वहाँ सभी लोग मेरा मान किया करते थे।
युवा पुरुष जब मुझे देखते थे तो मेरी राह से हट जाया करते थे।
और वृद्ध पुरुष मेरे प्रति सम्मान दर्शाने के लिये उठ खड़े होते थे।
Los mozos me veían, y se escondían; Y los viejos se levantaban, y estaban en pie;
यहाँ तक की अत्यन्त महत्वपूर्ण नेता भी अपना स्वर नीचा कर लेते थे,
जब मैं उनके निकट जाया करता था।
हाँ! ऐसा लगा करता था कि
उनकी जिहवायें उनके तालू से चिपकी हों।
La voz de los principales se ocultaba, Y su lengua se pegaba á su paladar:
क्यों? क्योंकि जब किसी दीन ने सहायता के लिये पुकारा, मैंने सहायता की।
उस बच्चे को मैंने सहारा दिया जिसके माँ बाप नहीं और जिसका कोई भी नहीं ध्यान रखने को।
Porque libraba al pobre que gritaba, Y al huérfano que carecía de ayudador.
मेरे बोल चुकने के बाद, उन लोगों के पास जो मेरी बात सुनते थे, कुछ भी बोलने को नहीं होता था।
मेरे शब्द धीरे—धीरे उनके कानों में वर्षा की तरह पड़ा करते थे।
Tras mi palabra no replicaban, Y mi razón destilaba sobre ellos.
मैंने उत्तरदायित्व लिया और लोगों के लिये निर्णय किये, मैं नेता बन गया।
मैंने उनकी सेना के दलों के बीच राजा जैसा जीवन जिया।
मैं ऐसा व्यक्ति था जो उन लोगों को चैन देता था जो बहुत ही दु:खी है।
Calificaba yo el camino de ellos, y sentábame en cabecera; Y moraba como rey en el ejército, Como el que consuela llorosos.