मेरे ऊपर से तू आँखें हटा ले!
तेरे नयन मुझको उत्तेजित करते हैं!
तेरे केश लम्बे हैं और वे ऐसे लहराते है
जैसे गिलाद की पहाड़ी से बकरियों का झुण्ड उछलता हुआ उतरता आता हो।
किन्तु मेरी कबूतरी, मेरी निर्मल,
उनमें एक मात्र है।
जिस मां ने उसे जन्म दिया
वह उस माँ की प्रिय है।
कुमारियों ने उसे देखा और उसे सराहा।
हाँ, रानियों और सेविकाओं ने भी उसको देखकर उसकी प्रशंसा की थी।