यूसुफ अपने को और अधिक न संभाल सका। वह वहाँ उपस्थित सभी लोगों के सामने हो पड़ा। यूसुफ ने कहा, “हर एक से कहो कि यहाँ से हट जाए।” इसलिए सभी लोग चले गये। केवल उसके भाई ही यूसुफ के साथ रह गए। तब यूसुफ ने उन्हें बताया कि वह कौन है।
І не міг Йосип здержатися при всіх, що стояли біля нього, та й закричав: Виведіть усіх людей від мене! І не було з ним нікого, коли Йосип відкрився браттям своїм.
यूसुफ ने अपने भाईयों से कहा, “मैं आप लोगों का भाई यूसुफ हूँ। क्या मेरे पिता सकुशल हैं?” किन्तु भाईयों ने उसको उत्तर नहीं दिया। वे डरे हुए तथा उलझन में थे।
І Йосип промовив до браттів своїх: Я Йосип... Чи живий ще мій батько?... І не могли його браття йому відповісти, бо вони налякались його...
इसलिए यूसुफ ने अपने भाईयों से फिर कहा, “मेरे पास आओ।” इसलिए यूसुफ के भाई निकट गए और यूसुफ ने उनसे कहा, “मैं आप लोगों का भाई यूसुफ हूँ। मैं वहीं हूँ जिसे मिस्रियों के हाथ आप लोगों ने दास के रूप में बेचा था।
А Йосип промовив до братів своїх: Підійдіть же до мене! І вони підійшли, а він проказав: Я Йосип, ваш брат, якого ви продали були до Єгипту...
अब परेशान न हों। आप लोग अपने किए हुए के लिए स्वयं भी पश्चाताप न करें। वह तो मेरे लिए परमेश्वर की योजना थी कि मैं यहाँ आऊँ। मैं यहाँ तुम लोगों का जीवन बचाने के लिए आया हूँ।
А тепер не сумуйте, і нехай не буде жалю в ваших очах, що ви продали мене сюди, бо то Бог послав мене перед вами для виживлення.
यह आप लोगों का दोष नहीं था कि मैं यहाँ भेजा गया। वह परमेश्वर की योजना थी। परमेश्वर ने मुझे फ़िरौन के पिता सदृश बनाया। ताकि मैं उसके सारे घर और सारे मिस्र का शासक रहूँ।”
І виходить тепер, не ви послали мене сюди, але Бог. І Він зробив мене батьком фараоновим і паном усього дому його, і володарем усього краю єгипетського.
यूसुफ ने कहा, “इसलिए जल्दी मेरे पिता के पास जाओ। मेरे पिता से कहो कि उसके पुत्र यूसुफ ने यह सन्देश भेजा है: ‘परमेश्वर ने मुझे पूरे मिस्र का शासक बनाया है। मेरे पास आइये। प्रतीक्षा न करें। अभी आएँ।
Поспішіть, і йдіть до батька мого, та й скажіть йому: Отак сказав син твій Йосип: Бог зробив мене володарем усього Єгипту. Зійди ж до мене, не гайся.
“यूसुफ अपने भाईयों से बात करता रहा। उसने कहा, “अब आप लोग देखते हैं कि यह सचमुच मैं ही हूँ, और आप लोगों का भाई बिन्यामीन जानता है कि यह मैं हूँ। मैं आप लोगों का भाई आप लोगों से बात कर रहा हूँ।
І ось очі ваші й очі брата мого Веніямина бачать, що це мої уста говорять до вас.
इसलिए मेरे पिता से मेरी मिस्र की अत्याधिक सम्पत्ति के बारे में कहें। आप लोगों ने जो यहाँ देखा है उस हर एक चीज़ के बारे में मेरे पिता को बताएं। अब जल्दी करो और मेरे पिता को लेकर मेरे पास लौटो।”
І оповісте батькові моєму про всю славу мою в Єгипті, та про все, що ви бачили. І поспішіть, і приведіть вашого батька сюди.
अपने भाईयों से कहो कि वे अपने पिता और अपने परिवारों को लेकर यहाँ मेरे पास आएं। मैं तुम्हें जीविका के लिए मिस्र में सबसे अच्छी भूमि दूँगा और तुम्हारा परिवार सबसे अच्छा भोजन करेगा जो हमारे पास यहाँ है।
І заберіть вашого батька й доми ваші, та й прийдіть до мене, а я дам вам добра єгипетського краю. І споживайте ситість землі.
तब फ़िरौन ने कहा, “हमारी सबसे अच्छी गाड़ियों में से कुछ अपने भाईयों को दो। उन्हें कनान जाने और गाड़ियों में अपने पिता, स्त्रियों और बच्चों को यहाँ लाने को कहो।
А ти одержав наказа сказати: Зробіть це: Візьміть собі з єгипетського краю вози для ваших дітей та для ваших жінок, і привезіть свого батька й прибудьте.
यूसुफ ने हर एक भाई को एक एक जोड़ा सुन्दर वस्त्र दिया। किन्तु यूसुफ ने बिन्यामीन को पाँच जोड़े सुन्दर वस्त्र दिए और यूसुफ ने बिन्यामीन को तीन सौ चाँदी के सिक्के भी दिए।
І дав усім їм кожному переміни одежі, а Веніяминові дав три сотні срібла та п'ять перемін одежі.
यूसुफ ने अपने पिता को भी भेंटें भेजीं। उसने मिस्र से बहुत सी अच्छी चीज़ों से भरी बोरियों से लदे दस गधों को भेजा और उसने अपने पिता के लिए अन्न, रोटी और अन्य भोजन से लदी हुई दस गदहियों को उनकी वापसी यात्रा के लिए भेजा।
А батькові своєму послав він оце: десять ослів, нав'ючених з добра Єгипту, і десять ослиць, нав'ючених збіжжям, і хліб, і поживу для батька його на дорогу.
किन्तु यूसुफ ने जो बातें कही थीं, भाईयों ने हर एक बात अपने पिता से कही। तब याकूब ने उन गाड़ियों को देखा जिन्हें यूसुफ ने उसे मिस्र की वापसी यात्रा के लिए भेजा था। तब याकूब भाबुक हो गया और अत्यन्त प्रसन्न हुआ।
І переказували йому всі слова Йосипові, що говорив він до них. І як побачив він вози, що послав Йосип, щоб везти його, то ожив дух Якова, їхнього батька.