जिस वर्ष राजा उज्जिय्याह की मृत्यु हुई, मैंने अपने अद्भुत स्वामी के दर्शन किये। वह एक बहुत ऊँचे सिंहासन पर विराजमान था। उसके लम्वे चोगे से मन्दिर भर गया था।
No ano em que morreu o rei Uzias, eu vi o Senhor assentado sobre um alto e sublime trono, e as orlas do seu manto enchiam o templo.
यहोवा के चारों ओर साराप स्वर्गदूत खड़े थे। हर साराप (स्वर्गदूत) के छः छः पंख थे। इनमें से दो पंखों का प्रयोग वे अपने मुखों को ढकने के लिए किया करते थे तथा दो पंखों का प्रयोग अपने पैरों को ढकने के लिये करते थे और दो पंखों को वे उड़ने के काम में लाते थे।
Ao seu redor havia serafins; cada um tinha seis asas; com duas cobria o rosto, e com duas cobria os pés e com duas voava.
हर स्वर्गदूत दूसरे स्वर्गदूत से पुकार—पुकार कर कह रहे थे, “पवित्र, पवित्र, पवित्र, सर्वशक्तिशाली यहोवा परम पवित्र है! यहोवा की महिमा सारी धरती पर फैली है।” स्वर्गदूतों की वाणी के स्वर बहुत ऊँचे थे।
E clamavam uns para os outros, dizendo: Santo, santo, santo é o Senhor dos exércitos; a terra toda está cheia da sua glória.
मैं बहुत डर गया था। मैंने कहा, “अरे, नहीं! मैं तो नष्ट हो जाऊँगा। मैं उतना शुद्ध नहीं हूँ कि परमेश्वर से बातें करूँ और मैं ऐसे लोगों के बीच रहता हूँ जो उतने शुद्ध नहीं हैं कि परमेश्वर से बातें कर सकें। किन्तु फिर भी मैंने उस राजा, सर्वशक्तिमान यहोवा, के दर्शन कर लिये हैं।”
Então disse eu: Ai de mim! Pois estou perdido; porque sou homem de lábios impuros, e habito no meio dum povo de impuros lábios; e os meus olhos viram o rei, o Senhor dos exércitos!
उस दहकते हुए कोयले से मेरे मुख को छूआ दिया। फिर उस साराप (स्वर्गदूत) ने कहा! “देख! क्योंकि इस दहकते कोयले ने तेरे होठों को छू लिया है, सो तूने जो बुरे काम किये हैं, वे अब तुझ में से समाप्त हो गये हैं। अब तेरे पाप धो दिये गये हैं।”
e com a brasa tocou-me a boca, e disse: Eis que isto tocou os teus lábios; e a tua iniquidade foi tirada, e perdoado o teu pecado.
लोगों को उलझन में डाल दे। लोगों की जो बातें वे सुनें और देखें, वे समझ न सके। यदि तू ऐसा नहीं करेगा तो लोग उन बातों को जिन्हें वे अपने कानों से सुनते हैं सचमुच समझ जायेंगे। हो सकता है लोग अपने—अपने मन में सचमुच समझ जायें। यदि उन्होंने ऐसा किया तो सम्भव है लोग मेरी ओर मुड़े और चंगे हो जायें (क्षमा पा जायें)!”
Engorda o coração deste povo, e endurece-lhe os ouvidos, e fecha-lhe os olhos; para que ele não veja com os olhos, e ouça com os ouvidos, e entenda com o coração, e se converta, e seja sarado.
मैंने फिर पूछा, “स्वामी, मैं ऐसा कब तक करता रहूँ” यहोवा ने उत्तर दिया, “तू तब तक ऐसा करता रह, जब तक नगर उजड़ न जायें और लोग नष्ट न हो जायें। तू तब तक ऐसा करता रह जब तक सभी घर खाली न हो जायें। ऐसा तब तक करता रह जब तक धरती नष्ट होकर उजड़ न जायें।”
Então disse eu: Até quando, Senhor? E respondeu: Até que sejam assoladas as cidades, e fiquem sem habitantes, e as casas sem moradores, e a terra seja de todo assolada,
उस प्रदेश में दस प्रतिशत लोग फिर भी बचे रह जायेंगे किन्तु उनको भी फिर से नष्ट कर दिया जायेगा क्योंकि ये लोग बांजवृक्ष के उस पेड़ के समान होंगे जिसके काट दिये जाने के बाद भी उसका तना बचा रह जाता है और ये (बचे हुए लोग) उसी तने के समान होंगे जो फिर से फुटाव ले लेता है।
Mas se ainda ficar nela a décima parte, tornará a ser consumida, como o terebinto, e como o carvalho, dos quais, depois de derrubados, ainda fica o toco. A santa semente é o seu toco.