Psalms 65

हे सिय्योन के परमेश्वर, मैं तेरी स्तुती करता हूँ। मैंने जो मन्नत मानी, तुझ पर चढ़ाता हूँ।
لَكَ يَنْبَغِي التَّسْبِيحُ يَا اَللهُ فِي صِهْيَوْنَ، وَلَكَ يُوفَى النَّذْرُ.
मैं तेरे उन कामों का बखान करता हूँ, जो तूने किये हैं। हमारी प्रार्थनायें तू सुनता रहता हैं। तू हर किसी व्यक्ति की प्रार्थनायें सुनता है, जो तेरी शरण में आता है।
يَا سَامِعَ الصَّلاَةِ، إِلَيْكَ يَأْتِي كُلُّ بَشَرٍ.
जब हमारे पाप हम पर भारी पड़ते हैं, हमसे सहन नहीं हो पाते, तो तू हमारे उन पापों को हर कर ले जाता है।
آثامٌ قَدْ قَوِيَتْ عَلَيَّ. مَعَاصِينَا أَنْتَ تُكَفِّرُ عَنْهَا.
हे परमेश्वर, तूने अपने भक्त चुने हैं। तूने हमको चुना है कि हम तेरे मन्दिर में आयें और तेरी उपासना करें। हम तेरे मन्दिर में बहुत प्रसन्न हैं। सभी अद्भुत वस्तुएं हमारे पास है।
طُوبَى لِلَّذِي تَخْتَارُهُ وَتُقَرِّبُهُ لِيَسْكُنَ فِي دِيَارِكَ. لَنَشْبَعَنَّ مِنْ خَيْرِ بَيْتِكَ، قُدْسِ هَيْكَلِكَ.
हे परमेश्वर, तू हमारी रक्षा करता है। सज्जन तेरी प्रार्थना करते, और तू उनकी विनतियों का उत्तर देता है। उनके लिए तू अचरज भरे काम करता है। सारे संसार के लोग तेरे भरोसे हैं।
بِمَخَاوِفَ فِي الْعَدْلِ تَسْتَجِيبُنَا يَا إِلهَ خَلاَصِنَا، يَا مُتَّكَلَ جَمِيعِأَقَاصِي الأَرْضِ وَالْبَحْرِ الْبَعِيدَةِ.
परमेश्वर ने अपनी महाशक्ति का प्रयोग किया और पर्वत रच डाले। उसकी शक्ति हम अपने चारों तरफ देखते हैं।
الْمُثْبِتُ الْجِبَالََ بِقُوَّتِهِ، الْمُتَنَطِّقُ بِالْقُدْرَةِ،
परमेश्वर ने उफनते हुए सागर शांत किया। परमेश्वर ने जगत के सभी असंख्य लोगों को बनाया है।
الْمُهْدِّئُ عَجِيجَ الْبِحَارِ، عَجِيجَ أَمْوَاجِهَا، وَضَجِيجَ الأُمَمِ.
जिन अद्भुत बातों को परमेश्वर करता है, उनसे धरती का हर व्यक्ति डरता है। परमेश्वर तू ही हर कहीं सूर्य को उगाता और छिपाता है। लोग तेरा गुणगान करते हैं।
وَتَخَافُ سُكَّانُ الأَقَاصِي مِنْ آيَاتِكَ. تَجْعَلُ مَطَالِعَ الصَّبَاحِ وَالْمَسَاءِ تَبْتَهِجُ.
पृथ्वी की सारी रखवाली तू करता है। तू ही इसे सींचता और तू ही इससे बहुत सारी वस्तुएं उपजाता है। हे परमेश्वर, नदियों को पानी से तू ही भरता है। तू ही फसलों की बढ़वार करता है। तू यह इस विधि से करता है।
تَعَهَّدْتَ الأَرْضَ وَجَعَلْتَهَا تَفِيضُ. تُغْنِيهَا جِدًّا. سَوَاقِي اللهِ مَلآنَةٌ مَاءً. تُهَيِّئُ طَعَامَهُمْ لأَنَّكَ هكَذَا تُعِدُّهَا.
जुते हुए खेतों पर वर्षा कराता है। तू खेतों को जल से सराबोर कर देता, और धरती को वर्षा से नरम बनाता है, और तू फिर पौधों की बढ़वार करता है।
أَرْوِ أَتْلاَمَهَا. مَهِّدْ أَخَادِيدَهَا. بِالْغُيُوثِ تُحَلِّلُهَا. تُبَارِكُ غَلَّتَهَا.
तू नये साल का आरम्भ उत्तम फसलों से करता है। तू भरपूर फसलों से गाड़ियाँ भर देता है।
كَلَّلْتَ السَّنَةَ بِجُودِكَ، وَآثارُكَ تَقْطُرُ دَسَمًا.
वन औक पर्वत दूब घास से ढक जाते हैं।
تَقْطُرُ مَرَاعِي الْبَرِّيَّةِ، وَتَتَنَطَّقُ الآكَامُ بِالْبَهْجَةِ.
भेड़ों से चरागाहें भर गयी। फसलों से घाटियाँ भरपूर हो रही हैं। हर कोई गा रहा और आनन्द में ऊँचा पुकार रहा है।
اكْتَسَتِ الْمُرُوجُ غَنَمًا، وَالأَوْدِيَةُ تَتَعَطَّفُ بُرًّا. تَهْتِفُ وَأَيْضًا تُغَنِّي.