हे एप्रैम, तुम ही बताओ कि मैं (यहोवा) तुम्हारे साथ क्या करूँ?
हे यहूदा, तुम्हारे साथ मुझे क्या करना चाहिये?
तुम्हारी आस्था भोर की धुंध सी है।
तुम्हारी आस्था उस ओस की बूँद सी है जो सुबह होते ही कही चली जाती है।
Hvor kan jeg hjælpe dig, Efraim, hvor kan jeg hjælpe dig, Juda? Eders Kærlighed er Morgentåge, Dug, som årle svinder!