II Kings 4

नबियों के समूह में से एक व्यक्ति की पत्नी थी। यह व्यक्ति मर गया। उसकी पत्नी ने एलीशा के सामने अपना दुखड़ा रोया, “मेरा पति तुम्हारे सेवक के समान था। अब मेरा पति मर गया है। तुम जानते हो कि वह यहोवा का सम्मान करता था। किन्तु उस पर एक व्यक्ति का कर्ज था और अब वह व्यक्ति मेरे दो लड़कों को अपना दास बनाने के लिये लेने आ रहा है।”
ایک دن ایک بیوہ الیشع کے پاس آئی جس کا شوہر جب زندہ تھا نبیوں کے گروہ میں شامل تھا۔ بیوہ چیختی چلّاتی الیشع سے مخاطب ہوئی، ”آپ جانتے ہیں کہ میرا شوہر جو آپ کی خدمت کرتا تھا اللہ کا خوف مانتا تھا۔ اب جب وہ فوت ہو گیا ہے تو اُس کا ایک ساہوکار آ کر دھمکی دے رہا ہے کہ اگر قرض ادا نہ کیا گیا تو مَیں تیرے دو بیٹوں کو غلام بنا کر لے جاؤں گا۔“
एलीशा ने पूछा, “मैं तुम्हारी सहायता कैसे कर सकता हूँ मुझे बताओ कि तुम्हारे घर में क्या है” उस स्त्री ने कहा, “मेरे घर में कुछ नहीं। मेरे पास केवल जैतून के तेल का एक घड़ा है।”
الیشع نے پوچھا، ”مَیں کس طرح آپ کی مدد کروں؟ بتائیں، گھر میں آپ کے پاس کیا ہے؟“ بیوہ نے جواب دیا، ”کچھ نہیں، صرف زیتون کے تیل کا چھوٹا سا برتن۔“
तब एलीशा ने कहा, “जाओ और अपने सब पड़ोसियों से कटोरे उधार लो। वे खाली होने चाहिये। बहुत से कटोरे उधार लो।
الیشع بولا، ”جائیں، اپنی تمام پڑوسنوں سے خالی برتن مانگیں۔ لیکن دھیان رکھیں کہ تھوڑے برتن نہ ہوں!
तब अपने घर जाओ और दरवाजे बन्द कर लो। केवल तुम और तुम्हारे पुत्र घर में रहेंगे। तब इन सब कटोरों में तेल डालो और उन कटोरों को भरो और एक अलग स्थान पर रखो।”
پھر اپنے بیٹوں کے ساتھ گھر میں جا کر دروازے پر کنڈی لگائیں۔ تیل کا اپنا برتن لے کر تمام خالی برتنوں میں تیل اُنڈیلتی جائیں۔ جب ایک بھر جائے تو اُسے ایک طرف رکھ کر دوسرے کو بھرنا شروع کریں۔“
अतः वह स्त्री एलीशा के यहाँ से चली गई, अपने घर पहुँची और दरवाजे बन्द कर लिए। केवल वह और उसके पुत्र घर में थे। उसके पुत्र कटोरे उसके पास लाए और उसने तेल डाला।
بیوہ نے جا کر ایسا ہی کیا۔ وہ اپنے بیٹوں کے ساتھ گھر میں گئی اور دروازے پر کنڈی لگائی۔ بیٹے اُسے خالی برتن دیتے گئے اور ماں اُن میں تیل اُنڈیلتی گئی۔
उसने बहुत से कटोरे भरे। अन्त में उसने अपने पुत्र से कहा, “मेरे पास दूसरा कटोरा लाओ।” किन्तु सभी प्याले भर चुके थे। पुत्रों में से एक ने उस स्त्री से कहा, “अब कोई कटोरा नहीं रह गया है।” उस समय घड़े का तेल खत्म हो चुका था।
برتنوں میں تیل ڈلتے ڈلتے سب لبالب بھر گئے۔ ماں بولی، ”مجھے ایک اَور برتن دے دو“ تو ایک لڑکے نے جواب دیا، ”اَور کوئی نہیں ہے۔“ تب تیل کا سلسلہ رُک گیا۔
तब वह स्त्री आई और उसने परमेश्वर के जन (एलीशा) से यह घटना बताई! एलीशा ने उससे कहा, “जाओ, तेल को बेच दो और अपना कर्ज लौटा दो। जब तुम तेल को बेच चुकोगी और अपना कर्ज लौटा चुकोगी तब तुम्हारा और तुम्हारे पुत्रों का गुजारा बची रकम से होगा।”
جب بیوہ نے مردِ خدا کے پاس جا کر اُسے اطلاع دی تو الیشع نے کہا، ”اب جا کر تیل کو بیچ دیں اور قرضے کے پیسے جمع کرائیں۔ جو بچ جائے اُسے آپ اور آپ کے بیٹے اپنی ضروریات پوری کرنے کے لئے استعمال کر سکتے ہیں۔“
एक दिन एलीशा शूनेम को गया। शूनेम में एक महत्वपूर्ण स्त्री रहती थी। इस स्त्री ने एलीशा से कहा कि वह ठहरे और उसके घर भोजन करे। इसलिये जब भी एलीशा उस स्थान से होकर जाता था तब भोजन करने के लिये वहाँ रूकता था।
ایک دن الیشع شونیم گیا۔ وہاں ایک امیر عورت رہتی تھی جس نے زبردستی اُسے اپنے گھر بٹھا کر کھانا کھلایا۔ بعد میں جب کبھی الیشع وہاں سے گزرتا تو وہ کھانے کے لئے اُس عورت کے گھر ٹھہر جاتا۔
उस स्त्री ने अपने पति से कहा, “देखो मैं समझती हूँ कि एलीशा परमेश्वर का जन है। वह सदा हमारे घर होकर जाता है।
ایک دن عورت نے اپنے شوہر سے بات کی، ”مَیں نے جان لیا ہے کہ جو آدمی ہمارے ہاں آتا رہتا ہے وہ اللہ کا مُقدّس پیغمبر ہے۔
कृपया हम लोग एक कमरा एलीशा के लिये छत पर बनाएं। इस कमरे में हम एक बिछौना लगा दें। उसमें हम लोग एक मेज, एक कुर्सी और एक दीपाधार रख दें। तब जब वह हमारे यहाँ आए तो वह इस कमरे को अपने रहने के लिये रख सकता है।”
کیوں نہ ہم اُس کے لئے چھت پر چھوٹا سا کمرا بنا کر اُس میں چارپائی، میز، کرسی اور شمع دان رکھیں۔ پھر جب بھی وہ ہمارے پاس آئے تو وہ اُس میں ٹھہر سکتا ہے۔“
एक दिन एलीशा उस स्त्री के घर आया। वह उस कमरे में गया और वहाँ आराम किया।
ایک دن جب الیشع آیا تو وہ اپنے کمرے میں جا کر بستر پر لیٹ گیا۔
एलीशा ने अपने सेवक गेहजी से कहा, “शूनेमिन स्त्री को बुलाओ।” सेवक ने शूनेमिन स्त्री को बुलाया और वह उसके सामने आ खड़ी हूई।
اُس نے اپنے نوکر جیحازی سے کہا، ”شونیمی میزبان کو بُلا لاؤ۔“ جب وہ آ کر اُس کے سامنے کھڑی ہوئی
एलीशा ने अपने सेवक से कहा—अब इस स्त्री से कहो, “देखो हम लोगों की देखभाल के लिये तुमने यथासम्भव अच्छा किया है। हम लोग तुम्हारे लिये क्या करें क्या तुम चाहती हो कि हम लोग तुम्हारे लिये राजा या सेना के सेनापती से बात करें” उस स्त्री ने उत्तर दिया, “मैं यहाँ बहुत अच्छी तरह अपने लोगों में रह रही हूँ।”
تو الیشع نے جیحازی سے کہا، ”اُسے بتا دینا کہ آپ نے ہمارے لئے بہت تکلیف اُٹھائی ہے۔ اب ہم آپ کے لئے کیا کچھ کریں؟ کیا ہم بادشاہ یا فوج کے کمانڈر سے بات کر کے آپ کی سفارش کریں؟“ عورت نے جواب دیا، ”نہیں، اِس کی ضرورت نہیں۔ مَیں اپنے ہی لوگوں کے درمیان رہتی ہوں۔“
एलीशा ने गेहजी से कहा, “हम उसके लिये क्या कर सकते हैं” गेहजी ने कहा, “मैं जानता हूँ कि उसका पुत्र नहीं है और उसका पति बूढ़ा है।”
بعد میں الیشع نے جیحازی سے بات کی، ”ہم اُس کے لئے کیا کریں؟“ جیحازی نے جواب دیا، ”ایک بات تو ہے۔ اُس کا کوئی بیٹا نہیں، اور اُس کا شوہر کافی بوڑھا ہے۔“
तब एलीशा ने कहा, “उसे बुलाओ।” अतः गेहजी ने उस स्त्री को बुलाया। वह आई और उसके दरवाजे के पास खड़ी हो गई।
الیشع بولا، ”اُسے واپس بُلاؤ۔“ عورت واپس آ کر دروازے میں کھڑی ہو گئی۔ الیشع نے اُس سے کہا،
एलीशा ने स्त्री से कहा, “अगले बसन्त में इस समय तुम अपने पुत्र को गले से लगा रही होगी।” उस स्त्री ने कहा, “नहीं महोदय! परमेश्वर के जन, मुझसे झूठ न बोलो।”
”اگلے سال اِسی وقت آپ کا اپنا بیٹا آپ کی گود میں ہو گا۔“ شونیمی عورت نے اعتراض کیا، ”نہیں نہیں، میرے آقا۔ مردِ خدا ایسی باتیں کر کے اپنی خادمہ کو جھوٹی تسلی مت دیں۔“
किन्तु वह स्त्री गर्भवती हुई। उसने अगले बसन्त में एक पुत्र को जन्म दिया, जैसा एलीशा ने कहा था।
لیکن ایسا ہی ہوا۔ کچھ دیر کے بعد عورت کا پاؤں بھاری ہو گیا، اور عین ایک سال کے بعد اُس کے ہاں بیٹا پیدا ہوا۔ سب کچھ ویسا ہی ہوا جیسا الیشع نے کہا تھا۔
लड़का बड़ा हुआ। एक दिन वह लड़का खेतों में अपने पिता और फसल काटते हुए पुरुषों को देखने गया।
بچہ پروان چڑھا، اور ایک دن وہ گھر سے نکل کر کھیت میں اپنے باپ کے پاس گیا جو فصل کی کٹائی کرنے والوں کے ساتھ کام کر رہا تھا۔
लड़के ने अपने पिता से कहा, “ओह, मेरा सिर! मेरा सिर फटा जा रहा है!” पिता ने अपने सेवक से कहा, “इसे इसकी माँ के पास ले जाओ!”
اچانک لڑکا چیخنے لگا، ”ہائے میرا سر، ہائے میرا سر!“ باپ نے کسی ملازم کو بتایا، ”لڑکے کو اُٹھا کر ماں کے پاس لے جاؤ۔“
सेवक उस लड़के को उसकी माँ के पास ले गया। लड़का दोपहर तक अपनी माँ की गोद मैं बैठा। तब वह मर गया।
نوکر اُسے اُٹھا کر لے گیا، اور وہ اپنی ماں کی گود میں بیٹھا رہا۔ لیکن دوپہر کو وہ مر گیا۔
उस स्त्री ने लड़के को परमेश्वर के जन (एलीशा) के बिछौने पर लिटा दिया। तब उसने दरवाजा बन्द किया और बाहर चली गई।
ماں لڑکے کی لاش کو لے کر چھت پر چڑھ گئی۔ مردِ خدا کے کمرے میں جا کر اُس نے اُسے اُس کے بستر پر لٹا دیا۔ پھر دروازے کو بند کر کے وہ باہر نکلی
उसने अपने पति को बुलाया और कहा, “कृपया मेरे पास सेवकों में से एक तथा गधों में से एक को भेजें। तब मैं परमेश्वर के जन (एलीशा) से मिलने शीघ्रता से जाऊँगी और लौट आऊँगी।”
اور اپنے شوہر کو بُلوا کر کہا، ”ذرا ایک نوکر اور ایک گدھی میرے پاس بھیج دیں۔ مجھے فوراً مردِ خدا کے پاس جانا ہے۔ مَیں جلد ہی واپس آ جاؤں گی۔“
उस स्त्री के पति ने कहा, “तुम आज परमेश्वर के जन (एलीशा) के पास क्यों जाना चाहती हो यह नवचन्द्र या सब्त का दिन नहीं है।” उसने कहा, “परेशान मत होओ। सब कुछ ठीक होगा।”
شوہر نے حیران ہو کر پوچھا، ”آج اُس کے پاس کیوں جانا ہے؟ نہ تو نئے چاند کی عید ہے، نہ سبت کا دن۔“ بیوی نے کہا، ”سب خیریت ہے۔“
तब उसने एक गधे पर काठी रखी और अपने सेवक से कहा, “आओ चलें और शीघ्रता करें। धीरे तभी चलो जब मैं कहूँ।”
گدھی پر زِین کس کر اُس نے نوکر کو حکم دیا، ”گدھی کو تیز چلا تاکہ ہم جلدی پہنچ جائیں۔ جب مَیں کہوں گی تب ہی رُکنا ہے، ورنہ نہیں۔“
वह स्त्री परमेश्वर के जन (एलीशा) से मिलने कर्म्मेल पर्वत पर गई। परमेश्वर के जन (एलीशा) ने शूनेमिन स्त्री को दूर से आते देखा। एलीशा ने अपने सेवक गेहजी से कहा, “देखो, वह शूनेमिन स्त्री है!
چلتے چلتے وہ کرمل پہاڑ کے پاس پہنچ گئے جہاں مردِ خدا الیشع تھا۔ اُسے دُور سے دیکھ کر الیشع جیحازی سے کہنے لگا، ”دیکھو، شونیم کی عورت آ رہی ہے!
कृपया अब दौड़ कर उससे मिलो। उससे पूछो, ‘क्या बुरा घटित हुआ है क्या तुम कुशल से हो क्या तुम्हारा पति कुशल से है क्या बच्चा ठीक है?’” गेहजी ने उस शूनेमिन स्त्री से यही पूछा। उसने उत्तर दिया, “सब कुशल है।”
بھاگ کر اُس کے پاس جاؤ اور پوچھو کہ کیا آپ، آپ کا شوہر اور بچہ ٹھیک ہیں؟“ جیحازی نے جا کر اُس کا حال پوچھا تو عورت نے جواب دیا، ”جی، سب ٹھیک ہے۔“
किन्तु शूनेमिन स्त्री पर्वत पर चढ़कर परमेश्वर के जन (एलीशा) के पास पहुँची। वह प्रणाम करने झुकी और उसने एलीशा के पाँव पकड़ लिये। गेहजी शूनेमिन स्त्री को दूर खींच लेने के लिये निकट आया। किन्तु परमेश्वर के जन (एलीशा) ने गेहजी से कहा, “उसे अकेला छोड़ दो! वह बहुत परेशान है और यहोवा ने इसके बारे में मुझसे नहीं कहा। यहोवा ने यह खबर मुझसे छिपाई।”
لیکن جوں ہی وہ پہاڑ کے پاس پہنچ گئی تو الیشع کے سامنے گر کر اُس کے پاؤں سے چمٹ گئی۔ یہ دیکھ کر جیحازی اُسے ہٹانے کے لئے قریب آیا، لیکن مردِ خدا بولا، ”چھوڑ دو! کوئی بات اِسے بہت تکلیف دے رہی ہے، لیکن رب نے وجہ مجھ سے چھپائے رکھی ہے۔ اُس نے مجھے اِس کے بارے میں کچھ نہیں بتایا۔“
तब शूनेमिन स्त्री ने कहा, “महोदय, मैंने आपसे पुत्र नहीं माँगा था। मैंने आपसे कहा था, ‘आप मुझे मूर्ख न बनाए!’”
پھر شونیمی عورت بول اُٹھی، ”میرے آقا، کیا مَیں نے آپ سے بیٹے کی درخواست کی تھی؟ کیا مَیں نے نہیں کہا تھا کہ مجھے غلط اُمید نہ دلائیں؟“
तब एलीशा ने गेहजी से कहा, “जाने के लिये तैयार हो जाओ। मेरी टहलने की छड़ी ले लो और जाओ। किसी से बात करने के लिये न रुको। यदि तुम किसी व्यक्ति से मिलो तो उसे नमस्कार भी न कहो। यदि कोई व्यक्ति नमस्कार करे तो तुम उसका उत्तर भी न दो। मेरी टहलने की छड़ी को बच्चे के चेहरे पर रखो।”
تب الیشع نے نوکر کو حکم دیا، ”جیحازی، سفر کے لئے کمربستہ ہو کر میری لاٹھی کو لے لو اور بھاگ کر شونیم پہنچو۔ اگر راستے میں کسی سے ملو تو اُسے سلام تک نہ کرنا، اور اگر کوئی سلام کہے تو اُسے جواب مت دینا۔ جب وہاں پہنچو گے تو میری لاٹھی لڑکے کے چہرے پر رکھ دینا۔“
किन्तु बच्चे की माँ ने कहा, “जैसा कि यहोवा शाश्वत है और आप जीवित हैं मैं इसको साक्षी कर प्रतिज्ञा करती हूँ कि मैं आपके बिना यहाँ से नहीं जाऊँगी।” अतः एलीशा उठा और शूनेमिन स्त्री के साथ चल पड़ा।
لیکن ماں نے اعتراض کیا، ”رب کی اور آپ کی حیات کی قَسم، آپ کے بغیر مَیں گھر واپس نہیں جاؤں گی۔“ چنانچہ الیشع بھی اُٹھا اور عورت کے پیچھے پیچھے چل پڑا۔
गेहजी शूनेमिन स्त्री के घर, एलीशा और शूनेमिन से पहले पहुँचा। गेहजी ने टहलने की छड़ी को बच्चे के चेहरे पर रखा। किन्तु बच्चे ने न कोई बात की और न ही कोई ऐसा संकेत दिया जिससे यह लगे कि उसने कुछ सुना है। तब गेहजी एलीशा से मिलने लौटा। गेहजी ने एलीशा से कहा, “बच्चा नहीं जागा!”
جیحازی بھاگ بھاگ کر اُن سے پہلے پہنچ گیا اور لاٹھی کو لڑکے کے چہرے پر رکھ دیا۔ لیکن کچھ نہ ہوا۔ نہ کوئی آواز سنائی دی، نہ کوئی حرکت ہوئی۔ وہ الیشع کے پاس واپس آیا اور بولا، ”لڑکا ابھی تک مُردہ ہی ہے۔“
एलीशा घर में आया और बच्चा अपने बिछौने पर मरा पड़ा था।
جب الیشع پہنچ گیا تو لڑکا اب تک مُردہ حالت میں اُس کے بستر پر پڑا تھا۔
एलीशा कमरे में आया और उसने दरवाजा बन्द कर लिया। अब एलीशा और वह बच्चा कमरे में अकेले थे। तब एलीशा ने यहोवा से प्रार्थना की।
وہ اکیلا ہی اندر گیا اور دروازے پر کنڈی لگا کر رب سے دعا کرنے لگا۔
एलीशा बिछौनो पर गया और बच्चे पर लेटा। एलीशा ने अपना मुख बच्चे के मुख पर रखा। एलीशा ने अपनी आँखें बच्चे की आँखों पर रखीं। एलीशा ने अपने हाथों को बच्चे के हाथों पर रखा। एलीशा ने अपने को बच्चे के ऊपर फैलाया। तब बच्चे का शरीर गर्म हो गया।
پھر وہ لڑکے پر لیٹ گیا، یوں کہ اُس کا منہ بچے کے منہ سے، اُس کی آنکھیں بچے کی آنکھوں سے اور اُس کے ہاتھ بچے کے ہاتھوں سے لگ گئے۔ اور جوں ہی وہ لڑکے پر جھک گیا تو اُس کا جسم گرم ہونے لگا۔
एलीशा कमरे के बाहर आया और घर में चारों ओर घूमा। तब वह कमरे में लौटा और बच्चे के ऊपर लेट गया। तब बच्चा सात बार छींका और उसने आँखें खोलीं।
الیشع کھڑا ہوا اور گھر میں اِدھر اُدھر پھرنے لگا۔ پھر وہ ایک اَور مرتبہ لڑکے پر لیٹ گیا۔ اِس دفعہ لڑکے نے سات بار چھینکیں مار کر اپنی آنکھیں کھول دیں۔
एलीशा ने गेहजी को बुलाया और कहा, “शूनेमिन स्त्री को बुलाओ!” गेहजी ने शूनेमिन स्त्री को बुलाया और वह एलीशा के पास आई। एलीशा ने कहा, “अपने पुत्र को उठा लो।”
الیشع نے جیحازی کو آواز دے کر کہا، ”شونیمی عورت کو بُلا لاؤ۔“ وہ کمرے میں داخل ہوئی تو الیشع بولا، ”آئیں، اپنے بیٹے کو اُٹھا کر لے جائیں۔“
तब शूनेमिन स्त्री कमरे में गई और एलीशा के चरणों पर झुकी। तब उसने अपने पुत्र को उठाया और वह बाहर गई।
وہ آئی اور الیشع کے سامنے اوندھے منہ جھک گئی، پھر اپنے بیٹے کو اُٹھا کر کمرے سے باہر چلی گئی۔
एलीशा फिर गिलगाल आ गया। उस समय देश में भुखमरी का समय था। नबियों का समूह एलीशा के सामने बैठा था। एलीशा ने अपने सेवक से कहा, “बड़े बर्तन को आग पर रखो और नबियों के समूह के लिये कुछ शोरवा बानाओ।”
الیشع جِلجال کو لوٹ آیا۔ اُن دنوں میں ملک کال کی گرفت میں تھا۔ ایک دن جب نبیوں کا گروہ اُس کے سامنے بیٹھا تھا تو اُس نے اپنے نوکر کو حکم دیا، ”بڑی دیگ لے کر نبیوں کے لئے کچھ پکا لو۔“
एक व्यक्ति खेतों में साग सब्जी इकट्ठा करने गया। उसे एक जंगली बेल मिली। उसने कुछ जंगली लौकियाँ इस बेल से तोड़ीं और उनसे अपने लबादे की जेब को भर लिया। तब वह आया और उसने जंगली लौकियों को बर्तन में डाल दिया। किन्तु नबियों का समूह नहीं जानता था कि वे कैसी लौकियाँ हैं।
ایک آدمی باہر نکل کر کھلے میدان میں کدو ڈھونڈنے گیا۔ کہیں ایک بیل نظر آئی جس پر کدو جیسی کوئی سبزی لگی تھی۔ اِن کدوؤں سے اپنی چادر بھر کر وہ واپس آیا اور اُنہیں کاٹ کاٹ کر دیگ میں ڈال دیا، حالانکہ کسی کو بھی معلوم نہیں تھا کہ کیا چیز ہے۔
तब उन्होंने कुछ शोरवा व्यक्तियों को खाने के लिये दिया। किन्तु जब उन्होंने शोरवे को खाना आरम्भ किया, तो उन्होंने एलीशा से चिल्लाकर कहा, “परमेश्वर के जन! बर्तन में जहर है!” वे उस बर्तन से कुछ नहीं खा सके क्योंकि भोजन खाना खतरे से रहित नहीं था।
سالن پک کر نبیوں میں تقسیم ہوا۔ لیکن اُسے چکھتے ہی وہ چیخنے لگے، ”مردِ خدا، سالن میں زہر ہے! اِسے کھا کر بندہ مر جائے گا۔“ وہ اُسے بالکل نہ کھا سکے۔
किन्तु एलीशा ने कहा, “कुछ आटा लाओ।” वे एलीशा के पास आटा ले आए और उसने उसे बर्तन में डाल दिया। तब एलीशा ने कहा, “शोरवे को लोगों के लिये डालो जिससे वे खा सकें।” तब शोरवे में कोई दोष नहीं था!
الیشع نے حکم دیا، ”مجھے کچھ میدہ لا کر دیں۔“ پھر اُسے دیگ میں ڈال کر بولا، ”اب اِسے لوگوں کو کھلا دیں۔“ اب کھانا کھانے کے قابل تھا اور اُنہیں نقصان نہ پہنچا سکا۔
एक व्यक्ति बालशालीशा से आया और पहली फसल से परमेश्वर के जन (एलीशा) के लिये रोटी लाया। यह व्यक्ति बीस जौ की रोटियाँ और नया अन्न अपनी बोरी में लाया। तब एलीशा ने कहा, “यह भोजन लोगों को दो, जिसे वे खा सकें।”
ایک اَور موقع پر کسی آدمی نے بعل سلیسہ سے آ کر مردِ خدا کو نئی فصل کے جَو کی 20 روٹیاں اور کچھ اناج دے دیا۔ الیشع نے جیحازی کو حکم دیا، ”اِسے لوگوں کو کھلا دو۔“
एलीशा के सेवक ने कहा, “आपने क्या कहा यहाँ तो सौ व्यक्ति हैं। उन सभी व्यक्तियों को यह भोजन मैं कैसे दे सकता हूँ” किन्तु एलीशा ने कहा, “लोगों को खाने के लिए भोजन दो। यहोवा कहता है, ‘वे भोजन कर लेंगे और भोजन बच भी जायेगा।’”
جیحازی حیران ہو کر بولا، ”یہ کیسے ممکن ہے؟ یہ تو 100 آدمیوں کے لئے کافی نہیں ہے۔“ لیکن الیشع نے اصرار کیا، ”اِسے لوگوں میں تقسیم کر دو، کیونکہ رب فرماتا ہے کہ وہ جی بھر کر کھائیں گے بلکہ کچھ بچ بھی جائے گا۔“
तब एलीशा के सेवक ने नबियों के समूह के सामने भोजन परोसा। नबियों के समूह के खाने के लिये भोजन पर्याप्त हुआ और उनके पास भोजन बचा भी रहा। यह वैसा ही हुआ जैसा यहोवा ने कहा था।
اور ایسا ہی ہوا۔ جب نوکر نے آدمیوں میں کھانا تقسیم کیا تو اُنہوں نے جی بھر کر کھایا، بلکہ کچھ کھانا بچ بھی گیا۔ ویسا ہی ہوا جیسا رب نے فرمایا تھا۔