वे स्त्रियाँ जिनके पास इस समय सुगंधित इत्र हैं, उस समय उनकी वह सुगंध फफूंद और सड़ाहट से भर जायेगी। अब वे तगड़ियाँ पहनती है। किन्तु उस समय पहनने को बस उनके पास रस्से होंगे। इस समय वे सुशोभित जूड़े बाँधती हैं। किन्तु उस समय उनके सिर मुड़वा दिये जायेंगे। उनके एक बाल तक नहीं होगा। आज उनके पास सुन्दर पोशाकें हैं। किन्तु उस समय उनके पास केवल शोक वस्त्र होंगे। जिनके मुख आज खूबसूरत हैं उस समय वे शर्मनाक होंगे।
Und es wird geschehen, statt des Wohlgeruchs wird Moder sein, und statt des Gürtels ein Strick, und statt des Lockenwerks eine Glatze, und statt des Prunkgewandes ein Kittel von Sacktuch, Brandmal statt Schönheit.