तब राजा ने समझ लिया कि अबशालोम मर गया है। राजा बहुत परेशान हो गया। वह नगर द्वार के ऊपर के कमरे में चला गया। वह वहाँ रोया। वह अपने कमरे में गया, और अपने रास्ते पर चलते उसने कहा, “ऐ मेरे पुत्र अबशालोम! मैं चाहता हूँ कि मैं तुम्हारे लिये मर गया होता। ऐ अबशालोम, मेरे पुत्र, मेरे पुत्र!”
Tedy się zasmucił król, i wstąpił na salę onej bramy, a płakał, i tak mówił idąc: Synu mój Absalomie, synu mój! Synu mój Absalomie! obym ja był umarł miasto ciebie! Absalomie, synu mój, synu mój!