Mark 6

फिर यीशु उस स्थान को छोड़ कर अपने नगर को चल दिया। उसके शिष्य भी उसके साथ थे।
وَخَرَجَ مِنْ هُنَاكَ وَجَاءَ إِلَى وَطَنِهِ وَتَبِعَهُ تَلاَمِيذُهُ.
जब सब्त का दिन आया, उसने आराधनालय में उपदेश देना आरम्भ किया। उसे सुनकर बहुत से लोग आश्चर्यचकित हुए। वे बोले, “इसको ये बातें कहाँ से मिली हैं? यह कैसी बुद्धिमानी है जो इसको दी गयी है? यह ऐसे आश्चर्य कर्म कैसे करता है?
وَلَمَّا كَانَ السَّبْتُ، ابْتَدَأَ يُعَلِّمُ فِي الْمَجْمَعِ. وَكَثِيرُونَ إِذْ سَمِعُوا بُهِتُوا قَائِلِينَ:«مِنْ أَيْنَ لِهذَا هذِهِ؟ وَمَا هذِهِ الْحِكْمَةُ الَّتِي أُعْطِيَتْ لَهُ حَتَّى تَجْرِيَ عَلَى يَدَيْهِ قُوَّاتٌ مِثْلُ هذِهِ؟
क्या यह वही बढ़ई नहीं है जो मरियम का बेटा है, और क्या यह याकूब, योसेस, यहूदा और शमौन का भाई नहीं है? क्या ये जो हमारे साथ रहतीं है इसकी बहनें नहीं हैं?” सो उन्हें उसे स्वीकार करने में समस्या हो रही थी।
أَلَيْسَ هذَا هُوَ النَّجَّارَ ابْنَ مَرْيَمَ، وَأَخُو يَعْقُوبَ وَيُوسِي وَيَهُوذَا وَسِمْعَانَ؟ أَوَلَيْسَتْ أَخَوَاتُهُ ههُنَا عِنْدَنَا؟» فَكَانُوا يَعْثُرُونَ بِهِ.
यीशु ने तब उनसे कहा, “किसी नबी का अपने निजी देश, सम्बंधियों और परिवार को छोड़ और कहीं अनादर नहीं होता।”
فَقَالَ لَهُمْ يَسُوعُ:«لَيْسَ نَبِيٌّ بِلاَ كَرَامَةٍ إِلاَّ فِي وَطَنِهِ وَبَيْنَ أَقْرِبَائِهِ وَفِي بَيْتِهِ».
वहाँ वह कोई आश्चर्य कर्म भी नहीं कर सकता। सिवाय इसके कि वह कुछ रोगियों पर हाथ रख कर उन्हें चंगा कर दे।
وَلَمْ يَقْدِرْ أَنْ يَصْنَعَ هُنَاكَ وَلاَ قُوَّةً وَاحِدَةً، غَيْرَ أَنَّهُ وَضَعَ يَدَيْهِ عَلَى مَرْضَى قَلِيلِينَ فَشَفَاهُمْ.
यीशु को उनके अविश्वास पर बहुत अचरज हुआ। फिर वह गाँओं में लोगों को उपदेश देता घूमने लगा।
وَتَعَجَّبَ مِنْ عَدَمِ إِيمَانِهِمْ. وَصَارَ يَطُوفُ الْقُرَى الْمُحِيطَةَ يُعَلِّمُ.
उसने सभी बारह शिष्यों को अपने पास बुलाया। और दो दो कर के वह उन्हें बाहर भेजने लगा। उसने उन्हें दुष्टात्माओं पर अधिकार दिया।
وَدَعَا الاثْنَيْ عَشَرَ وَابْتَدَأَ يُرْسِلُهُمُ اثْنَيْنِ اثْنَيْنِ، وَأَعْطَاهُمْ سُلْطَانًا عَلَى الأَرْوَاحِ النَّجِسَةِ،
और यह निर्देश दिया, “आप अपनी यात्रा के लिए लाठी के सिवा साथ कुछ न लें। न रोटी, न बिस्तर, न पटुके में पैसे।
وَأَوْصَاهُمْ أَنْ لاَ يَحْمِلُوا شَيْئًا لِلطَّرِيقِ غَيْرَ عَصًا فَقَطْ، لاَ مِزْوَدًا وَلاَ خُبْزًا وَلاَ نُحَاسًا فِي الْمِنْطَقَةِ.
आप चप्पल तो पहन सकते हैं किन्तु कोई अतिरिक्त कुर्ती नहीं।
بَلْ يَكُونُوا مَشْدُودِينَ بِنِعَال، وَلاَ يَلْبَسُوا ثَوْبَيْنِ.
जिस किसी घर में तुम जाओ, वहाँ उस समय तक ठहरो जब तक उस नगर को छोड़ो।
وَقَالَ لَهُمْ:«حَيْثُمَا دَخَلْتُمْ بَيْتًا فَأَقِيمُوا فِيهِ حَتَّى تَخْرُجُوا مِنْ هُنَاكَ.
और यदि किसी स्थान पर तुम्हारा स्वागत न हो और वहाँ के लोग तुम्हें न सुनें, तो उसे छोड़ दो। और उनके विरोध में साक्षी देने के लिए अपने पैरों से वहाँ की धूल झाड़ दो।”
وَكُلُّ مَنْ لاَ يَقْبَلُكُمْ وَلاَ يَسْمَعُ لَكُمْ، فَاخْرُجُوا مِنْ هُنَاكَ وَانْفُضُوا التُّرَابَ الَّذِي تَحْتَ أَرْجُلِكُمْ شَهَادَةً عَلَيْهِمْ. اَلْحَقَّ أَقُولُ لَكُمْ: سَتَكُونُ لأَرْضِ سَدُومَ وَعَمُورَةَ يَوْمَ الدِّينِ حَالَةٌ أَكْثَرُ احْتِمَالاً مِمَّا لِتِلْكَ الْمَدِينَةِ».
फिर वे वहाँ से चले गये। और उन्होंने उपदेश दिया, “लोगों, मन फिराओ।”
فَخَرَجُوا وَصَارُوا يَكْرِزُونَ أَنْ يَتُوبُوا.
उन्होंने बहुत सी दुष्टात्माओं को बाहर निकाला और बहुत से रोगियों को जैतून के तेल से अभिषेक करते हुए चंगा किया।
وَأَخْرَجُوا شَيَاطِينَ كَثِيرَةً، وَدَهَنُوا بِزَيْتٍ مَرْضَى كَثِيرِينَ فَشَفَوْهُمْ.
राजा हेरोदेस ने इस बारे में सुना; क्योंकि यीशु का यश सब कहीं फैल चुका था। कुछ लोग कह रहे थे, “बपतिस्मा देने वाला यूहन्ना मरे हुओं में से जी उठा है और इसीलिये उसमें अद्भुत शक्तियाँ काम कर रही हैं।”
فَسَمِعَ هِيرُودُسُ الْمَلِكُ، لأَنَّ اسْمَهُ صَارَ مَشْهُورًا. وَقَالَ:«إِنَّ يُوحَنَّا الْمَعْمَدَانَ قَامَ مِنَ الأَمْوَاتِ وَلِذلِكَ تُعْمَلُ بِهِ الْقُوَّاتُ».
दूसरे कह रहे थे, “वह एलिय्याह है।” कुछ और कह रहे थे, “यह नबी है या प्राचीनकाल के नबियों जैसा कोई एक।”
قَالَ آخَرُونَ:«إِنَّهُ إِيلِيَّا». وَقَالَ آخَرُونَ:«إِنَّهُ نَبِيٌّ أَوْ كَأَحَدِ الأَنْبِيَاءِ».
पर जब हेरोदेस ने यह सुना तो वह बोला, “यूहन्ना जिसका सिर मैंने कटवाया था, वही जी उठा है।”
وَلكِنْ لَمَّا سَمِعَ هِيرُودُسُ قَالَ:«هذَا هُوَ يُوحَنَّا الَّذِي قَطَعْتُ أَنَا رَأْسَهُ. إِنَّهُ قَامَ مِنَ الأَمْوَاتِ!»
क्योंकि हेरोदेस ने स्वयं ही यूहन्ना को बंदी बनाने और जेल में डालने की आज्ञा दी थी। उसने अपने भाई फिलिप की पत्नी हेरोदियास के कारण, जिससे उसने विवाह कर लिया था, ऐसा किया।
لأَنَّ هِيرُودُسَ نَفْسَهُ كَانَ قَدْ أَرْسَلَ وَأَمْسَكَ يُوحَنَّا وَأَوْثَقَهُ فِي السِّجْنِ مِنْ أَجْلِ هِيرُودِيَّا امْرَأَةِ فِيلُبُّسَ أَخِيهِ، إِذْ كَانَ قَدْ تَزَوَّجَ بِهَا.
क्योंकि यूहन्ना हेरोदेस से कहा करता था, “यह उचित नहीं है कि तुमने अपने भाई की पत्नी से विवाह कर लिया है।”
لأَنَّ يُوحَنَّا كَانَ يَقُولُ لِهِيرُودُسَ:«لاَ يَحِلُّ أَنْ تَكُونَ لَكَ امْرَأَةُ أَخِيكَ»
इस पर हेरोदियास उससे बैर रखने लगी थी। वह चाहती थी कि उसे मार डाला जाये पर मार नहीं पाती थी।
فَحَنِقَتْ هِيرُودِيَّا عَلَيْهِ، وَأَرَادَتْ أَنْ تَقْتُلَهُ وَلَمْ تَقْدِرْ،
क्योंकि हेरोदेस यूहन्ना से डरता था। हेरोदेस जानता था कि यूहन्ना एक सच्चा और पवित्र पुरुष है, इसीलिये वह इसकी रक्षा करता था। हेरोदेस जब यूहन्ना की बातें सुनता था तो वह बहुत घबराता था, फिर भी उसे उसकी बातें सुनना बहुत भाता था।
لأَنَّ هِيرُودُسَ كَانَ يَهَابُ يُوحَنَّا عَالِمًا أَنَّهُ رَجُلٌ بَارٌّ وَقِدِّيسٌ، وَكَانَ يَحْفَظُهُ. وَإِذْ سَمِعَهُ، فَعَلَ كَثِيرًا، وَسَمِعَهُ بِسُرُورٍ.
संयोग से फिर वह समय आया जब हेरोदेस ने ऊँचे अधिकारियों, सेना के नायकों और गलील के बड़े लोगों को अपने जन्म दिन पर एक जेवनार दी।
وَإِذْ كَانَ يَوْمٌ مُوافِقٌ، لَمَّا صَنَعَ هِيرُودُسُ فِي مَوْلِدِهِ عَشَاءً لِعُظَمَائِهِ وَقُوَّادِ الأُلُوفِ وَوُجُوهِ الْجَلِيلِ،
हेरोदियास की बेटी ने भीतर आकर जो नृत्य किया, उससे उसने जेवनार में आये मेहमानों और हेरोदेस को बहुत प्रसन्न किया। इस पर राजा हेरोदेस ने लड़की से कहा, “माँग, जो कुछ तुझे चाहिये। मैं तुझे दूँगा।”
دَخَلَتِ ابْنَةُ هِيرُودِيَّا وَرَقَصَتْ، فَسَرَّتْ هِيرُودُسَ وَالْمُتَّكِئِينَ مَعَهُ. فَقَالَ الْمَلِكُ لِلصَّبِيَّةِ: «مَهْمَا أَرَدْتِ اطْلُبِي مِنِّي فَأُعْطِيَكِ».
फिर उसने उससे शपथपूर्वक कहा, “मेरे आधे राज्य तक जो कुछ तू माँगेगी, मैं तुझे दूँगा।”
وَأَقْسَمَ لَهَا أَنْ «مَهْمَا طَلَبْتِ مِنِّي لأُعْطِيَنَّكِ حَتَّى نِصْفَ مَمْلَكَتِي».
इस पर वह बाहर निकल कर अपनी माँ के पास आई और उससे पूछा, “मुझे क्या माँगना चाहिये?” फिर माँ ने बताया, “बपतिस्मा देने वाले यूहन्ना का सिर।”
فَخَرَجَتْ وَقَالَتْ لأُمِّهَا:«مَاذَا أَطْلُبُ؟» فَقَالَتْ:«رَأْسَ يُوحَنَّا الْمَعْمَدَانِ».
तब वह तत्काल दौड़ कर राजा के पास भीतर आयी और कहा, “मैं चाहती हूँ कि तू मुझे बपतिस्मा देने वाले यूहन्ना का सिर तुरन्त थाली में रख कर दे।”
فَدَخَلَتْ لِلْوَقْتِ بِسُرْعَةٍ إِلَى الْمَلِكِ وَطَلَبَتْ قَائِلَةً:«أُرِيدُ أَنْ تُعْطِيَنِي حَالاً رَأْسَ يُوحَنَّا الْمَعْمَدَانِ عَلَى طَبَق».
इस पर राजा बहुत दुखी हुआ, पर अपनी शपथ और अपनी जेवनार के मेहमानों के कारण वह उस लड़की को मना करना नहीं चाहता था।
فَحَزِنَ الْمَلِكُ جِدًّا. وَلأَجْلِ الأَقْسَامِ وَالْمُتَّكِئِينَ لَمْ يُرِدْ أَنْ يَرُدَّهَا.
इसलिये राजा ने उसका सिर ले आने की आज्ञा देकर तुरन्त एक जल्लाद भेज दिया। फिर उसने जेल में जाकर उसका सिर काट कर
فَلِلْوَقْتِ أَرْسَلَ الْمَلِكُ سَيَّافًا وَأَمَرَ أَنْ يُؤْتَى بِرَأْسِهِ.
और उसे थाली में रखकर उस लड़की को दिया। और लड़की ने उसे अपनी माँ को दे दिया।
فَمَضَى وَقَطَعَ رَأْسَهُ فِي السِّجْنِ. وَأَتَى بِرَأْسِهِ عَلَى طَبَق وَأَعْطَاهُ لِلصَّبِيَّةِ، وَالصَّبِيَّةُ أَعْطَتْهُ لأُمِّهَا.
जब यूहन्ना के शिष्यों ने इस विषय में सुना तो वे आकर उसका शव ले गये और उसे एक कब्र में रख दिया।
وَلَمَّا سَمِعَ تَلاَمِيذُهُ، جَاءُوا وَرَفَعُوا جُثَّتَهُ وَوَضَعُوهَا فِي قَبْرٍ.
फिर दिव्य संदेश का प्रचार करने वाले प्रेरितों ने यीशु के पास इकट्ठे होकर जो कुछ उन्होंने किया था और सिखाया था, सब उसे बताया।
وَاجْتَمَعَ الرُّسُلُ إِلَى يَسُوعَ وَأَخْبَرُوهُ بِكُلِّ شَيْءٍ، كُلِّ مَا فَعَلُوا وَكُلِّ مَا عَلَّمُوا.
फिर यीशु ने उनसे कहा, “तुम लोग मेरे साथ किसी एकांत स्थान पर चलो और थोड़ा आराम करो।” क्योंकि वहाँ बहुत लोगों का आना जाना लगा हुआ था और उन्हें खाने तक का मौका नहीं मिल पाता था।
فَقَالَ لَهُمْ:«تَعَالَوْا أَنْتُمْ مُنْفَرِدِينَ إِلَى مَوْضِعٍ خَلاَءٍ وَاسْتَرِيحُوا قَلِيلاً». لأَنَّ الْقَادِمِينَ وَالذَّاهِبِينَ كَانُوا كَثِيرِينَ، وَلَمْ تَتَيَسَّرْ لَهُمْ فُرْصَةٌ لِلأَكْلِ.
इसलिये वे अकेले ही एक नाव में बैठ कर किसी एकांत स्थान को चले गये।
فَمَضَوْا فِي السَّفِينَةِ إِلَى مَوْضِعٍ خَلاَءٍ مُنْفَرِدِينَ.
बहुत से लोगों ने उन्हें जाते देखा और पहचान लिया कि वे कौन थे। इसलिये वे सारे नगरों से धरती के रास्ते चल पड़े और उनसे पहले ही वहाँ जा पहुँचे।
فَرَآهُمُ الْجُمُوعُ مُنْطَلِقِينَ، وَعَرَفَهُ كَثِيرُونَ. فَتَرَاكَضُوا إِلَى هُنَاكَ مِنْ جَمِيعِ الْمُدُنِ مُشَاةً، وَسَبَقُوهُمْ وَاجْتَمَعُوا إِلَيْهِ.
जब यीशु नाव से बाहर निकला तो उसने एक बड़ी भीड़ देखी। वह उनके लिए बहुत दुखी हुआ क्योंकि वे बिना चरवाहे की भेड़ों जैसे थे। सो वह उन्हें बहुत सी बातें सिखाने लगा।
فَلَمَّا خَرَجَ يَسُوعُ رَأَى جَمْعًا كَثِيرًا، فَتَحَنَّنَ عَلَيْهِمْ إِذْ كَانُوا كَخِرَافٍ لاَ رَاعِيَ لَهَا، فَابْتَدَأَ يُعَلِّمُهُمْ كَثِيرًا.
तब तक बहुत शाम हो चुकी थी। इसलिये उसके शिष्य उसके पास आये और बोले, “यह एक सुनसान जगह है और शाम भी बहुत हो चुकी है।
وَبَعْدَ سَاعَاتٍ كَثِيرَةٍ تَقَدَّمَ إِلَيْهِ تَلاَمِيذُهُ قَائِلِينَ:«الْمَوْضِعُ خَلاَءٌ وَالْوَقْتُ مَضَى.
लोगों को आसपास के गाँवों और बस्तियों में जाने दो ताकि वे अपने लिए कुछ खाने को मोल ले सकें।”
اِصْرِفْهُمْ لِكَيْ يَمْضُوا إِلَى الضِّيَاعِ وَالْقُرَى حَوَالَيْنَا وَيَبْتَاعُوا لَهُمْ خُبْزًا، لأَنْ لَيْسَ عِنْدَهُمْ مَا يَأْكُلُونَ».
किन्तु उसने उत्तर दिया, “उन्हें खाने को तुम दो।” तब उन्होंने उससे कहा, “क्या हम जायें और दो सौ दीनार की रोटियाँ मोल ले कर उन्हें खाने को दें?”
فَأَجَابَ وَقَالَ لَهُمْ: «أَعْطُوهُمْ أَنْتُمْ لِيَأْكُلُوا». فَقَالُوا لَهُ:«أَنَمْضِي وَنَبْتَاعُ خُبْزًا بِمِئَتَيْ دِينَارٍ وَنُعْطِيَهُمْ لِيَأْكُلُوا؟»
उसने उनसे कहा, “जाओ और देखो, तुम्हारे पास कितनी रोटियाँ हैं?” पता करके उन्होंने कहा, “हमारे पास पाँच रोटियाँ और दो मछलियाँ हैं।”
فَقَالَ لَهُمْ:«كَمْ رَغِيفًا عِنْدَكُمُ؟ اذْهَبُوا وَانْظُرُوا». وَلَمَّا عَلِمُوا قَالُوا:«خَمْسَةٌ وَسَمَكَتَانِ».
फिर उसने आज्ञा दी, “हरी घास पर सब को पंक्ति में बैठा दो।”
فَأَمَرَهُمْ أَنْ يَجْعَلُوا الْجَمِيعَ يَتَّكِئُونَ رِفَاقًا رِفَاقًا عَلَى الْعُشْبِ الأَخْضَرِ.
तब वे सौ-सौ और पचास-पचास की पंक्तियों में बैठ गये।
فَاتَّكَأُوا صُفُوفًا صُفُوفًا: مِئَةً مِئَةً وَخَمْسِينَ خَمْسِينَ.
और उसने वे पाँच रोटियाँ और दो मछलियाँ उठा कर स्वर्ग की ओर देखते हुए धन्यवाद दिया और रोटियाँ तोड़ कर लोगों को परोसने के लिए, अपने शिष्यों को दीं। और उसने उन दो मछलियों को भी उन सब लोगों में बाँट दिया।
فَأَخَذَ الأَرْغِفَةَ الْخَمْسَةَ وَالسَّمَكَتَيْنِ، وَرَفَعَ نَظَرَهُ نَحْوَ السَّمَاءِ، وَبَارَكَ ثُمَّ كَسَّرَ الأَرْغِفَةَ، وَأَعْطَى تَلاَمِيذَهُ لِيُقَدِّمُوا إِلَيْهِمْ، وَقَسَّمَ السَّمَكَتَيْنِ لِلْجَمِيعِ،
सब ने खाया और तृप्त हुए।
فَأَكَلَ الْجَمِيعُ وَشَبِعُوا.
और फिर उन्होंने बची हुई रोटियों और मछलियों से भर कर, बारह टोकरियाँ उठाईं।
ثُمَّ رَفَعُوا مِنَ الْكِسَرِ اثْنَتَيْ عَشْرَةَ قُفَّةً مَمْلُوَّةً، وَمِنَ السَّمَكِ.
जिन लोगों ने रोटियाँ खाईं, उनमे केवल पुरुषों की ही संख्या पांच हज़ार थी।
وَكَانَ الَّذِينَ أَكَلُوا مِنَ الأَرْغِفَةِ نَحْوَ خَمْسَةِ آلاَفِ رَجُلٍ.
फिर उसने अपने चेलों को तुरंत नाव पर चढ़ाया ताकि जब तक वह भीड़ को बिदा करे, वे उससे पहले ही परले पार बैतसैदा चले जायें।
وَلِلْوَقْتِ أَلْزَمَ تَلاَمِيذَهُ أَنْ يَدْخُلُوا السَّفِينَةَ وَيَسْبِقُوا إِلَى الْعَبْرِ، إِلَى بَيْتِ صَيْدَا، حَتَّى يَكُونَ قَدْ صَرَفَ الْجَمْعَ.
उन्हें बिदा करके, प्रार्थना करने के लिये वह पहाड़ी पर चला गया।
وَبَعْدَمَا وَدَّعَهُمْ مَضَى إِلَى الْجَبَلِ لِيُصَلِّيَ.
और जब शाम हुई तो नाव झील के बीचों-बीच थी और वह अकेला धरती पर था।
وَلَمَّا صَارَ الْمَسَاءُ كَانَتِ السَّفِينَةُ فِي وَسْطِ الْبَحْرِ، وَهُوَ عَلَى الْبَرِّ وَحْدَهُ.
उसने देखा कि उन्हें नाव खेना भारी पड़ रहा था। क्योंकि हवा उनके विरुद्ध थी। लगभग रात के चौथे पहर वह झील पर चलते हुए उनके पास आया। वह उनके पास से निकलने को ही था।
وَرَآهُمْ مُعَذَّبِينَ فِي الْجَذْفِ، لأَنَّ الرِّيحَ كَانَتْ ضِدَّهُمْ. وَنَحْوَ الْهَزِيعِ الرَّابِعِ مِنَ اللَّيْلِ أَتَاهُمْ مَاشِيًا عَلَى الْبَحْرِ، وَأَرَادَ أَنْ يَتَجَاوَزَهُمْ.
उन्होंने उसे झील पर चलते देखा सोचा कि वह कोई भूत है। और उनकी चीख निकल गयी।
فَلَمَّا رَأَوْهُ مَاشِيًا عَلَى الْبَحْرِ ظَنُّوهُ خَيَالاً، فَصَرَخُوا.
क्योंकि सभी ने उसे देखा था और वे सहम गये थे। तुरंत उसने उन्हें संबोधित करते हुए कहा, “साहस रखो, यह मैं हूँ! डरो मत!”
لأَنَّ الْجَمِيعَ رَأَوْهُ وَاضْطَرَبُوا. فَلِلْوَقْتِ كَلَّمَهُمْ وَقَالَ لَهُمْ:«ثِقُوا! أَنَا هُوَ. لاَ تَخَافُوا».
फिर वह उनके साथ नाव पर चड़ गया और हवा थम गयी। इससे वे बहुत चकित हुए।
فَصَعِدَ إِلَيْهِمْ إِلَى السَّفِينَةِ فَسَكَنَتِ الرِّيحُ، فَبُهِتُوا وَتَعَجَّبُوا فِي أَنْفُسِهِمْ جِدًّا إِلَى الْغَايَةِ،
वे रोटियों के आश्चर्य कर्म के विषय में समझ नहीं पाये थे। उनकी बुद्धि जड़ हो गयी थी।
لأَنَّهُمْ لَمْ يَفْهَمُوا بِالأَرْغِفَةِ إِذْ كَانَتْ قُلُوبُهُمْ غَلِيظَةً.
झील पार करके वे गन्नेसरत पहुँचे। उन्होंने नाव बाँध दी।
فَلَمَّا عَبَرُوا جَاءُوا إِلَى أَرْضِ جَنِّيسَارَتَ وَأَرْسَوْا.
जब वे नाव से उतर कर बाहर आये तो लोग यीशु को पहचान गये।
وَلَمَّا خَرَجُوا مِنَ السَّفِينَةِ لِلْوَقْتِ عَرَفُوهُ.
फिर वे बीमारों को खाटों पर डाले समूचे क्षेत्र में जहाँ कहीं भी, उन्होंने सुना कि वह है, उन्हें लिये दौड़ते फिरे।
فَطَافُوا جَمِيعَ تِلْكَ الْكُورَةِ الْمُحِيطَةِ، وَابْتَدَأُوا يَحْمِلُونَ الْمَرْضَى عَلَى أَسِرَّةٍ إِلَى حَيْثُ سَمِعُوا أَنَّهُ هُنَاكَ.
वह गावों में, नगरों में या वस्तियों में, जहाँ कहीं भी जाता, लोग अपने बीमारों को बाज़ारों में रख देते और उससे विनती करते कि वह अपने वस्त्र का बस कोई सिरा ही उन्हें छू लेने दे। और जो भी उसे छू पाये, सब चंगे हो गये।
وَحَيْثُمَا دَخَلَ إِلَى قُرىً أَوْ مُدُنٍ أَوْ ضِيَاعٍ، وَضَعُوا الْمَرْضَى فِي الأَسْوَاقِ، وَطَلَبُوا إِلَيْهِ أَنْ يَلْمِسُوا وَلَوْ هُدْبَ ثَوْبِهِ. وَكُلُّ مَنْ لَمَسَهُ شُفِيَ.