“याजकों और इस देश के अन्य लोगों से यह कहो: जो उपवास और शोक पिछले सत्तर वर्ष से वर्ष के पाँचवें और सातवें महीने में तुम करते आ रहे हो,क्या वह उपवास, सच ही, मेरे लिये थानहीं!
אמר אל כל עם הארץ ואל הכהנים לאמר כי צמתם וספוד בחמישי ובשביעי וזה שבעים שנה הצום צמתני אני׃