“यदि मेरे पास कोई भी आता है और अपने पिता, माता, पत्नी और बच्चों अपने भाइयों और बहनों और यहाँ तक कि अपने जीवन तक से मुझ से अधिक प्रेम रखता है, वह मेरा शिष्य नहीं हो सकता!
Jde-li kdo ke mně, a nemá-li v nenávisti otce svého, i mateře, i ženy, i dětí, i bratří, i sestr, ano i té duše své, nemůž býti mým učedlníkem.