परमेश्वर किसी व्यक्ति को बहुत सा धन देता है, सम्पत्तियाँ देता है और आदर देता है। उस व्यक्ति के पास उसकी आवश्यकता की वस्तु होती है और जो कुछ भी वह चाह सकता है वह भी होता है। किन्तु परमेश्वर उस व्यक्ति को उन वस्तुओं का भोग नहीं करने देता। तभी कोई अजनबी आता है और उन सभी वस्तुओं को छीन लेता है। यह एक बहुत बुरी और व्यर्थ बात है।
خدا به بعضی ثروت، دارایی و عزّت میدهد به طوری که در زندگی کمبودی ندارند، امّا قدرت استفاده از آن را به آنها نداده است. در عوض بیگانهای میآید و از ثروت آنها استفاده میکند. این نیز بیهوده و مصیبت بزرگی است.