।’ आमोस 5:25-27
نہیں، اُس وقت بھی تم مولک دیوتا کا تابوت اور رفان دیوتا کا ستارہ اُٹھائے پھرتے تھے، گو تم نے اپنے ہاتھوں سے یہ بُت پوجا کرنے کے لئے بنا لئے تھے۔ اِس لئے مَیں تمہیں جلاوطن کر کے بابل کے پار بسا دوں گا۔‘
“साक्षी का तम्बू भी उस वीराने में हमारे पूर्वजों के साथ था। यह तम्बू उसी नमूने पर बनाया गया था जैसा कि उसने देखा था और जैसा कि मूसा से बात करने वाले ने बनाने को उससे कहा था।
ریگستان میں ہمارے باپ دادا کے پاس ملاقات کا خیمہ تھا۔ اُسے اُس نمونے کے مطابق بنایا گیا تھا جو اللہ نے موسیٰ کو دکھایا تھا۔
हमारे पूर्वज उसे प्राप्त करके तभी वहाँ से आये थे जब यहोशू के नेतृत्त्व में उन्होंने उन जातियों से यह धरती ले ली थी जिन्हें हमारे पूर्वजों के सम्मुख परमेश्वर ने निकाल बाहर किया था। दाऊद के समय तक वह वहीं रहा।
موسیٰ کی موت کے بعد ہمارے باپ دادا نے اُسے ورثے میں پا کر اپنے ساتھ لے لیا جب اُنہوں نے یشوع کی راہنمائی میں اِس ملک میں داخل ہو کر اُس پر قبضہ کر لیا۔ اُس وقت اللہ اُس میں آباد قوموں کو اُن کے آگے آگے نکالتا گیا۔ یوں ملاقات کا خیمہ داؤد بادشاہ کے زمانے تک ملک میں رہا۔
दाऊद ने परमेश्वर के अनुग्रह का आनन्द उठाया। उसने चाहा कि वह याकूब के लोगों के लिए एक मन्दिर बनवा सके
داؤد اللہ کا منظورِ نظر تھا۔ اُس نے یعقوب کے خدا کو ایک سکونت گاہ مہیا کرنے کی اجازت مانگی۔
किन्तु वह सुलैमान ही था जिसने उसके लिए मन्दिर बनवाया।
لیکن سلیمان کو اُس کے لئے مکان بنانے کا اعزاز حاصل ہوا۔
“कुछ भी हो परम परमेश्वर तो हाथों से बनाये भवनों में नहीं रहता। जैसा कि नबी ने कहा है:
حقیقت میں اللہ تعالیٰ انسان کے ہاتھ کے بنائے ہوئے مکانوں میں نہیں رہتا۔ نبی رب کا فرمان یوں بیان کرتا ہے،
‘प्रभु ने कहा, स्वर्ग मेरा सिंहासन है, और धरती चरण की चौकी बनी है। किस तरह का मेरा घर तुम बनाओगे? कहीं कोई जगह ऐसी है, जहाँ विश्राम पाऊँ?
’آسمان میرا تخت ہے اور زمین میرے پاؤں کی چوکی، تو پھر تم میرے لئے کس قسم کا گھر بناؤ گے؟ وہ جگہ کہاں ہے جہاں مَیں آرام کروں گا؟
क्या यह सभी कुछ, मेरे करों की रचना नहीं रही?’” यशायाह 66:1-2
کیا میرے ہاتھ نے یہ سب کچھ نہیں بنایا؟‘
हे बिना ख़तने के मन और कान वाले हठीले लोगो! तुमने सदा ही पवित्र आत्मा का विरोध किया है। तुम अपने पूर्वजों के जैसे ही हो।
اے گردن کش لوگو! بےشک آپ کا ختنہ ہوا ہے جو اللہ کی قوم کا ظاہری نشان ہے۔ لیکن اُس کا آپ کے دلوں اور کانوں پر کچھ بھی اثر نہیں ہوا۔ آپ اپنے باپ دادا کی طرح ہمیشہ روح القدس کی مخالفت کرتے رہتے ہیں۔
क्या कोई भी ऐसा नबी था, जिसे तुम्हारे पूर्वजों ने नहीं सताया? उन्होंने तो उन्हें भी मार डाला जिन्होंने बहुत पहले से ही उस धर्मी के आने की घोषणा कर दी थी, जिसे अब तुमने धोखा देकर पकड़वा दिया और मरवा डाला।
کیا کبھی کوئی نبی تھا جسے آپ کے باپ دادا نے نہ ستایا؟ اُنہوں نے اُنہیں بھی قتل کیا جنہوں نے راست باز مسیح کی پیش گوئی کی، اُس شخص کی جسے آپ نے دشمنوں کے حوالے کر کے مار ڈالا۔
तुम वही हो जिन्होंने स्वर्गदूतों द्वारा दिये गये व्यवस्था के विधान को पा तो लिया किन्तु उस पर चले नहीं।”
آپ ہی کو فرشتوں کے ہاتھ سے اللہ کی شریعت حاصل ہوئی مگر اُس پر عمل نہیں کیا۔“
जब उन्होंने यह सुना तो वे क्रोध से आगबबूला हो उठे और उस पर दाँत पीसने लगे।
ستفنس کی یہ باتیں سن کر اجلاس کے لوگ طیش میں آ کر دانت پیسنے لگے۔
किन्तु पवित्र आत्मा से भावित स्तिफनुस स्वर्ग की ओर देखता रहा। उसने देखा परमेश्वर की महिमा को और परमेश्वर के दाहिने खड़े यीशु को।
لیکن ستفنس روح القدس سے معمور اپنی نظر اُٹھا کر آسمان کی طرف تکنے لگا۔ وہاں اُسے اللہ کا جلال نظر آیا، اور عیسیٰ اللہ کے دہنے ہاتھ کھڑا تھا۔
सो उसने कहा, “देखो। मैं देख रहा हूँ कि स्वर्ग खुला हुआ है और मनुष्य का पुत्र परमेश्वर के दाहिने खड़ा है।”
اُس نے کہا، ”دیکھو، مجھے آسمان کھلا ہوا دکھائی دے رہا ہے اور ابنِ آدم اللہ کے دہنے ہاتھ کھڑا ہے!“
इस पर उन्होंने चिल्लाते हुए अपने कान बन्द कर लिये और फिर वे सभी उस पर एक साथ झपट पड़े।
یہ سنتے ہی اُنہوں نے چیخ چیخ کر ہاتھوں سے اپنے کانوں کو بند کر لیا اور مل کر اُس پر جھپٹ پڑے۔
वे उसे घसीटते हुए नगर से बाहर ले गये और उस परपथराव करने लगे। तभी गवाहों ने अपने वस्त्र उतार कर शाउल नाम के एक युवक के चरणों में रख दिये।
پھر وہ اُسے شہر سے نکال کر سنگسار کرنے لگے۔ اور جن لوگوں نے اُس کے خلاف گواہی دی تھی اُنہوں نے اپنی چادریں اُتار کر ایک جوان آدمی کے پاؤں میں رکھ دیں۔ اُس آدمی کا نام ساؤل تھا۔
स्तिफ़नुस पर जब से उन्होंने पत्थर बरसाना प्रारम्भ किया, वह यह कहते हुए प्रार्थना करता रहा, “हे प्रभु यीशु, मेरी आत्मा को स्वीकार कर।”
جب وہ ستفنس کو سنگسار کر رہے تھے تو اُس نے دعا کر کے کہا، ”اے خداوند عیسیٰ، میری روح کو قبول کر۔“
फिर वह घुटनों के बल गिर पड़ा और ऊँचे स्वर में चिल्लाया, “प्रभु, इस पाप कोउनके विरुद्ध मत ले।” इतना कह कर वह चिर निद्रा में सो गया।
پھر گھٹنے ٹیک کر اُس نے اونچی آواز سے کہا، ”اے خداوند، اُنہیں اِس گناہ کے ذمہ دار نہ ٹھہرا۔“ یہ کہہ کر وہ انتقال کر گیا۔