जब यिप्तह ने देखा कि पहली चीज़ उसकी पुत्री ही थी, जो उसके घर से बाहर आई तब उसने दुःख को अभिव्यक्त करने के लिये अपने वस्त्र फाड़ डाले और यह कहा, “आह! मेरी बेटी तूने मुझे बरबाद कर दिया। तूने मुझे बहुत दुःखी कर दिया! मैंने यहोवा को वचन दिया था, मैं उसे वापस नहीं ले सकता।”
Da han fik Øje på hende, sønderrev han sine Klæder og råbte: "Ak, min Datter, du har bøjet mig dybt, og det er dig, der styrter mig i Ulykke! Thi jeg har åbnet min Mund for HERREN og kan ikke tage mit Ord tilbage!"