Psalms 51

हे परमेश्वर, अपनी विशाल प्रेमपूर्ण अपनी करूण से मुझ पर दया कर। मेरे सभी पापों को तू मिटा दे।
اِرْحَمْنِي يَا اَللهُ حَسَبَ رَحْمَتِكَ. حَسَبَ كَثْرَةِ رَأْفَتِكَ امْحُ مَعَاصِيَّ.
हे परमेश्वर, मेरे अपराध मुझसे दूर कर। मेरे पाप धो डाल, और फिर से तू मुझको स्वच्छ बना दे।
اغْسِلْنِي كَثِيرًا مِنْ إِثْمِي، وَمِنْ خَطِيَّتِي طَهِّرْنِي.
मैं जानता हूँ, जो पाप मैंने किया है। मैं अपने पापों को सदा अपने सामने देखता हूँ।
لأَنِّي عَارِفٌ بِمَعَاصِيَّ، وَخَطِيَّتِي أَمَامِي دَائِمًا.
है परमेश्वर, मैंने वही काम किये जिनको तूने बुरा कहा। तू वही है, जिसके विरूद्ध मैंने पाप किये। मैं स्वीकार करता हूँ इन बातों को, ताकि लोग जान जाये कि मैं पापी हूँ और तू न्यायपूर्ण है, तथा तेरे निर्णय निष्पक्ष होते हैं।
إِلَيْكَ وَحْدَكَ أَخْطَأْتُ، وَالشَّرَّ قُدَّامَ عَيْنَيْكَ صَنَعْتُ، لِكَيْ تَتَبَرَّرَ فِي أَقْوَالِكَ، وَتَزْكُوَ فِي قَضَائِكَ.
मैं पाप से जन्मा, मेरी माता ने मुझको पाप से गर्भ में धारण किया।
هأَنَذَا بِالإِثْمِ صُوِّرْتُ، وَبِالْخَطِيَّةِ حَبِلَتْ بِي أُمِّي.
हे परमेश्वर, तू चाहता है, हम विश्वासी बनें। और मैं निर्भय हो जाऊँ। इसलिए तू मुझको सच्चे विवेक से रहस्यों की शिक्षा दे।
هَا قَدْ سُرِرْتَ بِالْحَقِّ فِي الْبَاطِنِ، فَفِي السَّرِيرَةِ تُعَرِّفُنِي حِكْمَةً.
तू मुझे विधि विधान के साथ, जूफा के पौधे का प्रयोग कर के पवित्र कर। तब तक मुझे तू धो, जब तक मैं हिम से अधिक उज्जवल न हो जाऊँ।
طَهِّرْنِي بِالزُّوفَا فَأَطْهُرَ. اغْسِلْنِي فَأَبْيَضَّ أَكْثَرَ مِنَ الثَّلْجِ.
मुझे प्रसन्न बना दे। बता दे मुझे कि कैसे प्रसन्न बनूँ? मेरी वे हडिडयाँ जो तूने तोड़ी, फिर आनन्द से भर जायें।
أَسْمِعْنِي سُرُورًا وَفَرَحًا، فَتَبْتَهِجَ عِظَامٌ سَحَقْتَهَا.
मेरे पापों को मत देख। उन सबको धो डाल।
اسْتُرْ وَجْهَكَ عَنْ خَطَايَايَ، وَامْحُ كُلَّ آثامِي.
परमेश्वर, तू मेरा मन पवित्र कर दे। मेरी आत्मा को फिर सुदृढ कर दे।
قَلْبًا نَقِيًّا اخْلُقْ فِيَّ يَا اَللهُ، وَرُوحًا مُسْتَقِيمًا جَدِّدْ فِي دَاخِلِي.
अपनी पवित्र आत्मा को मुझसे मत दूर हटा, और मुझसे मत छीन।
لاَ تَطْرَحْنِي مِنْ قُدَّامِ وَجْهِكَ، وَرُوحَكَ الْقُدُّوسَ لاَ تَنْزِعْهُ مِنِّي.
वह उल्लास जो तुझसे आता है, मुझमें भर जायें। मेरा चित अडिग और तत्पर कर सुरक्षित होने को और तेरा आदेश मानने को।
رُدَّ لِي بَهْجَةَ خَلاَصِكَ، وَبِرُوحٍ مُنْتَدِبَةٍ اعْضُدْنِي.
मैं पापियों को तेरी जीवन विधि सिखाऊँगा, जिससे वे लौट कर तेरे पास आयेंगे।
فَأُعَلِّمَ الأَثَمَةَ طُرُقَكَ، وَالْخُطَاةُ إِلَيْكَ يَرْجِعُونَ.
हे परमेश्वर, तू मुझे हत्या का दोषी कभी मत बनने दें। मेरे परमेश्वर, मेरे उद्धारकर्ता, मुझे गाने दे कि तू कितना उत्तम है
نَجِّنِي مِنَ الدِّمَاءِ يَا اَللهُ، إِلهَ خَلاَصِي، فَيُسَبِّحَ لِسَانِي بِرَّكَ.
हे मेरे स्वामी, मुझे मेरा मुँह खोलने दे कि मैं तेरे प्रसंसा का गीत गाऊँ।
يَا رَبُّ افْتَحْ شَفَتَيَّ، فَيُخْبِرَ فَمِي بِتَسْبِيحِكَ.
जो बलियाँ तुझे नहीं भाती सो मुझे चढ़ानी नहीं है। वे बलियाँ तुझे वाँछित तक नहीं हैं।
لأَنَّكَ لاَ تُسَرُّ بِذَبِيحَةٍ وَإِلاَّ فَكُنْتُ أُقَدِّمُهَا. بِمُحْرَقَةٍ لاَ تَرْضَى.
हे परमेश्वर, मेरी टूटी आत्मा ही तेरे लिए मेरी बलि हैं। हे परमेश्वर, तू एक कुचले और टूटे हृदय से कभी मुख नहीं मोड़ेगा।
ذَبَائِحُ اللهِ هِيَ رُوحٌ مُنْكَسِرَةٌ. الْقَلْبُ الْمُنْكَسِرُ وَالْمُنْسَحِقُ يَا اَللهُ لاَ تَحْتَقِرُهُ.
हे परमेश्वर, सिय्योन के प्रति दयालु होकर, उत्तम बन। तू यरूशलेम के नगर के परकोटे का निर्माण कर।
أَحْسِنْ بِرِضَاكَ إِلَى صِهْيَوْنَ. ابْنِ أَسْوَارَ أُورُشَلِيمَ.
तू उत्तम बलियों का और सम्पूर्ण होमबलियों का आनन्द लेगा। लोग फिर से तेरी वेदी पर बैलों की बलियाँ चढ़ायेंगे।
حِينَئِذٍ تُسَرُّ بِذَبَائِحِ الْبِرِّ، مُحْرَقَةٍ وَتَقْدِمَةٍ تَامَّةٍ. حِينَئِذٍ يُصْعِدُونَ عَلَى مَذْبَحِكَ عُجُولاً.