परमेश्वर ने मुझको मेरी माता के गर्भ में बनाया, और मेरे दासों को भी उसने माता के गर्भ में हीं बनाया,
उसने हम दोनों ही को अपनी—अपनी माता के भीतर ही रूप दिया है।
Чи ж не Той, Хто мене учинив у нутрі, учинив і його, і Один утворив нас в утробі?
तो मैं सदा उन लोगों को वस्त्र देता रहा,
मैंने उन्हें गर्म रखने को मैंने स्वयं अपनी भेड़ों के ऊन का उपयोग किया,
तो वे मुझे अपने समूचे मन से आशीष दिया करते थे।
чи ж не благословляли мене його стегна, і руном овечок моїх він не грівся?
क्यों क्योंकि लोग कहा करते हैं कि मैं उससे कभी नहीं डरा।
मैं कभी चुप न रहा और मैंने कभी बाहर जाने से मना नहीं किया
क्योंकि उन लोगों से जो मेरे प्रति बैर रखते हैं कभी नहीं डरा।
Бо тоді я боявся б великого натовпу, і сором від родів жахав би мене, я мовчав би, й з дверей не виходив...
“ओह! काश कोई होता जो मेरी सुनता!
मुझे अपनी बात समझाने दो।
काश! शक्तिशाली परमेश्वर मुझे उत्तर देता।
काश! वह उन बातों को लिखता जो मैंने गलत किया था उसकी दृष्टि में।
О, якби мене вислухав хто! Оце підпис моєї руки: Нехай Всемогутній мені відповість, а ось звій, зо скаргою, що його написав мій противник...