याकूब और एसाव के परिवार अब बहुत बढ़ गये और कनान में इस बड़े परिवार का खान—पान जुटा पाना कठिन हो गया। इसलिए एसाव ने कनान छोड़ दिया और अपने भाई याकूब से दूर दूसरे प्रदेश में चला गया। एसाव अपनी सभी चीज़ों को अपने साथ लाया। कनान में रहते हुए उसने ये चीज़ें प्राप्त की थीं। इसलिए एसाव अपने साथ अपनी पत्नियों, पुत्रों, पुत्रियों सभी सेवकों, पशु और अन्य जानवरों को लाया। एसाव और याकूब के परिवार इतने बड़े हो रहे थे कि उनका एक स्थान पर रहना कठिन था। वह भूमि दोनों परिवारों के पोषण के लिए काफी बड़ी नहीं थी। उनके पास अत्याधिक पशु थे। एसाव पहाड़ी प्रदेश सेईर की ओर बढ़ा। (एसाव का नाम एदोम भी है।)
І взяв Ісав жінок своїх, і синів своїх, і дочок своїх, і всі душі дому свого, і худобу свою, і все стадо своє, і все своє майно, що набув у ханаанській землі, та й пішов до Краю від обличчя Якова, брата свого,