परमेश्वर ने हमारे कान बनाएँ हैं, और निश्चय ही उसके भी कान होंगे।
सो वह उन बातों को सुन सकता है, जो घटिन हो रहीं हैं।
परमेश्वर ने हमारी आँखें बनाई हैं, सो निश्चय ही उसकी भी आँख होंगी।
सो वह उन बातों को देख सकता है, जो घटित हो रही है।
الْغَارِسُ الأُذُنَِ أَلاَ يَسْمَعُ؟ الصَّانِعُ الْعَيْنَ أَلاَ يُبْصِرُ؟