लोग सोचते हैं, सब कुछ ठीक है।
लोग कहते हैं,
“चौकी तैयारी करो और उस पर आसन बिछाओ, खाओ, पिओ!”
किन्तु मेरा कहना है, “मुखियाओं! खड़े होओ और युद्ध की तैयारी करो।”
उसी समय सैनिक कह रहे हैं, “पहरेदारों को तैनात करो!
अधिकारियों, खड़े हो जाओ और अपनी ढालों को झलकाओ!”
در رؤیا، ضیافتی را آماده دیدم. فرشهایی برای نشستن میهمانان پهن بود. همه میخورند و مینوشند. ناگهان فرمانی شنیده میشود: «افسران! سپرهای خود را آماده سازید!»