Daniel 11

“मादी राजा दारा के शासन काल के पहले वर्ष मीकाएल को फारस के युवराज (स्वर्गदूत) के विरूद्ध युद्ध में सहारा देने और उसे सशक्त बनाने को मैं उठ खड़ा हुआ।
او مسئول حفاظت از من است
“अब देख, दानिय्येल मैं, तुझे सच्ची बात बताता हूँ। फारस में तीन राजाओं का शासन और होगा। यह इसके बाद एक चौथा राजा आयेगा। यह चौथा राजा अपने पहले के फारस के अन्य राजाओं से कहीं अधिक धनवान होगा। वह चौथा राजा शक्ति पाने के लिये अपने धन का प्रयोग करेगा। वह हर किसी को यूनान के विरोध में कर देगा।
و آنچه را به تو می‌گویم حقیقت است. سپس فرشته گفت: «سه پادشاه دیگر در کشور پارس به سلطنت می‌رسند و بعد از آنها پادشاه چهارم زمام مملکت را به دست می‌گیرد. این پادشاه از همه ثروتمندتر می‌باشد و با استفاده از قدرت و ثروت خود، همه را برضد کشور یونان تحریک خواهد کرد.
इसके बाद एक बहुत अधिक शक्तिशाली राजा आयेगा, वह बड़ी शक्ति के साथ शासन करेगा। वह जो चाहेगा वही करेगा।
«آنگاه پادشاه نیرومندی به قدرت خواهد رسید. او بر کشور وسیعی فرمانروایی خواهد کرد. او هرچه بخواهد انجام خواهد داد.
राजा के आने के बाद उसके राज्य के टुकड़े हो जायेंगे। उसका राज्य संसार में चार भागों में बंट जायेगा। उसका राज्य उसके पुत्र—पोतों के बीच नहीं बटेगा। जो शक्ति उसमें थी, वह उसके राज्य में नहीं रहेगी। ऐसा क्यों होगा ऐसा इसलिये होगा कि उसका राज्य उखाड़ दिया जायेगा और उसे अन्य लोगों को दे दिया जायेगा।
امّا در اوج قدرت، پادشاهی‌اش از هم خواهد پاشید و چهار قسمت خواهد شد. کسی از نسل او به سلطنت نخواهد رسید، زیرا پادشاهی او ریشه‌کن شده به دیگران داده خواهد شد.
“दक्षिण का राजा शक्तिशाली हो जायेगा। किन्तु इसके बाद उसका एक सेनापति उससे भी अधिक शक्तिशाली हो जाएगा। वह सेना नायक शासन करने लगेगा और बहुत बलशाली हो जायेगा।
«فرعون به قدرت خواهد رسید، امّا یکی از سردارانش برضد وی قیام کرده، سلطنت را از او خواهد گرفت و با قدرت زیادتری حکومت خواهد کرد.
“फिर कुछ वर्षों बाद एक समझौता होगा और दक्षिणी राजा की पुत्री उत्तरी राजा से ब्याही जायेगी। वह शांति स्थापना के लिये ऐसा करागी। किन्तु वह और दक्षिणी राजा पर्याप्त शक्तिशाली नही होंगे। फिर लोग उसके और उस व्यक्ति के जो उसे उस देश में लाया था, विरूद्ध हो जायेंगे और वे लोग उसके बच्चे के और उस स्त्री के हिमायती व्यक्ति के भी विरूद्ध हो जायेंगे।
چند سال بعد، پادشاهان مصر و سوریه پیمان صلح امضاء می‌کنند و برای تحکیم این پیمان، دختر فرعون با پادشاه سوریه ازدواج می‌کند. امّا عمر این پیمان خیلی کوتاه خواهد بود، زیرا آن دختر با پدر و همراهانش کشته می‌شوند.
“किन्तु उस स्त्री के परिवार का एक व्यक्ति दक्षिणी राजा के स्थान को ले लेने के लिये आयेगा। वह उत्तर के राजा की सेनाओं पर आक्रमण करेगा। वह राजा के सुदृढ़ किले में प्रवेश करेगा। वह युद्ध करेगा और विजयी होगा।
بعد یکی از خویشاوندان آن دختر، فرعون می‌شود و برضد پادشاه سوریه به جنگ می‌رود و به قلعهٔ او وارد شده، او را شکست خواهد داد.
वह उनके देवताओं की मूर्तियों को ले लेगा। वह उनके धातु के बने मूर्तियों तथा उनकी चाँदी—सोने की बहुमूल्य वस्तुओं पर कब्जा कर लेगा। वह उन वस्तुओं को वहाँ से मिस्र ले जायेगा। फिर कुछ वर्षों तक वह उत्तर के राजा को तंग नहीं करेगा।
او بُتها و ظروف قیمتی طلا و نقرهٔ سوریه را با خود به مصر می‌برد. سپس برای مدّتی صلح برقرار می‌شود.
उत्तर का राजा दक्षिण के राज्य पर हमला करेगा। किन्तु पराजित होगा और फिर अपने देश को लौट जायेगा।
بعد پادشاه سوریه به مصر حمله می‌کند، امّا شکست می‌خورد.
“उत्तर के राजा के पुत्रों ने युद्ध की तैयारियाँ करेंगे। वे एक विशाल सेना जुटायेंगे। वह सेना एक शक्तिशाली बाढ़ की तरह बड़ी तेज़ी से धरती पर आगे बढ़ती चली जायेगी। वह सेना दक्षिण के राजा के सुदृढ़ दुर्ग तक सारे रास्ते युद्ध करती जायेगी।
«پسران پادشاه سوریه با سپاه بزرگی برای جنگ آماده می‌شوند و همچون سیل وارد مصر شده، به قلعهٔ نظامی دشمن حمله می‌برند.
फिर दक्षिण का राजा क्रोध से तिलमिला उठेगा। उत्तर के राजा से युद्ध करने के लिये वह बाहर निकल आयेगा। उत्तर का राजा यद्यपि एक बहुत बड़ी सेना जुटायेगा किन्तु युद्ध में हार जायेगा।
آنگاه فرعون با خشم زیاد به جنگ پادشاه سوریه می‌رود و سپاه بزرگ او را شکست می‌دهد.
उत्तर की सेना पराजित हो जायेगी, और उन सैनिकों को कहीं ले जाया जायेगा। दक्षिणी राजा को बहुत अभिमान हो जायेगा और वह उत्तरी सेना के हजारों सैनिकों को मौत के घाट उतार देगा। किन्तु वह इसी प्रकार से सफलता नहीं प्राप्त करता रहेगा।
فرعون از این پیروزی مغرور شده، هزاران نفر از دشمنان خود را نابود می‌کند، امّا قدرت او دوامی نخواهد داشت.
उत्तर का राजा एक और सेना जुटायेगा। यह सेना पहली सेना से अधिक बड़ी होगी। कई वर्षो बाद वह आक्रमण करेगा। वह सेना बुहत विशाल होगी और उसके पास बहुत से हथियार होंगे। वह सेना युद्ध को तैयार होगी।
«پادشاه سوریه به کشور خود بازمی‌گردد و سپاهی بزرگتر و مجهّزتر از قبل تشکیل می‌دهد تا در وقت مناسب دوباره به جنگ برود.
“उन दिनों बहुत से लोग दक्षिण के राजा के विरोध में हो जायेंगे। कुछ तुम्हारे अपने ही ऐसे लोग, जिन्हें युद्ध प्रिय है, दक्षिण के राजा के विरूद्ध बगावत करेंगे। वे जीतेंगे तो नहीं किन्तु ऐसा करते हुए वे उस दर्शन को सत्य सिद्ध करेगे।
در آن زمان عدّهٔ زیادی علیه فرعون قیام می‌کنند و حتّی بعضی از آشوبگران قوم تو با آنها همدست می‌شوند تا همهٔ پیشگویی‌ها به انجام برسد، امّا همگی شکست می‌خورند.
फिर इसके बाद उत्तर का राजा आयेगा और वह नगर परकोटे पर ढ़लवाँ चबूतरे बना कर उस सुदृढ़ नगर पर कब्जा कर लेगा। दक्षिण के राजा की सेना युद्ध का उत्तर नही दे पायेगी। यहाँ तक कि दक्षिणी सेना के सर्वात्तम सैनिक भी इतने शक्तिशाली नही होंगे कि वे उत्तर की सेना को रोक पायें।
آنگاه پادشاه سوریه می‌آید و شهر مستحکم را محاصره و تصرّف می‌کند. سپاهیان مصر از جنگ دست می‌کشند و حتّی بهترین سربازان آنها نیز نمی‌توانند مقاومت نمایند.
“उत्तर का राजा जैसा चाहेगा, वैसा करेगा। उसे कोई भी रोक नहीं पायेगा। इस सुन्दर धरती पर वह नियन्त्रण करके शक्ति पालेगा। उसे इस प्रदेश को नष्ट करने की शक्ति प्राप्त हो जायेगी।
تجاوزگران سوریه هرچه دلشان بخواهد می‌کنند و کسی قادر نخواهد بود از آنها جلوگیری نماید. به سرزمین وعده وارد می‌شوند و آن را ویران می‌کنند.
फिर उत्तर का राजा दक्षिण के राजा से युद्ध करने के लिये अपनी सारी शक्ति का उपयोग करने का निश्चय करेगा। वह दक्षिण के राजा के साथ एक सन्धि करेगा। उत्तर का राजा दक्षिण के राजा से अपनी एक पुत्री का विवाह कर देगा। उत्तर का राजा ऐसा इसलिये करेगा कि वह दक्षिण के राजा को हरा सके। किन्तु उसकी वे योजनाएँ फलीभूत नहीं होंगी। इन योजनाओं से उसे कोई सहायता नहीं मिलेगी।
«پادشاه سوریه برای تصرّف تمام کشور مصر نقشه می‌کشد و برای این منظور با فرعون پیمان می‌بندد و یکی از دختران خود را به همسری او درمی‌آور‌د، امّا نقشه‌اش عملی نمی‌شود.
“इसके बाद उत्तर का राजा भूमध्य—सागर के तट से लगते हुए देशों पर अपना ध्यान लगायेगा। वह उन देशों में से बहुत से देशों को जीत लेगा। किन्तु फिर एक सेनापति उत्तर के राजा के उस अहंकार और उस बगावत का अंत कर देगा । वह सेनापति उस उत्तर के राजा को लज्जित करेगा।
آنگاه متوجّه کشورهای ساحلی می‌گردد و بسیاری از آنها را تصرّف می‌کند. امّا یکی از فرماندهان او را شکست می‌دهد و او با خفّت و خواری عقب‌نشینی می‌کند.
“ऐसा घटने के बाद उत्तर का वह राजा स्वयं अपने देश के सुदृढ़ किलों की ओर लौट जायेगा। किन्तु वह दुर्बल हो चुका होगा और उसका पतन हो जायेगा। फिर उसका पता भी नहीं चलेगा।
پادشاه سوریه به وطن خویش باز می‌گردد ولی در راه شکست می‌خورد و اثری از او باقی نمی‌ماند.
“उत्तर के उस राजा के बाद एक नया शासक आयेगा। वह शासका किसी कर वसूलने वाले को भेजेगा। वह शासक ऐसा इसलिये करेगा कि वह सम्पन्नता के साथ जीवन बिताने के लिये पर्याप्त धन जुटा सके। किन्तु थोड़े ही वर्षो में उस शासक का अंत हो जायेगा। किन्तु वह युद्ध में नही मारा जायेगा।
«پس از او پادشاه دیگری به قدرت می‌رسد و برای افزایش ثروت سلطنت خود، مأموری را می‌فرستد تا از مردم باج و خراج جمع کند. آن پادشاه در مدّت کوتاهی کشته می‌شود، امّا نه از خشم مردم یا در جنگ.»
“उस शासक के बाद एक बहुत क्रूर एवं घृणा योग्य व्यक्ति आयेगा। उस व्यक्ति को राज परिवार का वंशज होने का गौरव प्राप्त नहीं होगा। वह चालाकी से राजा बनेगा। जब लोग अपने को सुरक्षित समझे हुए होंगे, वह तभी राज्य पर आक्रमण करेगा और उस पर कब्जा कर लेगा।
فرشته به کلام خود ادامه داده گفت: «پادشاه دیگر سوریه، شخص شریری می‌باشد که بدون اینکه حق پادشاهی داشته باشد، ناگهان آمده و با حیله و نیرنگ زمام سلطنت را به دست خواهد گرفت.
वह विशाल शक्तिशाली सेनाओं को हरा देगा। वह समझौते के मुखिया के साथ सन्धि करने पर भी उसे पराजीत करेगा।
او قدرت کاهن اعظم و هرکس دیگری را که با او مخالفت کند، از بین می‌برد.
बहुत से राष्ट्र उस क्रूर एवं घृणा योग्य राजा के साथ सन्धि करेंगे किन्तु वह उनसे मिथ्यापूर्ण चालाकी बरतेगा। वह अत्यधिक शक्ति प्राप्त कर लेगा किन्तु बहुत थोड़े से लोग ही उसके समर्थक होंगे।
بعد از اینکه با مردم پیمان می‌بندد، آنها را فریب داده و با تعداد کمی از یاران خود، قدرت را به دست خواهد گرفت.
“जब उस प्रदेश के सर्वाधिक धनी क्षेत्र अपने को सुरक्षित अनुभव कर रहे होंगे, वह क्रूर एवं घृणापूर्ण शासक उन पर आक्रमण कर देगा। वह ठीक समय पर आक्रमण करेगा और वहाँ सफलता प्राप्त करेगा जहाँ उसके पूर्वजों को भी सफलता नहीं मिली थी। वह जिने देशों को पराजित करेगा उनकी सम्पत्ति छीन कर अपने पिछलगुओं को देगा। वह सुदृढ़ नगरों को पराजित करने की योजनाएँ रचेगा। वह सफलता तो पायेगा किन्तु बहुत थोड़े से समय के लिए।
او با یک حملهٔ ناگهانی به حاصلخیزترین ناحیه حمله می‌برد و کارهایی می‌کند که هیچ‌یک از نیاکانش نکرده بودند. غنایم جنگی را بین پیروان خود تقسیم می‌کند. بعد برای تصرّف قلعه‌های جنگی نقشه می‌کشد، امّا نقشه‌هایش عملی نخواهند شد.
“उस क्रूर एवं घृणा योग्य राजा के पास एक विशाल सेना होगी। वह उस सेना का उपयोग अपनी शक्ति और अपने साहस के प्रदर्शन के लिये करेगा और इससे वह दक्षिण के राजा पर आक्रमण करेगा। सो दक्षिण का राजा भी एक बहुत बड़ी और शक्तिशाली सेना जुटायेगा और युद्ध के लिये कूच करेगा किन्तु वे लोग जो उससे विरोध रखते हैं, छिपे—छिपे योजनाएँ रचेंगे और दक्षिणी राजा को पराजित कर दिया जायेगा।
«بعد جرأت یافته سپاه عظیمی را برای جنگ با مصر آماده می‌کند. فرعون هم با لشکری بسیار بزرگ و نیرومند به جنگ او می‌رود، امّا در اثر توطئه‌ای شکست می‌خورد.
वे ही लोग जो दक्षिणी राजा के अच्छे मित्र समझे जाते रहे। उसे पराजित करने का जतन करेंगे। उसकी सेना पराजित कर दी जायेगी। युद्ध में उसके बहुत से सैनिक मारे जोयेंगे।
مشاورین نزدیک او باعث سقوط او می‌شوند و بسیاری از لشکریانش تارومار شده، به قتل خواهند رسید.
उन दोनों राजाओं का मन इसी बात में लगेगा कि एक दूसरे को हानि पहुँचायी जाये। वे एक ही मेज़ पर बैठ कर एक दूसरे से झुठ बोलेंगे किन्तु इससे उन दोनों में से किसी का भी भला नहीं होगा, क्योंकि परमेश्वर ने उनका अंत आने का समय निर्धारित कर दिया है।
سپس، این دو پادشاه، درحالی‌که برضد یکدیگر توطئه چیده‌اند، بر سر یک سفره می‌نشینند و غذا می‌خورند و به هم دروغ می‌گویند، امّا هیچ كدام به مراد دل خود نخواهد رسید، زیرا هنوز زمان معیّن آن نرسیده است.
“बहुत सी धन दौलत के साथ, वह उत्तर का राजा अपने देश लौट जायेगा। फिर उस पवित्र वाचा के प्रति वह बुरे कर्म करने का निर्णय लेगा। वह अपनी योजनानुसार काम करेगा और फिर अपने देश लौट जायेगा।
پس پادشاه سوریه با غنایم فراوان دوباره عازم وطن خود می‌شود و در راه بازگشت، از سرزمین اسرائیل عبور می‌کند و در آنجا باعث خرابی‌های بسیار می‌شود و سپس به مملکت خود باز می‌گردد.
“फिर उत्तर का राजा ठीक समय पर दक्षिण के राजा पर हमला कर देगा किन्तु इस बार वह पहले की तरह कामयाब नहीं होगा।
«بعد در زمان معیّن یک‌بار دیگر به مصر لشکرکشی می‌کند، امّا این بار نتیجهٔ کارش با دفعات قبل فرق خواهد داشت،
पश्चिम से जहाज़ आयेंगे और उत्तर के राजा के विरूद्ध युद्ध करेंगे। वह उन जहाज़ो को आते देखकर डर जायेगा। फिर वापस लौटकर पवित्र वाचा पर वह अपना क्रोध उतारेगा। वह लौट कर, जिन लोगों ने पवित्र वाचा पर चलना छोड़ दिया था, उनकी सहायता करेगा।
زیرا رومیان با کشتی‌های خود به مقابلهٔ او می‌آیند و او وحشتزده عقب‌نشینی می‌کند. «پادشاه سوریه از این شکست به خشم می‌آید و با مشورت یهودیانی که پیمان مقدّس را شکسته‌اند، برای از بین بردن پیمان مقدّس اقدام می‌کند.
फिर उत्तर का वह राजा यरूशलेम के मन्दिर को अशुद्ध करने के लिये अपनी सेना भेजेगा। वे लोगों को दैनिक बलि समर्पित करने से रोकेंगे। इसके बाद वे वहाँ कुछ ऐसा भयानक घृणित वस्तु स्थापित करेंगे जो सचमुच विनाशक होगा। वे ऐसा भयानक काम शुरू करेंगे जो विनाश को जन्म देता है।
سپاهیان وی معبد بزرگ را آلوده ساخته و قربانی‌های روزانه را متوقّف می‌سازند و بُتی را در معبد بزرگ قرار خواهند داد.
“वह उत्तरी राजा झूठी और चिकनी चुपड़ी बातों से उन यहूदियों को छलेगा जो पवित्र वाचा का पालन करना छोड़ चुके हैं। वे यहूदी और बुरे पाप करने लगेंगे किन्तु वे यहूदी, जो परमेश्वर को जानते हैं, और उसका अनुसरण करते हैं, और अधिक सुदृढ़ हो जायेंगे। वे पलट कर युद्ध करेंगे!
با حیله و نیرنگ یهودیانی را که از دین نیاکان خود برگشته‌اند، طرفدار خود می‌سازند امّا پیروان خدا مخالفت کرده، مانع او می‌شوند.
“वे यहूदी जो विवेकपूर्ण है जो कुछ घट रहा होगा, दूसरे यहूदियों को उसे समझने में सहायता देंगे। किन्तु जो विवेकपूर्ण होंगे,उन्हें तो मृत्यु दण्ड तक झेलना होगा। कुछ समय तक उनमें से कुछ यहूदियों को तलवार के घाट उतारा जायेगा और कुछ को आग में फेंक दिया जायेगा। अथवा बन्दी गृहों में डाल दिया जायेगा। उनमें से कुछ यहूदियों के घर बार और धन दौलत छीन लिये जायेंगे।
در آن زمان علمای قوم شروع به تعلیم مردم می‌کنند، امّا عدّه‌ای از آنها در آتش انداخته می‌شوند، بعضی با شمشیر به قتل می‌رسند و برخی از آنها زندانی گشته، غارت می‌گردند.
जब वे यहूदी दण्ड भोग रहे होंगे तो उन्हें थोड़ी सी सहायता मिलेगी। किन्तु उन यहूदियों में, जो उन विवेकपूर्ण यहोदियों का साथ देंगे, बहुत से केवल दिखावे के होंगे।
امّا در این هنگام کمکهای اندکی به پیروان خدا خواهد رسید. بعد عدّهٔ بسیاری با حیله به آنها خواهند پیوست.
कुछ विवेकपूर्ण यहोदी मार दिये जायेंगे।ऐसा इसलिये होगा कि वे और अधिक सुदृढ़ बनें, स्वच्छ बनें और अंत समय के आने तक निर्दोष रहें। फिर ठीक समय पर अंत होने का समय आ जायेगा।”
عدّه‌ای از علما به قتل خواهند رسید و این سبب می‌شود که قوم خدا پاک و بی‌آلایش گردند. این وضع تا زمانی که وقت معیّن فرا رسد، ادامه خواهد یافت.
“उत्तर का राजा जो चाहेगा, सो करेगा। वह अपने बारे में डींग हांकेगा। वह आत्म प्रशंसा करेगा और सोचेगा कि वह किसी देवता से भी अच्छा है। वह ऐसी बातें करेगा जो किसी ने कभी सुनी तक न होंगी। वह देवताओं का परमेश्वर के विरोध में ऐसी बातें करेगा। वह उस समय तक कामयाब होता चला जायेगा जब तक वे सभी बुरी बातें घट नहीं जाती। किन्तु परमेश्वर ने योजना रची है, वह तो पूरी होगी ही।
«پادشاه سوریه هرچه دلش بخواهد انجام خواهد داد. او خود را برتر و بالاتر از خدایان دیگر می‌داند و به خدای خدایان کفر می‌گوید و تا فرا رسیدن زمان مجازاتش، به این کار ادامه خواهد داد زیرا آنچه را که خدا مقرّر فرموده، واقع خواهد شد.
“उत्तर का वह राजा उन देवताओं की उपेक्षा करेगा जिन्हें उसके पूर्वज पूजा करते थे। उन देवताओं की मूर्तियों की वह परवाह नहीं करेगा जिनकी पूजा स्त्रियाँ किया करती हैं । वह किसी भी देवता की परवाह नहीं करेगा बल्कि वह स्वयं अपनी प्रशंसा करता रहेगा और अपने आपको किसी भी देवता से बड़ा मानेगा।
پادشاه سوریه نه به خدایی که نیاکانش او را بندگی می‌کردند، توجّه می‌کند و نه به خدایی که محبوب زنان می‌باشد. در واقع او به هیچ خدایی توجّه نمی‌کند، زیرا او خود را بالاتر از هر خدایی می‌پندارد.
वह अपने पूर्वजों के देवता की अपेक्षा किले के देवता की पूजा करेगा वह सोने, चाँदी,बहुमूल्य हीरे जवाहरात और अन्य उपहारो से एक ऐसे देवता की पूजा करेगा जिसे उसके पूर्वज जानते तक नहीं थे।
یگانه خدایی که می‌پرستد، آن خدایی خواهد بود که از قلعه‌های مستحکم محافظت می‌کند. به این خدایی ‌که نیاکانش او را نمی‌شناختند، طلا، نقره، سنگهای گرانبها و هدایای نفیس تقدیم خواهد کرد.
“इस विदेशी देवता की सहायता से वह उत्तर का राजा सुदृढ़ गढ़ियों पर आक्रमण करेगा। वह उन लोगों को सम्मान देगा जिनकों वह बहुत पसन्द करेगा। वह बहुत से लोगों को उनके अधीन कर देगा। वे राजा जिस धरती पर राज करते हैं, उसके लिये वह उनसे भुगतान लिया करेगा।
با توکّل به این خدای بیگانه به قلعه‌های مستحکم حمله می‌برد و کسانی را که از او اطاعت کنند به قدرت و حکومت می‌رساند و به عنوان پاداش زمین را بین آنها تقسیم می‌کند.
“अंत आने के समय उत्तर का राजा, उस दक्षिण के राजा के साथ युद्ध करेगा। उत्तर का राजा उस पर हमला करेगा। वह रथों, घुड़सवारों और बहुत से विशाल जलयानों को लेकर उस पर चढ़ाई करेगा। उत्तर का राजा बाढ़ के से वेग के साथ उस धरती पर चढ़ आयेगा।
«سرانجام، فرعون به جنگ پادشاه سوریه می‌آید و او هم با ارّابه‌های جنگی و سواران و کشتیهای زیاد مانند گردباد به مقابلهٔ او می‌شتابد. پادشاه سوریه، سیل‌آسا به کشورهای زیادی حمله می‌برد.
उत्तर का राजा “सुन्दर धरती” पर आक्रमण करेगा। उत्तरी राजा के द्वारा बहुत से देश पराजित होंगे किन्तु एदोम, मोआब और अम्मोनियों के मुखिया बच जायेंगे।
او حتّی به سرزمین وعده هم حمله خواهد کرد و ده‌‌ها هزار نفر را خواهد کشت، امّا در سرزمین‌های اَدوم و موآب، بازماندگان عمونیان فرار خواهند کرد.
उत्तर का राजा बहुत से देशों में अपनी शक्ति दिखायेगा। मिस्र को भी उसकी शक्ति का पता चल जायेगा।
حتّی مصر و بسیاری از کشورهای دیگر هم از دست او در امان نخواهند ماند.
वह मिस्र के सोने चाँदी के खजानों और उसकी समूची सम्पत्ति को छीन लेगा। लूबी और कूशी लोग भी उसके अधीन हो जायेंगे।
او تمام خزانه‌های طلا و نقره و اشیای نفیس مصر را تاراج می‌کند و اهالی لیبی و حبشه به او باج و خراج خواهند داد.
किन्तु उत्तर के उस राजा को पूर्व और उत्तर से एक समाचार मिलेगा जिससे वह भयभीत हो उठेगा और उसे क्रोध आयेगा। वह बहुत से देशों को तबाह करने के लिये उठेगा।
امّا از جانب مشرق و شمال خبرهایی به گوش او می‌رسد و او را نگران و پریشان می‌سازد. پس خشمگین و برافروخته برگشته، در سر راه خود مردمان زیادی را نابود می‌کند.
वह अपने राजकीय तम्बू समुद्र और सुन्दर पवित्र पर्वत के बीच लगवायेगा। किन्तु आखिरकार वह बुरा राजा मर जायेगा। जब उसका अंत आयेगा तो उसे सहारा देने वाला वहाँ कोई नहीं होगा।
بین دریا و کوهی که معبد بزرگ در بالای آن واقع است، چادر‌های شاهانهٔ خود را برپا می‌کند. امّا در همان‌جا مرگش فرا می‌رسد و بدون اینکه کسی به او کمک کند، خواهد مرد.»