Psalms 35

हे यहोवा, मेरे मुकद्दमों को लड़। मेरे युद्धों को लड़!
خَاصِمْ يَا رَبُّ مُخَاصِمِيَّ. قَاتِلْ مُقَاتِلِيَّ.
हे यहोवा, कवच और ढाल धारण कर, खड़ा हो और मेरी रक्षा कर।
أَمْسِكْ مِجَنًّا وَتُرْسًا وَانْهَضْ إِلَى مَعُونَتِي،
बरछी और भाला उठा, और जो मेरे पीछे पड़े हैं उनसे युद्ध कर। हे यहोवा, मेरी आत्मा से कह, “मैं तेरा उद्धार करुँगा।”
وَأَشْرِعْ رُمْحًا وَصُدَّ تِلْقَاءَ مُطَارِدِيَّ. قُلْ لِنَفْسِي: «خَلاَصُكِ أَنَا».
कुछ लोग मुझे मारने पीछे पड़े हैं। उन्हें निराश और लज्जित कर। उनको मोड़ दे और उन्हें भगा दे। मुझे क्षति पहुँचाने का कुचक्र जो रचा रहे हैं उन्हें असमंजस में डाल दे।
لِيَخْزَ وَلْيَخْجَلِ الَّذِينَ يَطْلُبُونَ نَفْسِي. لِيَرْتَدَّ إِلَىالْوَرَاءِ وَيَخْجَلِ الْمُتَفَكِّرُونَ بِإِسَاءَتِي.
तू उनको ऐसा भूसे सा बना दे, जिसको पवन उड़ा ले जाती है। उनके साथ ऐसा होने दे कि, उनके पीछे यहोवा के दूत पड़ें।
لِيَكُونُوا مِثْلَ الْعُصَافَةِ قُدَّامَ الرِّيحِ، وَمَلاَكُ الرَّبِّ دَاحِرُهُمْ.
हे यहोवा, उनकी राह अन्धेरे और फिसलनी हो जाए। यहोवा का दूत उनके पीछे पड़े।
لِيَكُنْ طَرِيقُهُمْ ظَلاَمًا وَزَلَقًا، وَمَلاَكُ الرَّبِّ طَارِدُهُمْ.
मैंने तो कुछ भी बुरा नहीं किया है। किन्तु वे मनुष्य मुझे बिना किसी कारण के, फँसाना चाहते हैं। वे मुझे फँसाना चाहते हैं।
لأَنَّهُمْ بِلاَ سَبَبٍأَخْفَوْا لِي هُوَّةَ شَبَكَتِهِمْ. بِلاَ سَبَبٍحَفَرُوا لِنَفْسِي.
सो, हे यहोवा, ऐसे लोगों को उनके अपने ही जाल में गिरने दे। उनको अपने ही फंदो में पड़ने दे, और कोई अज्ञात खतरा उन पर पड़ने दे।
لِتَأْتِهِ التَّهْلُكَةُ وَهُوَ لاَ يَعْلَمُ، وَلْتَنْشَبْ بِهِ الشَّبَكَةُ الَّتِي أَخْفَاهَا، وَفِي التَّهْلُكَةِ نَفْسِهَا لِيَقَعْ.
फिर तो यहोवा मैं तुझ में आनन्द मनाऊँगा। यहोवा के संरक्षण में मैं प्रसन्न होऊँगा।
أَمَّا نَفْسِي فَتَفْرَحُ بِالرَّبِّ وَتَبْتَهِجُ بِخَلاَصِهِ.
मैं अपने सम्पूर्ण मन से कहूँगा, हे “यहोवा, तेरे समान कोई नहीं है। तू सबलों से दुर्बलों को बचाता है। जो जन शक्तिशाली होते हैं, उनसे तू वस्तुओं को छीन लेता है और दीन और असहाय लोगों को देता है।”
جَمِيعُ عِظَامِي تَقُولُ: «يَا رَبُّ، مَنْ مِثْلُكَ الْمُنْقِذُ الْمِسْكِينَ مِمَّنْ هُوَ أَقْوَى مِنْهُ، وَالْفَقِيرَ وَالْبَائِسَ مِنْ سَالِبِهِ؟ ».
एक झूठा साक्षी दल मुझको दु:ख देने को कुचक्र रच रहा है। ये लोग मुझसे अनेक प्रश्न पूछेंगे। मैं नहीं जानता कि वे क्या बात कर रहे हैं।
شُهُودُ زُورٍ يَقُومُونَ، وَعَمَّا لَمْ أَعْلَمْ يَسْأَلُونَنِي.
मैंने तो बस भलाई ही भलाई की है। किन्तु वे मुझसे बुराई करेंगे। हे यहोवा, मुझे वह उत्तम फल दे जो मुझे मिलना चाहिए।
يُجَازُونَنِي عَنِ الْخَيْرِ شَرًّا، ثَكَلاً لِنَفْسِي.
उन पर जब दु:ख पड़ा, उनके लिए मैं दु:खी हुआ। मैंने भोजन को त्याग कर अपना दु:ख व्यक्त किया। जो मैंने उनके लिए प्रार्थना की, क्या मुझे यही मिलना चाहिए?
أَمَّا أَنَا فَفِي مَرَضِهِمْ كَانَ لِبَاسِي مِسْحًا. أَذْلَلْتُ بِالصَّوْمِ نَفْسِي، وَصَلاَتِي إِلَى حِضْنِي تَرْجعُ.
उन लोगों के लिए मैंने शोक वस्त्र धारण किये। मैंने उन लोगों के साथ मित्र वरन भाई जैसा व्यवहार किया। मैं उस रोते मनुष्य सा दु:खी हुआ, जिसकी माता मर गई हो। ऐसे लोगों से शोक प्रकट करने के लिए मैंने काले वस्त्र पहन लिए। मैं दु:ख में डूबा और सिर झुका कर चला।
كَأَنَّهُ قَرِيبٌ، كَأَنَّهُ أَخِي كُنْتُ أَتَمَشَّى. كَمَنْ يَنُوحُ عَلَى أُمِّهِ انْحَنَيْتُ حَزِينًا.
पर जब मुझसे कोई एक चूक हो गई, उन लोगों ने मेरी हँसी उड़ाई। वे लोग सचमुच मेरे मित्र नहीं थे। मैं उन लोगोंको जानता तक नहीं। उन्होंने मुझको घेर लिया और मुझ पर प्रहार किया।
وَلكِنَّهُمْ فِي ظَلْعِي فَرِحُوا وَاجْتَمَعُوا. اجْتَمَعُوا عَلَيَّ شَاتِمِينَ وَلَمْ أَعْلَمْ. مَزَّقُوا وَلَمْ يَكُفُّوا.
उन्होंने मुझको गालियाँ दीं और हँसी उड़ायी। अपने दाँत पीसकर उन लोगों ने दर्शाया कि वे मुझ पर क्रुद्ध हैं।
بَيْنَ الْفُجَّارِ الْمُجَّانِ لأَجْلِ كَعْكَةٍ حَرَّقُوا عَلَيَّ أَسْنَانَهُمْ.
मेरे स्वामी, तू कब तक यह सब बुरा होते हुए देखेगा ये लोग मुझे नाश करने का प्रयत्न कर रहे हैं। हे यहोवा, मेरे प्राण बचा ले। मेरे प्रिय जीवन की रक्षा कर। वे सिंह जैसे बन गए हैं।
يَا رَبُّ، إِلَى مَتَى تَنْظُرُ؟ اسْتَرِدَّ نَفْسِي مِنْ تَهْلُكَاتِهِمْ، وَحِيدَتِي مِنَ الأَشْبَالِ.
हे यहोवा, मैं महासभा में तेरी स्तुति करुँगा। मैं बलशाली लोगों के संग रहते तेरा यश बखानूँगा।
أَحْمَدُكَ فِي الْجَمَاعَةِ الْكَثِيرَةِ. فِي شَعْبٍعَظِيمٍ أُسَبِّحُكَ.
मेरे मिथ्यावादी शत्रु हँसते नहीं रहेंगे। सचमुच मेरे शत्रु अपनी छुपी योजनाओं के लिए दण्ड पाएँगे।
لاَ يَشْمَتْ بِي الَّذِينَ هُمْ أَعْدَائِي بَاطِلاً، وَلاَ يَتَغَامَزْ بِالْعَيْنِ الَّذِينَ يُبْغِضُونَنِي بِلاَ سَبَبٍ.
मेरे शत्रु सचमुच शांति की योजनाएँ नहीं रचते हैं। वे इस देश के शांतिप्रिय लोगों के विरोध में छिपे छिपे बुरा करने का कुचक्र रच रहे हैं।
لأَنَّهُمْ لاَ يَتَكَلَّمُونَ بِالسَّلاَمِ، وَعَلَى الْهَادِئِينَ فِي الأَرْضِ يَتَفَكَّرُونَ بِكَلاَمِ مَكْرٍ.
मेरे शत्रु मेरे लिए बुरी बातें कह रहे हैं। वे झूठ बोलते हुए कह रहे हैं, “अहा! हम सब जानते हैं तुम क्या कर रहे हो!”
فَغَرُوا عَلَيَّ أَفْوَاهَهُمْ. قَالُوا: «هَهْ! هَهْ! قَدْ رَأَتْ أَعْيُنُنَا».
हे यहोवा, तू सचमुच देखता है कि क्या कुछ घट रहा है। सो तू छुपा मत रह, मुझको मत छोड़।
قَدْ رَأَيْتَ يَا رَبُّ، لاَ تَسْكُتْ. يَا سَيِّدُ، لاَ تَبْتَعِدْ عَنِّي.
हे यहोवा, जाग! उठ खड़ा हो जा! मेरे परमेश्वर यहोवा मेरी लड़ाई लड़, और मेरा न्याय कर।
اسْتَيْقِظْ وَانْتَبِهْ إِلَى حُكْمِي، يَا إِلهِي وَسَيِّدِي إِلَى دَعْوَايَ.
हे मेरे परमेश्वर यहोवा, अपनी निष्पक्षता से मेरा न्याय कर, तू उन लोगों को मुझ पर हँसने मत दे।
اقْضِ لِي حَسَبَ عَدْلِكَ يَا رَبُّ إِلهِي، فَلاَ يَشْمَتُوا بِي.
उन लोगों को ऐसे मत कहने दे, “अहा! हमें जो चाहिए था उसे पा लिया!” हे यहोवा, उन्हें मत कहने दे, “हमने उसको नष्ट कर दिया।”
لاَ يَقُولُوا فِي قُلُوبِهِمْ: «هَهْ! شَهْوَتُنَا». لاَ يَقُولُوا: «قَدِ ابْتَلَعْنَاهُ!».
मैं आशा करता हूँ कि मेरे शत्रु निराश और लज्जित होंगे। वे जन प्रसन्न थे जब मेरे साथ बुरी बातें घट रही थीं। वे सोचा करते कि वे मुझसे श्रेष्ठ हैं! सो ऐसे लोगों को लाज में डूबने दे।
لِيَخْزَ وَلْيَخْجَلْ مَعًا الْفَرِحُونَ بِمُصِيبَتِي. لِيَلْبِسِ الْخِزْيَ وَالْخَجَلَ الْمُتَعَظِّمُونَ عَلَيَّ.
कुछ लोग मेरा नेक चाहते हैं। मैं आशा करता हूँ कि वे बहुत आनन्दित होंगे! वे हमेशा कहते हैं, “यहोवा महान है! वह अपने सेवक की अच्छाई चाहता है।”
لِيَهْتِفْ وَيَفْرَحِالْمُبْتَغُونَ حَقِّي، وَلْيَقُولُوا دَائِمًا: «لِيَتَعَظَّمِ الرَّبُّ الْمَسْرُورُ بِسَلاَمَةِ عَبْدِهِ».
सो, हे यहोवा, मैं लोगों को तेरी अच्छाई बताऊँगा। हर दिन, मैं तेरी स्तुति करुँगा।
وَلِسَانِي يَلْهَجُ بِعَدْلِكَ. الْيَوْمَ كُلَّهُ بِحَمْدِكَ.