II Chronicles 3

सुलैमान ने यहोवा का मन्दिर मोरिय्याह पर्वत पर यरूशलेम में बनाना आरम्भ किया। पर्वत मोरिय्याह वह स्थान है जहाँ यहोवा ने सुलैमान के पिता दाऊद को दर्शन दिया था। सुलैमान ने उसी स्थान पर मन्दिर बनाया जिसे दाऊद तैयार कर चुका था। यह स्थान उस खलिहान में था जो ओर्नान का था। ओर्नान यबूसी लोगों में से एक था।
ויחל שלמה לבנות את בית יהוה בירושלם בהר המוריה אשר נראה לדויד אביהו אשר הכין במקום דויד בגרן ארנן היבוסי׃
सुलैमान ने इस्राएल में अपने शासन के चौथे वर्ष के दूसरे महीने में मन्दिर बनाना आरम्भ किया।
ויחל לבנות בחדש השני בשני בשנת ארבע למלכותו׃
सुलैमान ने परमेश्वर के मन्दिर की नींव के निर्माण के लिये जिस माप का उपयोग किया, वह यह हैः नींव साठ हाथ लम्बी और बीस हाथ चौड़ी थी। सुलैमान ने प्राचीन हाथ की माप का ही उपयोग तब किया जब उसने मन्दिर को नापा।
ואלה הוסד שלמה לבנות את בית האלהים הארך אמות במדה הראשונה אמות ששים ורחב אמות עשרים׃
मन्दिर के सामने का द्वार मण्डप बीस हाथ लम्बा और बीस हाथ ऊँचा था। सुलैमान ने द्वार मण्डप के भीतरी भाग को शुद्ध सोने से मढ़वाया
והאולם אשר על פני הארך על פני רחב הבית אמות עשרים והגבה מאה ועשרים ויצפהו מפנימה זהב טהור׃
सुलैमान ने बड़े कमरों की दीवार पर सनोवर लकड़ी की बनी चौकोर सिल्लियाँ रखीं। तब उसने सनोवर की सिल्लियों को शुद्ध सोने से मढ़ा और उसने शुद्ध सोने पर खजूर के चित्र और जंजीरें बनाईं।
ואת הבית הגדול חפה עץ ברושים ויחפהו זהב טוב ויעל עליו תמרים ושרשרות׃
सुलैमान ने मन्दिर की सुन्दरता के लिये उसमें बहुमूल्य रत्न लगाए। जिस सोने का उपयोग सुलैमान ने किया वह पर्वैम से आया था।
ויצף את הבית אבן יקרה לתפארת והזהב זהב פרוים׃
सुलैमान ने मन्दिर के भीतरी भवन को सोने से मढ़ दिया। सुलैमान ने छत की कड़ियाँ, चौखटों, दीवारों और दरवाजों पर सोना मढ़वाया। सुलैमान ने दीवारों पर करूब (स्वर्गदूतों) को खुदवाया।
ויחף את הבית הקרות הספים וקירותיו ודלתותיו זהב ופתח כרובים על הקירות׃
तब सुलैमान ने सर्वाधिक पवित्र स्थान बनाया। सर्वाधिक पवित्र स्थान बीस हाथ लम्बा और बीस हाथ चौड़ा था। यह उतना ही चौड़ा था जितना पूरा मन्दिर था। सुलैमान ने सर्वाधिक पवित्र स्थान की दीवारों पर सोना मढ़वाया। सोने का वजन लगभग बीस हज़ार चार सौ किलोग्राम था।
ויעש את בית קדש הקדשים ארכו על פני רחב הבית אמות עשרים ורחבו אמות עשרים ויחפהו זהב טוב לככרים שש מאות׃
सोने की कीलों का वजन पाँच सौ पच्हत्तर ग्राम था सुलैमान ने ऊपरी कमरों को सोने से मढ़ दिया।
ומשקל למסמרות לשקלים חמשים זהב והעליות חפה זהב׃
सुलैमान ने दो करूब(स्वर्गदूतों) सर्वाधिक पवित्र स्थान पर रखने के लिये बनाये। कारीगरों ने करूब स्वर्गदूतों को सोने से मढ़ दिया।
ויעש בבית קדש הקדשים כרובים שנים מעשה צעצעים ויצפו אתם זהב׃
करूब(स्वर्गदूतों) का हर एक पंख पाँच हाथ लम्बा था। पंखों की पूरी लम्बाई बीस हाथ थी। पहले करूब (स्वर्गदूत) का एक पंख कमरे की एक ओर की दीवार को छूता था। दूसरा पंख दूसरे करूब (स्वर्गदूत) के पंख को छूता था।
וכנפי הכרובים ארכם אמות עשרים כנף האחד לאמות חמש מגעת לקיר הבית והכנף האחרת אמות חמש מגיע לכנף הכרוב האחר׃
दूसरे करूब (स्वर्गदूत) का दूसरा पंख कमरे की दूसरी ओर की दूसरी दीवार को छूता था।
וכנף הכרוב האחד אמות חמש מגיע לקיר הבית והכנף האחרת אמות חמש דבקה לכנף הכרוב האחר׃
करूब (स्वर्गदूत) के पंख सब मिलाकर बीस हाथ फैले थे। करूब (स्वर्गदूत) भीतर पवित्र स्थान की ओर देखते हुए खड़े थे।
כנפי הכרובים האלה פרשים אמות עשרים והם עמדים על רגליהם ופניהם לבית׃
उसने नीले, बैंगनी, लाल और कीमती कपड़ों तथा बहुमूल्य सूती वस्त्रों से मध्यवर्ती पर्दे को बनवाया। परदे पर करूबों के चित्र काढ़ दिए।
ויעש את הפרכת תכלת וארגמן וכרמיל ובוץ ויעל עליו כרובים׃
सुलैमान ने मन्दिर के सामने दो स्तम्भ खड़े किये। स्तम्भ पैंतिस हाथ ऊँचे थे। दोनों स्तम्भों का शीर्ष भाग दो पाँच हाथ लम्बा था।
ויעש לפני הבית עמודים שנים אמות שלשים וחמש ארך והצפת אשר על ראשו אמות חמש׃
सुलैमान ने जंजीरों के हार बनाए। उसने जंजीरों को स्तम्भों के शीर्ष पर रखा। सुलैमान ने सौ अनार बनाए और उन्हें जंजीरों से लटकाया।
ויעש שרשרות בדביר ויתן על ראש העמדים ויעש רמונים מאה ויתן בשרשרות׃
तब सुलैमान ने मन्दिर के सामने स्तम्भ खड़े किये। एक स्तम्भ दायीं ओर था। दूसरा स्तम्भ बायीं ओर खड़ा था। सुलैमान ने दायीं ओर के स्तम्भ का नाम “याकीन” और सुलैमान ने बायीं ओर के स्तम्भ का नाम “बोअज़” रखा।
ויקם את העמודים על פני ההיכל אחד מימין ואחד מהשמאול ויקרא שם הימיני יכין ושם השמאלי בעז׃