किन्तु वे परमेश्वर से सहायता नहीं माँगते।
वे नही कहते हैं कि, ‘परमेश्वर जिसने हम को रचा है वह कहाँ है? परमेश्वर जो हताश जन को आशा दिया करता है वह कहाँ है?’
Та не скаже ніхто: Де ж той Бог, що мене Він створив, що вночі дає співи,
अय्यूब, इसी तरह परमेश्वर तेरी नहीं सुनेगा,
जब तू यह कहता है कि वह तुझको दिखाई नहीं देता
और तू उससे मिलने के अवसर की प्रतीक्षा में है,
और यह प्रमाणित करने की तू निर्दोष है।
Що ж тоді, коли кажеш: Не бачив Його! Та є суд перед Ним, і чекай ти його!
इसलिये अय्यूब निज व्यर्थ बातें करता रहता है।
अय्यूब ऐसा व्यवहार कर रहा है कि जैसे वह महत्वपूर्ण है।
किन्तु यह देखना कितना सरल है कि अय्यूब नहीं जानता कि वह क्या कह रहा है।”
то намарно Йов уста свої відкриває та множить слова без знання...