इन चारों ही प्राणियों के छह छह पंख थे। उनके चारों ओर तथा भीतर आँखें ही आँखें भरी पड़ीं थीं। दिन रात वे निरन्तर कहते रहते थे:
“सर्वशक्तिमान प्रभु परमेश्वर पवित्र है,
पवित्र है, पवित्र है, जो था, जो है और जो आनेवाला है।”
四活物各有六个翅膀,遍体内外都满了眼睛。他们昼夜不住的说:圣哉!圣哉!圣哉!主 神是昔在、今在、以后永在的全能者。