Psalms 61

हे परमेश्वर, मेरा प्रार्थना गीत सुन। मेरी विनती सुन।
اِسْمَعْ يَا اَللهُ صُرَاخِي، وَاصْغَ إِلَى صَلاَتِي.
जहाँ भी मैं कितनी ही निर्बलता में होऊँ, मैं सहायता पाने को तुझको पुकारूँगा! जब मेरा मन भारी हो और बहुत दु:खी हो, तू मुझको बहुत ऊँचे सुरक्षित स्थान पर ले चल।
مِنْ أَقْصَى الأَرْضِِ أَدْعُوكَ إِذَا غُشِيَ عَلَى قَلْبِي. إِلَى صَخْرَةٍ أَرْفَعَ مِنِّي تَهْدِينِي.
तू ही मेरा शरणस्थल है! तू ही मेरा सुदृढ़ गढ़ है, जो मुझे मेरे शत्रुओं से बचाता है।
لأَنَّكَ كُنْتَ مَلْجَأً لِي، بُرْجَ قُوَّةٍ مِنْ وَجْهِ الْعَدُوِّ.
तेरे डेरे में, मैं सदा सदा के लिए निवास करूँगा। मैं वहाँ छिपूँगा जहाँ तू मुझे बचा सके।
لأَسْكُنَنَّ فِي مَسْكَنِكَ إِلَى الدُّهُورِ. أَحْتَمِي بِسِتْرِ جَنَاحَيْكَ. سِلاَهْ.
हे परमेश्वर, तूने मेरी वह मन्नत सुनी है, जिसे तुझ पर चढ़ाऊँगा, किन्तु तेरे भक्तों के पास हर वस्तु उन्हें तुझसे ही मिली है।
لأَنَّكَ أَنْتَ يَا اَللهُ اسْتَمَعْتَ نُذُورِي. أَعْطَيْتَ مِيرَاثَ خَائِفِي اسْمِكَ.
राजा को लम्बी आयु दे। उसको चिरकाल तक जीने दे!
إِلَى أَيَّامِ الْمَلِكِ تُضِيفُ أَيَّامًا. سِنِينُهُ كَدَوْرٍ فَدَوْرٍ.
उसको सदा परमेश्वर के साथ में बना रहने दे! तू उसकी रक्षा निज सच्चे प्रेम से कर।
يَجْلِسُ قُدَّامَ اللهِ إِلَى الدَّهْرِ. اجْعَلْ رَحْمَةً وَحَقًّا يَحْفَظَانِهِ.
मैं तेरे नाम का गुण सदा गाऊँगा। उन बातों को करूँगा जिनके करने का वचन मैंने दिया है।
هكَذَا أُرَنِّمُ لاسْمِكَ إِلَى الأَبَدِ، لِوَفَاءِ نُذُورِي يَوْمًا فَيَوْمًا.