“मेरी सुन, क्योंकि मैं कराह रही हूँ!
मेरे पास कोई नहीं है जो मुझको चैन दे,
मेरे सब शत्रुओं ने मेरी दु:खों की बात सुन ली है।
वे बहुत प्रसन्न हैं।
वे बहुत ही प्रसन्न हैं क्योंकि तूने मेरे साथ ऐसा किया।
अब उस दिन को ले आ
जिसकी तूने घोषणा की थी।
उस दिन तू मेरे शत्रुओं को वैसी ही बना दे जैसी मैं अब हूँ।
Почули, що я ось стогну, й немає мені потішителя, вчули про лихо моє всі мої вороги, та й зраділи, що Ти це зробив... Спровадив Ти день, що його заповів, бодай сталося їм, як мені!