उसी तरह जब कोई व्यक्ति मर जाता है
वह नीचे लेट जाता है
और वह महानिद्रा से फिर खड़ा नहीं होता।
वैसे ही वह व्यक्ति जो प्राण त्यागता है
कभी खड़ा नहीं होता अथवा चिर निद्रा नहीं त्यागता
जब तक आकाश विलुप्त नहीं होंगे।
al' čovjek kad legne, ne ustaje više, dok nebesa bude, neće se podići, od sna se svojega probuditi neće.