Zechariah 5

मैंने फिर निगाह ऊची की और मैंने एक उङता हुआ गोल पत्रक देखा।
فَعُدْتُ وَرَفَعْتُ عَيْنَيَّ وَنَظَرْتُ وَإِذَا بِدَرْجٍ طَائِرٍ.
दूत ने मुझसे पूछा, “तुम क्या देखते हो?” मैंने कहा, “मैं एक उङता हुआ गोल लिपटा पत्रक देख रहा हूँ।” “यह गोल लिपटा पत्रक तींस फुट लम्बा और पन्द्रह फूट चौङा है।”
فَقَالَ لِي: «مَاذَا تَرَى؟» فَقُلْتُ: «إِنِّي أَرَى دَرْجًا طَائِرًا، طُولُهُ عِشْرُونَ ذِرَاعًا، وَعَرْضُهُ عَشَرُ أَذْرُعٍ».
तब दुत ने मुझ से कहा, “उस गोल लिपटे पत्रक पर एक शाप लिखा हैं। और दुसरी ओर उन लोगों को शाप है, जो प्रतिज्ञा करके झुट बोलते हैं।
فَقَالَ لِي: «هذِهِ هِيَ اللَّعْنَةُ الْخَارِجَةُ عَلَى وَجْهِ كُلِّ الأَرْضِ. لأَنَّ كُلَّ سَارِق يُبَادُ مِنْ هُنَا بِحَسَبِهَا، وَكُلَّ حَالِفٍ يُبَادُ مِنْ هُنَاكَ بِحَسَبِهَا.
सर्वशक्तिमान यहोवा कहता है, ‘मैं इस गोल लिपटे पत्रक को चोरों के घर और उन लोगों के घर भेजूँगा जा गलत प्रतिज्ञा करते समय मेरे नाम का उपयाग करते हैं । वह गोल लिपटा पत्रक वहीं रहेगा। यहाँ तक कि पत्थर और लकङी के खम्भे भी नष्ट हो जाएंगे।’”
إِنِّي أُخْرِجُهَا، يَقُولُ رَبُّ الْجُنُودِ، فَتَدْخُلُ بَيْتَ السَّارِقِ وَبَيْتَ الْحَالِفِ بِاسْمِي زُورًا، وَتَبِيتُ فِي وَسَطِ بَيْتِهِ وَتُفْنِيهِ مَعَ خَشَبِهِ وَحِجَارَتِهِ».
तब मेरे साथ बात करने वाला दूत गया। उसने मुझ से कहा, “देखो! तुम क्या होता हुआ देख रहे हो?”
ثُمَّ خَرَجَ الْمَلاَكُ الَّذِي كَلَّمَنِي وَقَالَ لِي: «ارْفَعْ عَيْنَيْكَ وَانْظُرْ مَا هذَا الْخَارِجُ».
मैंने कहा, “मैं नही जानता, कि यह क्या हैं?” उसने कहा, “वह मापक टोकरी हैं।” उसने यह भी कहा, “यह टोकरी इस देश के लोगों के पापों को नापने के लिये हैं।”
فَقُلْتُ: «مَا هُوَ؟» فَقَالَ: «هذِهِ هِيَ الإِيفَةُ الْخَارِجَةُ». وَقَالَ: «هذِهِ عَيْنُهُمْ فِي كُلِّ الأَرْضِ».
टोकरी का ढक्कन सीसे का था जब वह खोला गया, तब उसके भीतर बैठी स्त्री मिली।
وَإِذَا بِوَزْنَةِ رَصَاصٍ رُفِعَتْ. وَكَانَتِ امْرَأَةٌ جَالِسَةٌ فِي وَسَطِ الإِيفَةِ.
दूत ने कहा स्त्री बुराई का प्रतीक है। “तब दुत ने स्त्री को टोकरी में धक्का दे डाला और सीसे के ढक्कन को उसके मुख में रख दिया।” इससे यह प्रकट होता था, कि पाप बहुत भरी (बुरा) है।
فَقَالَ: «هذِهِ هِيَ الشَّرُّ». فَطَرَحَهَا إِلَى وَسَطِ الإِيفَةِ، وَطَرَحَ ثِقْلَ الرَّصَاصِ عَلَى فَمِهَا.
तब मैंने नजर उठाई और दो स्त्रियों को सारस के समान पंख सहित देखा। वे उङी और अपने पंखों में हवा के साथ उन्होंने टोकरी को उठा लि या। वे टोकरी लिये हवा में उङती रहीं।
وَرَفَعْتُ عَيْنَيَّ وَنَظَرْتُ وَإِذَا بِامْرَأَتَيْنِ خَرَجَتَا وَالرِّيحُ فِي أَجْنِحَتِهِمَا، وَلَهُمَا أَجْنِحَةٌ كَأَجْنِحَةِ اللَّقْلَقِ، فَرَفَعَتَا الإِيفَةَ بَيْنَ الأَرْضِ وَالسَّمَاءِ.
तब मैंने बातें करने वाले उस दूत से पूछा, “वे टोकरी को कहाँ ले जा रही हैं?”
فَقُلْتُ لِلْمَلاَكِ الَّذِي كَلَّمَنِي: «إِلَى أَيْنَ هُمَا ذَاهِبَتَانِ بِالإِيفَةِ؟»
दुत ने मुझ से कहा, “वे शिनार में इसके लिये एक मंदिर बनाने जा रही हैं जब वे मंदिर बना लेंगी तो वे उस टोकरी को वहाँ रखेंगी।”
فَقَالَ لِي: «لِتَبْنِيَا لَهَا بَيْتًا فِي أَرْضِ شِنْعَارَ. وَإِذَا تَهَيَّأَ تَقِرُّ هُنَاكَ عَلَى قَاعِدَتِهَا».