यह इस बात को प्रकट करेगा कि मैं इस देश के लिये एक नया गड़ेरिया लाऊँगा। किन्तु यह युवक उन भेड़ो की दखभाल करने में सक्षम नहीं होगा, जो नष्ट की जा चुकी है। वह चाट खाई भेड़ों को स्वस्थ नहीं कर सकेगा। वह उन्हें खिला नहीं पाएगा जो अभी जीवीत बची हैं। और स्वस्थ भेड़ें सारी खा ली जाएंगी,केवल उन्की खुरें बची रहेंगी।”
لأَنِّي هأَنَذَا مُقِيمٌ رَاعِيًا فِي الأَرْضِ لاَ يَفْتَقِدُ الْمُنْقَطِعِينَ، وَلاَ يَطْلُبُ الْمُنْسَاقَ، وَلاَ يَجْبُرُ الْمُنْكَسِرَ، وَلاَ يُرَبِّي الْقَائِمَ. وَلكِنْ يَأْكُلُ لَحْمَ السِّمَانِ وَيَنْزِعُ أَظْلاَفَهَا».