Job 30

“अब, आयु में छोटे लोग मेरा माजक बनाते हैं। उन युवा पुरुषों के पित बिलकुल ही निकम्मे थे। जिनको मैं उन कुत्तों तक की सहायता नहीं करने देता था जो भेंड़ों के रखवाले हैं।
А тепер насміхаються з мене молодші від мене літами, ті, що їхніх батьків я бридився б покласти із псами отари моєї...
उन युवा पुरुषों के पिता मुझे सहारा देने की कोई शक्ति नहीं रखते हैं, वे बूढे हो चुके हैं और थके हुये हैं।
Та й сила рук їхніх для чого бувала мені? Повня сил їх минулась!
वे व्यक्ति मुर्दे जैसे हैं क्योंकि खाने को उनके पास कुछ नहीं है और वे भूखे हैं, सो वे मरुभूमि के सूखे कन्द खाना चाहते हैं।
Самотні були в недостатку та голоді, ссали вони суху землю, зруйновану та опустілу!
वे लोग मरुभूमि में खारे पौधों को उखाड़ते हैं और वे पीले फूल वाले पीलू के पेड़ों की जड़ों को खाते हैं।
рвали вони лободу на кущах, ялівцеве ж коріння було їхнім хлібом...
वे लोग, दूसरे लोगों से भगाये गये हैं लोग जैसे चोर पर पुकारते हैं उन पर पुकारते हैं।
Вони були вигнані з-поміж людей, кричали на них, немов на злодіїв,
ऐसे वे बूढ़े लोग सूखी हुई नदी के तलों में चट्टानों के सहारे और धरती के बिलों में रहने को विवश हैं।
так що вони пробували в яругах долин, по ямах підземних та скелях,
वे झाड़ियों के भीतर रेंकते हैं। कंटीली झाड़ियों के नीचे वे आपस में एकत्र होते हैं।
ревіли вони між кущами, збирались під терням,
वे बेकार के लोगों का दल है, जिनके नाम तक नहीं हैं। उनको अपना गाँव छोड़ने को मजबूर किया गया है।
сини нерозумного й діти неславного, вони були вигнані з краю!
“अब ऐसे उन लोगों के पुत्र मेरी हँसी उड़ाने को मेरे विषय में गीत गाते हैं। मेरा नाम उनके लिये अपशब्द सा बन गया है।
А тепер я став піснею їм, і зробився для них поговором...
वे युवक मुझसे घृणा करते हैं। वे मुझसे दूर खड़े रहते हैं और सोचते हैं कि वे मुझसे उत्तम हैं। यहाँ तक कि वे मेरे मुँह पर थूकते हैं।
Вони обридили мене, віддалились від мене, і від мойого обличчя не стримали слини,
परमेश्वर ने मेरे धनुष से उसकी डोर छीन ली है और मुझे दुर्बल किया है। वे युवक अपने आप नहीं रुकते हैं बल्कि क्रोधित होते हुये मुझ पर मेरे विरोध में हो जाते हैं।
бо Він розв'язав мого пояса й мучить мене, то й вони ось вуздечку із себе відкинули перед обличчям моїм...
वे युवक मेरी दाहिनी ओर मुझ पर प्रहार करते हैं। वे मुझे मिट्टी में गिराते हैं वे ढलुआ चबूतरे बनाते हैं, मेरे विरोध में मुझ पर प्रहार करके मुझे नष्ट करने को।
По правиці встають жовтодзюбі, ноги мені підставляють, і топчуть на мене дороги нещастя свого...
वे युवक मेरी राह पर निगरानी रखते हैं कि मैं बच निकल कर भागने न पाऊँ। वे मुझे नष्ट करने में सफल हो जाते हैं। उनके विरोध में मेरी सहायता करने को मेरे साथ कोई नहीं है।
Порили вони мою стежку, хочуть мати користь із мойого життя, немає кому їх затримати,
वे मुझ पर ऐसे वार करते हैं, जैसे वे दिवार में सूराख निकाल रहें हो। एक के बाद एक आती लहर के समान वे मुझ पर झपट कर धावा करते हैं।
немов через вилім широкий приходять, валяються попід румовищем...
मुझको भय जकड़ लेता है। जैसे हवा वस्तुओं को उड़ा ले जाती है, वैसी ही वे युवक मेरा आदर उड़ा देते हैं। जैसे मेघ अदृश्य हो जाता है, वैसे ही मेरी सुरक्षा अदृश्य हो जाती है।
Обернулось страхіття на мене, моя слава пронеслась, як вітер, і, як хмара, минулося щастя моє...
“अब मेरा जीवन बीतने को है और मैं शीघ्र ही मर जाऊँगा। मुझको संकट के दिनों ने दबोच लिया है।
А тепер розливається в мене душа моя, хапають мене дні нещастя!
मेरी सब हड्डियाँ रात को दुखती हैं, पीड़ा मुझको चबाना नहीं छोड़ती है।
Вночі мої кості від мене віддовбуються, а жили мої не вспокоюються...
मेरे गिरेबान को परमेश्वर बड़े बल से पकड़ता है, वह मेरे कपड़ों का रूप बिगाड़ देता है।
З великої Божої сили змінилося тіло моє, і недуга мене оперізує, мов той хітон.
परमेश्वर मुझे कीच में धकेलता है और मैं मिट्टी व राख सा बनता हूँ।
Він укинув мене до болота, і став я подібний до пороху й попелу.
“हे परमेश्वर, मैं सहारा पाने को तुझको पुकारता हूँ, किन्तु तू उत्तर नहीं देता है। मैं खड़ा होता हूँ और प्रार्थना करता हूँ, किन्तु तू मुझ पर ध्यान नहीं देता।
Я кличу до Тебе, та Ти мені відповіді не даєш, я перед Тобою стою, Ти ж на мене лише придивляєшся...
हे परमेश्वर, तू मेरे लिये निर्दयी हो गया है, तू मुझे हानि पहुँचाने को अपनी शक्ति का प्रयोग करता है।
Ти змінився мені на жорстокого, мене Ти женеш силою Своєї руки...
हे परमेश्वर, तू मुझे तीव्र आँधी द्वारा उड़ा देता है। तूफान के बीच में तू मुझको थपेड़े खिलाता है।
На вітер підняв Ти мене, на нього мене посадив, і робиш, щоб я розтопивсь на спустошення!
मैं जानता हूँ तू मुझे मेरी मृत्यु की ओर ले जा रहा है जहाँ अन्त में हर किसी को जाना है।
Знаю я: Ти до смерти провадиш мене, і до дому зібрання, якого призначив для всього живого...
“किन्तु निश्चय ही कोई मरे हुये को, और उसे जो सहायता के लिये पुकारता है, उसको नहीं मारता।
Хіба не простягає руки потопельник, чи він у нещасті своїм не кричить?
हे परमेश्वर, तू तो यह जानता है कि मैं उनके लिये रोया जो संकट में पड़े हैं। तू तो यह जानता है कि मेरा मन गरीब लोगों के लिये बहुत दु:खी रहता था।
Чи ж не плакав я за бідарем? Чи за вбогим душа моя не сумувала?
किन्तु जब मैं भला चाहता था, तो बुरा हो जाता था। मैं प्रकाश ढूँढता था और अंधेरा छा जाता था।
Бо чекав я добра, але лихо прийшло, сподівався я світла, та темнота прийшла...
मैं भीतर से फट गया हूँ और यह ऐसा है कि कभी नहीं रुकता मेरे आगे संकट का समय है।
Киплять мої нутрощі й не замовкають, зустріли мене дні нещастя,
मैं सदा ही व्याकुल रहता हूँ। मुझको चैन नहीं मिल पाता है। मैं सभा के बीच में खड़ा होता हूँ, और सहारे को गुहारता हूँ।
ходжу почорнілий без сонця, на зборі встаю та кричу...
मैं जंगली कुत्तों के जैसा बन गया हूँ, मेरे मित्र बस केवल शतुर्मुर्ग ही है।
Я став братом шакалам, а струсятам товаришем,
मेरी त्वचा काली पड़ गई है। मेरा तन बुखार से तप रहा है।
моя шкіра зчорніла та й лупиться з мене, від спекоти спалилися кості мої...
मेरी वीणा करुण गीत गाने की सधी है और मेरी बांसुरी से दु:ख के रोने जैसे स्वर निकलते हैं।
І стала жалобою арфа моя, а сопілка моя зойком плачливим...