I Samuel 14

उस दिन, शाऊल का पुत्र योनातान उस युवक से बात कर रहा था, जो उसके शस्त्रों को ले कर चलता था। योनातान ने कहा, “हम लोग घाटी की दूसरी ओर पलिश्तियों के डेरे पर चलें।” किन्तु योनातान ने अपने पिता को नहीं बताया।
یک روز یوناتان به جوانی که اسلحه او را حمل می‌کرد گفت: «بیا تا به اردوگاه فلسطینیان که در آن طرف است برویم.» او این امر را به پدر خود اطّلاع نداد.
शाऊल एक अनार के पेड़ के नीचे पहाड़ी के सिरे पर मिग्रोन में बैठा था। यह उस स्थान पर खलिहान के निकट था। शाऊल के साथ उस समय लगभग छः सौ योद्धा थे। एक व्यक्ति का नाम अहिय्याह था।
شائول با ششصد نفر از سربازان خود در نزدیکی جبعه در مغرون، زیر یک درخت انار اردو زده بود.
एली शीलो में यहोवा का याजक रह चुका था। अब वह अहिय्याह याजक था। अहिय्याह अब एपोद पहनता था। अहिय्याह ईकाबोद के भाई अहीतूब का पुत्र था। ईकाबोद पीनहास का पूत्र था। पीनहास एली का पुत्र था।
در بین مردان او اخیای کاهن حضور داشت. (اخیا برادر ایخابود، پسر فینحاس و نوهٔ عیلی) وی کاهن خداوند در شیلوه بود. او جامهٔ مخصوص کاهنان را دربر داشت. مردم نمی‌دانستند که یوناتان آنجا را ترک کرده است.
दर्रे के दोनों ओर एक विशाल चट्टान थी। योनातान ने पलिश्ती डेरे में उस दर्रे से जाने की योजना बनाई। विशाल चट्टान के एक तरफ बोसेस था और उस विशाल चट्टान के दूसरी तरफ सेने था।
یوناتان برای اینکه به استحکامات نظامی فلسطینیان برسد می‌بایست از گذرگاه باریکی که بین دو صخرهٔ تیز به نامهای بوصیص و سِنَّه بود، بگذرد.
एक विशाल चट्टान उत्तर की मिकमाश को देखती सी खड़ी थी। दूसरी विशाल चट्टान दक्षिण की तरफ गिबा की ओर देखती सी खड़ी थी।
یکی از آن دو صخره به طرف شمال، مقابل مخماس و دیگری به طرف جنوب مقابل جبعه قرار داشت.
योनातान ने अपने उस युवक सहायक से कहा जो उस के शस्त्र को ले चलता था, “आओ, हम उन विदेशियों के डेरे में चले। संभव है यहोवा हम लोगों का उपयोग इन लोगों को पराजित करने में करे। यहोवा को कोई नहीं रोक सकता इससे कोई अन्तर नहीं पड़ता है कि हमारे पास बहुत से सैनिक हैं या थोड़े से सैनिक।”
یوناتان به جوان همراه خود گفت: «بیا تا به اردوگاه فلسطینیان کافر برویم. امید است که خداوند به ما کمک بکند، زیرا تعداد دشمن چه کم باشد، چه زیاد، در برابر قدرت خداوند ناچیز است.»
योनातान के शस्त्र वाहक युवक ने उससे कहा, “जैसा तुम सर्वोत्तम समझो करो। मैं सब तरह से तुम्हारे साथ हूँ।”
جوان همراهش گفت: «هرچه صلاح می‌دانی بکن، من با نظر تو موافقم.»
योनातान ने कहा, “हम चलें! हम लोग घाटी को पार करेंगे और उन पलिश्ती रक्षकों तक जायेंगे। हम लोग उन्हें अपने को देखने देंगे।
یوناتان گفت: «پس بیا به آنجا برویم. ما خود را به آنها نشان می‌دهیم.
यदि वे हमसे कहते हैं ‘तुम वहीं रुको जब तक हम तुम्हारे पास आते हैं,’ तो हम लोग वहीं ठहरेंगे, जहाँ हम होंगे। हम उनके पास नहीं जायेंगे।
اگر گفتند: 'حرکت نکنید تا ما پیش شما بیاییم،' ما در جای خود می‌ایستیم و پیش آنها نمی‌رویم.
किन्तु यदि पलिश्ती लोग यह कहते हैं, ‘हमारे पास आओ’ तो हम उनके पास तक चढ़ जायेंगे। क्यों? क्योंकि यह परमेश्वर की ओर से एक संकेत होगा। उसका अर्थ यह होगा कि यहोवा हम लोगों को उन्हें हराने देगा।”
امّا اگر گفتند که پیش آنها برویم، در آن صورت می‌رویم، زیرا این نشانهٔ آن است که خداوند آنها را به دست ما تسلیم می‌کند.»
इसलिये योनातान और उसके सहायक ने अपने को पलिश्ती द्वारा देखने दिया। पलिश्ती रक्षकों ने कहा, “देखो! हिब्रू उन गकों से निकल कर आ रहे हैं जिनमें वे छिपे थे।”
پس آنها خود را به سپاهیان فلسطینیان نشان دادند و فلسطینیان گفتند: «عبرانیان را ببینید که از غارهایی که در آنها پنهان شده بودند، بیرون آمده‌اند.»
किले के पलिश्ती योनातान और उसके सहायक के लिये चिल्लाये “हमारे पास आओ। हम तुम्हें अभी पाठ पढ़ाते हैं!” योनातान ने अपने सहायक से कहा, “पहाड़ी के ऊपर तक मेरा अनुसरण करो। यहोवा ने इस्राएल के लिये पलिश्तियों को दे दिया है!”
آنها یوناتان و جوان همراهش را صدا کرده گفتند: «اینجا بیایید تا چیزی را به شما نشان بدهیم.» یوناتان به جوان همراه خود گفت: «پشت سر من بیا، خداوند آنها را به دست ما تسلیم می‌کند.»
इसलिये योनातान ने अपने हाथ और पैरों का उपयोग पहाड़ी पर चढ़ने के लिये किया। उसका सहायक ठीक उसके पीछे चढ़ा। योनातान और उसके सहायक ने उन पलिश्तियों को पराजित किया। पहले आक्रमण में उन्होंने लगभग आधे एकड़ क्षेत्र में बीस पलिश्तियों को मारा। योनातान उन लोगों से लड़ा जो सामने से आक्रमण कर रहे थे और योनातान का सहायक उसके पीछे से आया और उन व्यक्तियों को मारता चला गया जो अभी केवल घायल थे।
یوناتان به حالت سینه‌خیز درحالی‌که همراهش پشت سرش می‌آمد، پیش آنها بالا رفت و به فلسطینیان حمله کرد. یوناتان آنها را به زمین می‌انداخت و جوان همراهش که پشت سرش بود، آنها را می‌کشت.
इसलिये योनातान ने अपने हाथ और पैरों का उपयोग पहाड़ी पर चढ़ने के लिये किया। उसका सहायक ठीक उसके पीछे चढ़ा। योनातान और उसके सहायक ने उन पलिश्तियों को पराजित किया। पहले आक्रमण में उन्होंने लगभग आधे एकड़ क्षेत्र में बीस पलिश्तियों को मारा। योनातान उन लोगों से लड़ा जो सामने से आक्रमण कर रहे थे और योनातान का सहायक उसके पीछे से आया और उन व्यक्तियों को मारता चला गया जो अभी केवल घायल थे।
در همان حملهٔ اول، یوناتان و همراهش در حدود بیست نفر آنها را در یک جریب زمین هلاک کردند.
सभी पलिश्ती सैनिक, रणक्षेत्र के सैनिक, डेरे के सैनिक और किले के सैनिक आतंकित हो गये। यहाँ तक की सर्वाधिक वीर योद्धा भी आतंकित हो गये। धरती हिलने लगी और पलिश्ती सैनिक भयानक ढंग से डर गये!
تمام فلسطینیان چه در اردوگاه و چه در بیرون و حتّی سربازان از ترس به لرزه افتادند. در آن هنگام زلزلهٔ شدیدی رخ داد و آنها را بیشتر به وحشت انداخت.
शाऊल के रक्षकों ने बिन्यामीन देश में गिबा के पलिश्ती सैनिकों को विभिन्न दिशाओं में भागते देखा।
نگهبانان شائول در جبعهٔ بنیامین دیدند که سپاه عظیم فلسطینیان سراسیمه به هر طرف می‌دوند.
शाऊल ने अपने साथ की सेना से कहा, “सैनिकों को गिनो। मैं यह जानना चाहता हूँ कि डेरे को किसने छोड़ा।” उन्होंने सैनिकों को गिना। योनातान और उसका सहायक चले गये थे।
آنگاه شائول به همراهان خود گفت: «ببینید چه کسانی غایب هستند.» وقتی جستجو کردند دیدند که یوناتان و کسی‌که اسلحهٔ او را حمل می‌کرد حاضر نبودند.
शाऊल ने अहिय्याह से कहा, “परमेश्वर का पवित्र सन्दूक लाओ!” (उस समय परमेश्वर का पवित्र सन्दूक इस्राएलियों के साथ था।)
پس شائول به اخیا گفت که صندوق پیمان خداوند را پیش او بیاورد. چون صندوق خداوند در آن وقت پیش قوم اسرائیل بود.
शाऊल याजक अहिय्याह से बातें कर रहा था। शाऊल परमेश्वर के मार्गदर्शन की प्रतीक्षा कर रहा था। किन्तु पलिश्ती डेरे में शोर और अव्यवस्था लगातार बढ़ती जा ही थी। शाऊल धैर्य खो रहा था। अन्त में शाऊल ने याजक अहिय्याह से कहा, “काफी हो चुका! अपने हाथ को नीचे करो और प्रार्थना करना बन्द करो!”
هنگامی که شائول با کاهن حرف می‌زد، شورش در اردوی فلسطینیان شدیدتر شد و شائول به کاهن گفت: «صبر کن!»
शाऊल ने अपनी सेना इकट्ठी की और युद्ध में चला गया। पलिश्ती सैनिक सचमुच घबरा रहे थे! वे अपनी तलवारों से आपस में ही एक दूसरे से युद्ध कर रहे थे।
پس شائول و همراهانش همگی برای جنگ رفتند و دیدند که فلسطینیان برضد یکدیگر شمشیر کشیده، خودشان یکدیگر را می‌کشند.
वहाँ हिब्रू भी थे जो इसके पूर्व पलिश्तियों की सेवा में थे और जो पलिश्ती डेरे में रुके थे। किन्तु अब उन हिब्रुओं ने शाऊल और योनातान के साथ के इस्राएलियों का साथ दिया।
آن عدّه از عبرانیانی که قبلاً در اردوی فلسطینیان بودند به طرفداری از مردم اسرائیل که با شائول و یوناتان بودند علیه فلسطینیان داخل جنگ شدند.
उन इस्राएलियों ने जो एप्रैम के पहाड़ी क्षेत्र में छिपे थे, पलिश्ती सैनिकों के भागने की बात सुनी। सो इन इस्राएलियों ने भी युद्ध में साथ दिया और पलिश्तियों का पीछा करना आरम्भ किया।
همچنین اسرائیلیانی که در کوهستان افرایم خود را پنهان کرده بودند وقتی خبر فرار فلسطینیان را شنیدند به جنگ دشمن رفتند.
इस प्रकार यहोवा ने उस दिन इस्राएलियों की रक्षा की। युद्ध बेतावेन के परे पहुँच गया। सारी सेना शाऊल के साथ थी, उसके पास लगभग दस हजार पुरुष थे। एप्रैम के पहाड़ी प्रदेश के हर नगर में युद्ध का विस्तार हो गया था।
خداوند در آن روز قوم اسرائیل را پیروز ساخت و جنگ از حدود بیت‌آون هم گذشت.
किन्तु शाऊल ने उस दिन एक बड़ी गलती की। इस्राएली भूखे और थके थे। यह इसलिए हुआ कि शाऊल ने लोगों को यह प्रतिज्ञा करने को विवश कियाः शाऊल ने कहा, “यदि कोई व्यक्ति सन्ध्या होने से पहले भोजन करता है अथवा मेरे द्वारा शत्रु को पराजित करने के पहले भोजन करता है तो वह व्यक्ति दण्डित किया जाएगा!” इसलिए किसी भी इस्राएली सैनिक ने भोजन नहीं किया।
اسرائیلی‌ها در آن روز از گرسنگی ناتوان شده بودند؛ زیرا شائول گفته بود: «تا من انتقام خود را از دشمنان نگیرم، نباید کسی دست به غذا بزند و اگر کسی این کار را بکند، لعنت بر او باد!» بنابراین آن روز هیچ‌کسی غذا نخورده بود.
युद्ध के कारण लोग जंगलों में चले गए। उन्होंने वहाँ भूमि पर पड़ा एक शहद का छत्ता देखा। इस्राएली उस स्थान पर आए जहाँ शहद का छत्ता था। लोग भूखे थे, किन्तु उन्होंने तनिक भी शहद नहीं पिया। वे उस प्रतिज्ञा को तोड़ने से भयभीत थे।
مردم به جنگلی رسیدند و دیدند که عسل بروی زمین جاری است
युद्ध के कारण लोग जंगलों में चले गए। उन्होंने वहाँ भूमि पर पड़ा एक शहद का छत्ता देखा। इस्राएली उस स्थान पर आए जहाँ शहद का छत्ता था। लोग भूखे थे, किन्तु उन्होंने तनिक भी शहद नहीं पिया। वे उस प्रतिज्ञा को तोड़ने से भयभीत थे।
و در همه‌جای جنگل عسل به فراوانی پیدا می‌شد، ولی از ترس سوگندی که شائول خورده بود، کسی به آن دست نزد.
किन्तु योनातान उस प्रतिज्ञा के बारे में नहीं जानता था। योनातान ने यह नहीं सुना था कि उसके पिता ने उस प्रतिज्ञा को करने के लिये लोगों को विवश किया है। योनातान के हाथ में एक छड़ी थी। उसने शहद के छत्ते में उसके सिरे को धंसाया। उसने कुछ शहद निकाला और उसे चाटा और उसने अपने को स्वस्थ अनुभव किया।
امّا یوناتان چون از فرمان پدر خود بی‌اطّلاع بود، نوک عصایی را که در دست داشت داخل کندوی عسل کرده آن را خورد و حالش بهتر شد.
सैनिकों में से एक ने योनातान से कहा, “तुम्हारे पिता ने एक विशेष प्रतिज्ञा करने के लिये सैनिकों को विवश किया है। तुम्हारे पिता ने कहा है कि जो कोई आज खायेगा, दण्डित होगा। यही कारण है कि पुरुषों ने कुछ भी खाया नहीं। यही कारण है कि पुरुष कमजोर हैं।”
یکی از حاضرین به او گفت: «ما همگی از گرسنگی بی‌حال هستیم، چون پدرت گفته است: 'لعنت بر آن کسی‌که امروز چیزی بخورد.'»
योनातान ने कहा, “मेरे पिता ने लोगों के लिये परेशानी उत्पन्न की है! देखो इस जरा से शहद को चाटने से मैं कितना स्वस्थ अनुभव कर रहा हूँ!
یوناتان جواب داد: «پدرم بیهوده مردم را زحمت می‌دهد. می‌بینی که فقط با چشیدن یک ذره عسل چقدر حالم بهتر شد.
बहुत अच्छा होता कि लोग वह भोजन करते जो उन्होंने आज शत्रुओं से लिया था। हम बहुत अधिक पलिश्तियों को मार सकते थे!”
بهتر بود اگر پدرم به مردم اجازه می‌داد تا از غذایی که از دشمنان به دست آورده‌اند بخورند، آنگاه می‌توانستند تعداد زیادتری از فلسطینیان را بکشند.»
उस दिन इस्राएलियों ने पलिश्तियों को हराया। वे उनसे मिकमाश से अय्यालोन तक के पूरे मार्ग पर लड़े। क्योंकि लोग बहुत भूके और थके हुए थे।
آن روز مردم اسرائیل فلسطینیان را از مخماس تا ایلون تعقیب کرده می‌کشتند و در اثر گرسنگی ضعیف شده بودند.
उन्होंने पलिश्तियों से भेड़ें, गायें और बछड़े लिये थे। उस समय इस्राएल के लोग इतने भूखे थे कि उन्होंने उन जानवरों को जमीन पर ही मारा और उन्हें खाया। जानवरों में तब तक खून था!
پس به حیواناتی که به غنیمت گرفته بودند حمله کرده گاوها و گوسفندان را سر می‌بریدند و گوشت آنها را با خون می‌خوردند.
एक व्यक्ति ने शाऊल से कहा, “देखो! लोग यहोवा के विरुद्ध पाप कर रहे हैं। वे ऐसा माँस खा रहे हैं जिसमें खून है!” शाऊल ने कहा, “तुम लोगों ने पाप किया है! यहाँ एक विशान पत्थर लुढ़काकर लाओ।”
کسی به شائول خبر داده گفت: «مردم با خوردن خون در مقابل خداوند گناه می‌کنند.» شائول گفت: «شما خیانت کرده‌‌‌اید. حالا یک سنگ بزرگ را پیش من بغلطانید
तब शाऊल ने कहा, “लोगों के पास जाओ और कहो कि हर एक व्यक्ति अपना बैल और भेड़ें मेरे पास यहाँ लाये। तब लोगों को अपने बैल और भेड़ें यहाँ मारनी चाहिये। यहोवा के विरुद्ध पाप मत करो। वह माँस न खाओ जिसमें खून हो।” उस रात हर एक व्यक्ति अपने जानवरों को लाया और उन्हें वहाँ मारा।
و بعد بروید و به مردم بگویید که گاوان و گوسفندان را به اینجا بیاورند و بکشند و بخورند و با خوردن خون، پیش خداوند گناه نکنند.» پس همه در آن شب گاوان را آورده در آنجا کشتند.
तब शाऊल ने यहोवा के लिये एक वेदी बनाई। शाऊल ने यहोवा के लिये स्वयं वह वेदी बनानी आरम्भ की!
شائول برای خداوند قربانگاهی ساخت و آن اولین قربانگاهی بود که برای خداوند بنا کرد.
शाऊल ने कहा, “हम लोग आज रात को पलिश्तियों का पीछा करें। हम लोग हर वस्तु ले लेंगे। हम उन सभी को मार डालेंगे।” सेना ने उत्तर दिया, “वैसे ही करो जैसे तुम ठीक समझते हो।” किन्तु याजक ने कहा, “हमें परमेश्वर से पूछने दो।”
سپس شائول گفت: «بیایید بر فلسطینیان شبیخون بزنیم و تا صبح هیچ‌کدام آنها را زنده نگذاریم.» مردم گفتند: «هرچه صلاح می‌دانی بکن.» امّا کاهن گفت: «اول با خدا مشورت کنیم.»
अत: शाऊल ने परमेश्वर से पूछा, “क्या मुझे पलिश्तियों का पीछा करने जाना चाहिए? क्या तू हमें पलिश्तियों को हराने देगा?” किन्तु परमेश्वर ने शाऊल को उस दिन उत्तर नहीं दिया।
شائول از خدا پرسید: «آیا به تعقیب فلسطینیان برویم؟ آیا به ما کمک می‌کنی که آنها را مغلوب سازیم؟» امّا خدا در آن شب به او جوابی نداد.
इसलिए शाऊल ने कहा, “मेरे पास सभी प्रमुखों को लाओ। हम लोग मालूम करें कि आज किसने पाप किया है।
بعد شائول به رهبران قوم گفت: «باید معلوم کنیم که چه کسی از ما مرتکب گناه شده است.
मैं इस्राएल की रक्षा करने वाले यहोवा की शपथ खा कर यह प्रतिज्ञा करता हूँ। यदि मेरे अपने पुत्र योनातान ने भी पाप किया हो तो वह अवश्य मरेगा।” सेना में किसी ने भी कुछ नहीं कहा।
به نام خداوند که آزادی بخش اسرائیل است قسم می‌خوردم که گناهکار باید کشته شود، حتّی اگر پسرم یوناتان باشد.» امّا کسی چیزی نگفت.
तब शाऊल ने सभी इस्राएलियों से कहा, “तुम लोग इस ओर खड़े हो। मैं और मेरा पुत्र योनातान दूसरी ओर खड़े होगें।” सैनिकों ने उत्तर दिया, “महाराज! आप जैसा चाहें।”
آنگاه شائول به قوم اسرائیل گفت: «همهٔ شما آن طرف بایستید و یوناتان و من این طرف می‌ایستیم.» مردم جواب دادند: «تو هرچه که بهتر است انجام بده.»
तब शाऊल ने प्रार्थना की, “इस्राएल के परमेश्वर यहोवा, मैं तेरा सेवक हूँ आज तू मुझे उत्तर क्यों नहीं दे रहा है? यदि मैंने या मेरे पुत्र योनातान ने पाप किया है तो इस्राएल के परमेश्वर यहोवा तू उरीम दे और यदि तेरे लोग इस्राएलियों ने पाप किया है तो तुम्मिम दे।” शाऊल और योनातान धर लिए गए और लोग छूट गए।
شائول با دعا به خداوند گفت: «خداوندا، ای خدای اسرائیل، چرا به سؤال این بنده‌ات جوابی ندادی؟ آیا من و یوناتان گناهی کرده‌ایم یا گناه به گردن دیگران است؟ خداوندا، گناهکار را به ما نشان بده.» سپس قرعه انداختند، قرعه به نام شائول و یوناتان درآمد.
शाऊल ने कहा, “उन्हें फिर से फेंको कि कौन पाप करने वाला है मैं या मेरा पुत्र योनातान।” योनातान चुन लिया गया।
طبق دستور شائول، بین خود او و یوناتان قرعه انداختند. این بار قرعه به نام یوناتان درآمد.
शाऊल ने योनातान से कहा, “मुझे बताओ कि तुमने क्या किया है?” योनातान ने शाऊल से कहा, “मैंने अपनी छड़ी के सिरे से केवल थोड़ा सा शहद चाटा था। क्या मुझे वह करने के कारण मरना चाहिये?”
آنگاه شائول به یوناتان گفت: «راست بگو چه کرده‌ای؟» یوناتان جواب داد: «کمی عسل را با نوک عصای دست خود گرفته خوردم. برای مردن حاضرم.»
शाऊल ने कहा, “यदि मैं अपनी प्रतिज्ञा पूरा नहीं करता हूँ तो परमेश्वर मेरे लिये बहुत बुरा करे। योनातान को मरना चाहिये!”
شائول گفت: «بلی، تو حتماً باید کشته شوی. خدا مرا بکشد، اگر تو کشته نشوی.»
किन्तु सैनिकों ने शाऊल से कहा, “योनातान ने आज इस्राएल को बड़ी विजय तक पहुँचाया। क्या योनातान को मरना ही चाहिए? कभी नहीं! हम लोग परमेश्वर की शपथ खाकर वचन देते हैं कि योनातान का एक बाल भी बाँका नहीं होगा। परमेश्वर ने आज पलिश्तियों के विरुद्ध लड़ने में योनातान की सहायता की है!” इस प्रकार लोगों ने योनातान को बचाया। उसे मृत्यदणड नहीं दिया गया।
ولی سربازان به شائول گفتند: «امروز یوناتان قوم اسرائیل را نجات داد. غیر ممکن است که او کشته شود. به نام خداوند قسم نمی‌گذاریم حتّی یک تار موی او هم کم شود، زیرا امروز به وسیلهٔ او بود که خداوند معجزهٔ بزرگی نشان داد.» به این ترتیب مردم شفاعت کرده یوناتان را از مرگ نجات دادند.
शाऊल ने पलिश्तियों का पीछा नहीं किया। पलिश्ती अपने स्थान को लौट गये।
بعد شائول، فرمان بازگشت سپاه خود را صادر کرد و فلسطینیان هم به وطن خود برگشتند.
शाऊल ने इस्राएल पर पूरा अधिकार जमा लिया और दिखा दिया कि वह राजा है। शाऊल इस्राएल के चारों ओर रहने वाले शत्रुओं से लड़ा। शाऊल, अम्मोनी, मोआबी, सोबा के राजा एदोम और पलिश्तियों से लड़ा। जहाँ कहीं शाऊल गया, उसने इस्राएल के शत्रुओं को पराजित किया।
وقتی شائول پادشاه اسرائیل شد، با همهٔ دشمنان، از قبیل موآبیان، عمونیان، اَدومیان، پادشاهان صوبه و فلسطینیان جنگید و در همهٔ جنگها پیروز شد.
शाऊल बहुत वीर था। उसने अमालेकियों को हराया। शाऊल ने इस्राएल को उसके उन शत्रुओं से बचाया जो इस्राएल के लोगों से उनकी सम्पत्ति छीन लेना चाहते थे।
او با شجاعت تمام عمالیقیان را شکست داد و قوم اسرائیل را از دست دشمنان نجات داد.
शाऊल के पुत्र थे योनातान, यिशवी और मलकीश। शाऊल की बड़ी पुत्री का नाम मेरब था। शाऊल की छोटी पुत्री का नाम मीकल था।
شائول سه پسر داشت به نامهای یوناتان، یشوی و ملکیشوع. او همچنین دارای دو دختر بود. دختر بزرگش میرب و دختر کوچکش میکال نام داشت.
शाऊल की पत्नी का नाम अहीनोअम था। अहीनोअम अहीमास की पुत्री थी। शाऊल की सेना के सेनापति का नाम अब्नेर था, जो नेर का पुत्र था। नेर शाऊल का चाचा था।
زن شائول، اخینوعام دختر اخیمعاص بود و فرماندهٔ ارتش او، ابنیر پسر نیر عموی شائول بود.
शाऊल का पिता कीश और अब्नेर का पिता नेर, अबीएल के पुत्र थे।
قیس پدر شائول و نیر پدر ابنیر و پسران ابیئیل بودند.
शाऊल अपने जीवन भर वीर रहा और पलिश्तियों के विरुद्ध दृढ़ता से लड़ा। शाऊल जब भी कभी किसी व्यक्ति को ऐसा वीर देखता जो शक्तिशाली होता तो वह उसे ले लेता और उसे उन सैनिकों की टुकड़ी में रखता जो उसके समीप रहते और उसकी रक्षा करते थे।
در تمام دوران سلطنت شائول، اسرائیل و فلسطینیان همیشه در جنگ بودند و شائول هر شخص نیرومند و شجاعی را که می‌دید، به خدمت سپاه خود در می‌آورد.