पर हर ऐसी स्त्री जो बिना सिर ढके प्रार्थना करती है या जनता में परमेश्वर की ओर से बोलती है, वह अपने पुरुष का अपमान करती है जो उसका सिर है। वह ठीक उस स्त्री के समान है जिसने अपना सिर मुँडवा दिया है।
I każda niewiasta, gdy się modli albo prorokuje, nie nakrywszy głowy swojej, szpeci głowę swoję; boć to jedno, a toż samo jest, jakoby ogolona była.
यदि कोई स्त्री अपना सिर नहीं ढकती तो वह अपने बाल भी क्यों नहीं मुँडवा लेती। किन्तु यदि स्त्री के लिये बाल मुँडवाना लज्जा की बात है तो उसे अपना सिर भी ढकना चाहिये।
Albowiem jeźli się nie nakrywa niewiasta, niechże się też strzyże; a jeźli szpetna rzecz jest niewieście, strzyc się albo golić, niechże się nakrywa.
किन्तु पुरुष के लिये अपना सिर ढकना उचित नहीं है क्योंकि वह परमेश्वर के स्वरूप और महिमा का प्रतिबिम्ब है। किन्तु एक स्त्री अपने पुरुष की महिमा को प्रतिबिंबित करती है।
Albowiem mąż nie ma nakrywać głowy, gdyż jest wyobrażeniem i chwałą Bożą; ale niewiasta jest chwałą mężową.
बल्कि जब तुम भोज ग्रहण करते हो तो तुममें से हर कोई आगे बढ़ कर अपने ही खाने पर टूट पड़ता है। और बस कोई व्यक्ति तो भूखा ही चला जाता है, जब कि कोई व्यक्ति अत्यधिक खा-पी कर मस्त हो जाता है।
Albowiem każdy wieczerzę swoję pierwej zjada i jeden łaknie, a drugi jest pijany.
क्या तुम्हारे पास खाने पीने के लिये अपने घर नहीं हैं। अथवा इस प्रकार तुम परमेश्वर की कलीसिया का अनादर नहीं करते? और जो दीन है उनका तिरस्कार करने की चेष्टा नहीं करते? मैं तुमसे क्या कहूँ? इसके लिये क्या मैं तुम्हारी प्रशंसा करूँ। इस विषय में मैं तुम्हारी प्रशंसा नहीं करूँगा।
Azaż domów nie macie do jedzenia i do picia? Albo zborem Bożym gardzicie i zawstydzacie tych, którzy nie mają? Cóż wam rzekę? Pochwalęż was? W tem nie chwalę.
उनके भोजन कर चुकने के बाद इसी प्रकार उसने प्याला उठाया और कहा, “यह प्याला मेरे लहू के द्वारा किया गया एक नया वाचा है। जब कभी तुम इसे पिओ तभी मुझे याद करने के लिये ऐसा करो।”
Także i kielich, gdy było po wieczerzy mówiąc: Ten kielich jest nowy testament we krwi mojej; to czyńcie, ilekroć pić będziecie, na pamiątkę moję
यदि सचमुच किसी को बहुत भूख लगी हो तो उसे घर पर ही खा लेना चाहिये ताकि तुम्हारा एकत्र होना तुम्हारे लिये दण्ड का कारण न बने। अस्तु; दूसरी बातों को जब मैं आऊँगा, तभी सुलझाऊँगा।
A jeźli kto łaknie, niechże je w domu, abyście się na sąd nie schodzili. A inne rzeczy, gdy przyjdę, postanowię.