पुत्रों का अभिषेक वैसे ही करो जैसे उनके पिता का अभिषेक किया। तब वे भी मेरी सेवा याजक के रूप में कर सकते हैं। जब तुम अभिषेक करोगे, वे याजक हो जाएंगे। वह परिवार भविष्य में भी सदा के लिये याजक बना रहेगा।”
şi să -i ungi cum ai uns pe tatăl lor, ca să-Mi facă slujba de preoţi. În puterea acestei ungeri, ei vor avea pururea dreptul preoţiei, printre urmaşii lor.``