Psalms 38

हे यहोवा, क्रोध में मेरी आलोचना मत कर। मुझको अनुशासित करते समय मुझ पर क्रोधित मत हो।
يَا رَبُّ، لاَ تُوَبِّخْنِي بِسَخَطِكَ، وَلاَ تُؤَدِّبْنِي بِغَيْظِكَ،
हे यहोवा, तूने मुझे चोट दिया है। तेरे बाण मुझमें गहरे उतरे हैं।
لأَنَّ سِهَامَكَ قَدِ انْتَشَبَتْ فِيَّ، وَنَزَلَتْ عَلَيَّ يَدُكَ.
तूने मुझे दण्डित किया और मेरी सम्पूर्ण काया दु:ख रही है, मैंने पाप किये और तूने मुझे दण्ड दिया। इसलिए मेरी हड्डी दु:ख रही है।
لَيْسَتْ فِي جَسَدِي صِحَّةٌ مِنْ جِهَةِ غَضَبِكَ. لَيْسَتْ فِي عِظَامِي سَلاَمَةٌ مِنْ جِهَةِ خَطِيَّتِي.
मैं बुरे काम करने का अपराधी हूँ, और वह अपराध एक बड़े बोझे सा मेरे कन्धे पर चढ़ा है।
لأَنَّ آثامِي قَدْ طَمَتْ فَوْقَ رَأْسِي. كَحِمْل ثَقِيل أَثْقَلَ مِمَّا أَحْتَمِلُ.
मैं बना रहा मूर्ख, अब मेरे घाव दुर्गन्धपूर्ण रिसते हैं और वे सड़ रहे हैं।
قَدْ أَنْتَنَتْ، قَاحَتْ حُبُرُ ضَرْبِي مِنْ جِهَةِ حَمَاقَتِي.
मैं झुका और दबा हुआ हूँ। मैं सारे दिन उदास रहता हूँ।
لَوِيتُ. انْحَنَيْتُ إِلَى الْغَايَةِ. الْيَوْمَ كُلَّهُ ذَهَبْتُ حَزِينًا.
मुझको ज्वर चढ़ा है, और समूचे शरीर में वेदना भर गई है।
لأَنَّ خَاصِرَتَيَّ قَدِ امْتَلأَتَا احْتِرَاقًا، وَلَيْسَتْ فِي جَسَدِي صِحَّةٌ.
मैं पूरी तरह से दुर्बल हो गया हूँ। मैं कष्ट में हूँ इसलिए मैं कराहता और विलाप करता हूँ।
خَدِرْتُ وَانْسَحَقْتُ إِلَى الْغَايَةِ. كُنْتُ أَئِنُّ مِنْ زَفِيرِ قَلْبِي.
हे यहोवा, तूने मेरा कराहना सुन लिया। मेरी आहें तो तुझसे छुपी नहीं।
يَا رَبُّ، أَمَامَكَ كُلُّ تَأَوُّهِي، وَتَنَهُّدِي لَيْسَ بِمَسْتُورٍ عَنْكَ.
मुझको ताप चढ़ा है। मेरी शक्ति निचुड़ गयी है। मेरी आँखों की ज्योति लगभग जाती रही।
قَلْبِي خَافِقٌ. قُوَّتِي فَارَقَتْنِي، وَنُورُ عَيْنِي أَيْضًا لَيْسَ مَعِي.
क्योंकि मैं रोगी हूँ, इसलिए मेरे मित्र और मेरे पड़ोसी मुझसे मिलने नहीं आते। मेरे परिवार के लोग तो मेरे पास तक नहीं फटकते।
أَحِبَّائِي وَأَصْحَابِي يَقِفُونَ تُجَاهَ ضَرْبَتِي، وَأَقَارِبِي وَقَفُوا بَعِيدًا.
मेरे शत्रु मेरी निन्दा करते हैं। वे झूठी बातों और प्रतिवादों को फैलाते रहते हैं। मेरे ही विषय में वे हरदम बात चीत करते रहते हैं।
وَطَالِبُو نَفْسِي نَصَبُوا شَرَكًا، وَالْمُلْتَمِسُونَ لِيَ الشَّرَّ تَكَلَّمُوا بِالْمَفَاسِدِ، وَالْيَوْمَ كُلَّهُ يَلْهَجُونَ بِالْغِشِّ.
किन्तु मैं बहरा बना कुछ नहीं सुनता हूँ। मैं गूँगा हो गया, जो कुछ नहीं बोल सकता।
وَأَمَّا أَنَا فَكَأَصَمَّ لاَ أَسْمَعُ. وَكَأَبْكَمَ لاَ يَفْتَحُ فَاهُ.
मैं उस व्यक्ति सा बना हूँ, जो कुछ नहीं सुन सकता कि लोग उसके विषय क्या कह रहे हैं। और मैं यह तर्क नहीं दे सकता और सिद्ध नहीं कर सकता की मेरे शत्रु अपराधी हैं।
وَأَكُونُ مِثْلَ إِنْسَانٍلاَ يَسْمَعُ، وَلَيْسَ فِي فَمِهِ حُجَّةٌ.
सो, हे यहोवा, मुझे तू ही बचा सकता है। मेरे परमेश्वर और मेरे स्वामी मेरे शत्रुओं को तू ही सत्य बता दे।
لأَنِّي لَكَ يَا رَبُّ صَبَرْتُ، أَنْتَ تَسْتَجِيبُ يَا رَبُّ إِلهِي.
यदि मैं कुछ भी न कहूँ, तो मेरे शत्रु मुझ पर हँसेंगे। मुझे खिन्न देखकर वे कहने लगेंगे कि मैं अपने कुकर्मो का फल भोग रहा हूँ।
لأَنِّي قُلْتُ: «لِئَلاَّ يَشْمَتُوا بِي». عِنْدَمَا زَلَّتْ قَدَمِي تَعَظَّمُوا عَلَيَّ.
मैं जानता हूँ कि मैं अपने कुकर्मो के लिए पापी हूँ। मैं अपनी पीड़ा को भूल नहीं सकता हूँ।
لأَنِّي مُوشِكٌ أَنْ أَظْلَعَ، وَوَجَعِي مُقَابِلِي دَائِمًا.
हे यहोवा, मैंने तुझको अपने कुकर्म बता दिये। मैं अपने पापों के लिए दु:खी हूँ।
لأَنَّنِي أُخْبِرُ بِإِثْمِي، وَأَغْتَمُّ مِنْ خَطِيَّتِي.
मेरे शत्रु जीवित और पूर्ण स्वस्थ हैं। उन्होंने बहुत—बहुत झूठी बातें बोली हैं।
وَأَمَّا أَعْدَائِي فَأَحْيَاءٌ. عَظُمُوا. وَالَّذِينَ يُبْغِضُونَنِي ظُلْمًا كَثُرُوا.
मेरे शत्रु मेरे साथ बुरा व्यवहार करते हैं, जबकि मैंने उनके लिये भला ही किया है। मैं बस भला करने का जतन करता रहा, किन्तु वे सब लोग मेरे विरद्ध हो गये हैं।
وَالْمُجَازُونَ عَنِ الْخَيْرِ بِشَرّ، يُقَاوِمُونَنِي لأَجْلِ اتِّبَاعِي الصَّلاَحَ.
हे यहोवा, मुझको मत बिसरा! मेरे परमेश्वर, मुझसे तू दूर मत रह!
لاَ تَتْرُكْنِي يَا رَبُّ. يَا إِلهِي، لاَ تَبْعُدْ عَنِّي.
देर मत कर, आ और मेरी सुधि ले! हे मेरे परमेश्वर, मुझको तू बचा ले!
أَسْرِعْ إِلَى مَعُونَتِي يَا رَبُّ يَا خَلاَصِي.