अन्य देशों की देव मूर्तियों,
ककड़ी के खेत में खड़े फूस के पुतले के समान हैं।
वे न बोल सकती हैं, और न चल सकती हैं।
उन्हें उठा कर ले जाना पड़ता है क्योंकि वे चल नहीं सकते।
उनसे मत डरो। वे न तो तुमको चोट पहुँचा सकती हैं
और न ही कोई लाभ!”
Salatalık bostanındaki korkuluk gibidir putları,
Konuşamazlar;
Onları taşımak gerek, çünkü yürüyemezler.
Onlardan korkmayın, zarar veremezler;
İyilik de edemezler.”