निरीक्षक को निर्दोष तथा किसी भी बुराई से अछूता होना चाहिए। क्योंकि जिसे परमेश्वर का काम सौंपा गया है, उसे अड़ियल, चिड़चिड़ा और दाखमधु पीने में उसकी रूचि नहीं होनी चाहिए। उसे झगड़ालू, नीच कमाई का लोलुप नहीं होना चाहिए
Διοτι πρεπει ο επισκοπος να ηναι ανεγκλητος, ως οικονομος Θεου, μη αυθαδης, μη οργιλος, μη μεθυσος, μη πληκτης, μη αισχροκερδης,