Mark 14

फ़सह पर्व और बिना खमीर की रोटी का उत्सव आने से दो दिन पहले की बात है कि प्रमुख याजक और यहूदी धर्मशास्त्री कोई ऐसा रास्ता ढूँढ रहे थे जिससे चालाकी के साथ उसे बंदी बनाया जाये और मार डाला जाये।
وَكَانَ الْفِصْحُ وَأَيَّامُ الْفَطِيرِ بَعْدَ يَوْمَيْنِ. وَكَانَ رُؤَسَاءُ الْكَهَنَةِ وَالْكَتَبَةُ يَطْلُبُونَ كَيْفَ يُمْسِكُونَهُ بِمَكْرٍ وَيَقْتُلُونَهُ،
वे कह रहे थे, “किन्तु यह हमें पर्व के दिनों में नहीं करना चाहिये, नहीं तो हो सकता है, लोग कोई फसाद खड़ा करें।”
وَلكِنَّهُمْ قَالُوا:«لَيْسَ فِي الْعِيدِ، لِئَلاَّ يَكُونَ شَغَبٌ فِي الشَّعْبِ».
जब यीशु बैतनिय्याह में शमौन कोढ़ी के घर भोजन करने बैठा था, तभी एक स्त्री सफेद चिकने स्फटिक के एक पात्र में शुद्ध बाल छड़ का इत्र लिये आयी। उसने उस पात्र को तोड़ा और इत्र को यीशु के सिर पर उँडेल दिया।
وَفِيمَا هُوَ فِي بَيْتِ عَنْيَا فِي بَيْتِ سِمْعَانَ الأَبْرَصِ، وَهُوَ مُتَّكِئٌ، جَاءَتِ امْرَأَةٌ مَعَهَا قَارُورَةُ طِيبِ نَارِدِينٍ خَالِصٍ كَثِيرِ الثَّمَنِ. فَكَسَرَتِ الْقَارُورَةَ وَسَكَبَتْهُ عَلَى رَأْسِهِ.
इससे वहाँ कुछ लोग बिगड़ कर आपस में कहने लगे, “इत्र की ऐसी बर्बादी क्यों की गयी है?
وَكَانَ قَوْمٌ مُغْتَاظِينَ فِي أَنْفُسِهِمْ، فَقَالُوا:«لِمَاذَا كَانَ تَلَفُ الطِّيبِ هذَا؟
यह इत्र तीन सौ दीनारी से भी अधिक में बेचा जा सकता था। और फिर उस धन को कंगालों में बाँटा जा सकता था।” उन्होंने उसकी कड़ी आलोचना की।
لأَنَّهُ كَانَ يُمْكِنُ أَنْ يُبَاعَ هذَا بِأَكْثَرَ مِنْ ثَلاَثِمِئَةِ دِينَارٍ وَيُعْطَى لِلْفُقَرَاءِ». وَكَانُوا يُؤَنِّبُونَهَا.
तब यीशु ने कहा, “उसे क्यों तंग करते हो? छोड़ो उसे। उसने तो मेरे लिये एक मनोहर काम किया है।
أَمَّا يَسُوعُ فَقَالَ:«اتْرُكُوهَا! لِمَاذَا تُزْعِجُونَهَا؟ قَدْ عَمِلَتْ بِي عَمَلاً حَسَنًا!.
क्योंकि कंगाल तो सदा तुम्हारे पास रहेंगे सो तुम जब चाहो उनकी सहायता कर सकते हो, पर मैं तुम्हारे साथ सदा नहीं रहूँगा।
لأَنَّ الْفُقَرَاءَ مَعَكُمْ فِي كُلِّ حِينٍ، وَمَتَى أَرَدْتُمْ تَقْدِرُونَ أَنْ تَعْمَلُوا بِهِمْ خَيْرًا. وَأَمَّا أَنَا فَلَسْتُ مَعَكُمْ فِي كُلِّ حِينٍ.
इस स्त्री ने वही किया जो वह कर सकती थी। उसने समय से पहले ही गाड़े जाने के लिये मेरे शरीर पर सुगन्ध छिड़क कर उसे तैयार किया है।
عَمِلَتْ مَا عِنْدَهَا. قَدْ سَبَقَتْ وَدَهَنَتْ بِالطِّيبِ جَسَدِي لِلتَّكْفِينِ.
मैं तुमसे सत्य कहता हूँ: सारे संसार में जहाँ कहीं भी सुसमाचार का प्रचार-प्रसार किया जायेगा, वहीं इसकी याद में जो कुछ इस ने किया है, उसकी चर्चा होगी।”
اَلْحَقَّ أَقُولُ لَكُمْ: حَيْثُمَا يُكْرَزْ بِهذَا الإِنْجِيلِ فِي كُلِّ الْعَالَمِ، يُخْبَرْ أَيْضًا بِمَا فَعَلَتْهُ هذِهِ، تَذْكَارًا لَهَا».
तब यहूदा इस्करियोती जो उसके बारह शिष्यों में से एक था, प्रधान याजक के पास यीशु को धोखे से पकड़वाने के लिए गया।
ثُمَّ إِنَّ يَهُوذَا الإِسْخَرْيُوطِيَّ، وَاحِدًا مِنَ الاثْنَيْ عَشَرَ، مَضَى إِلَى رُؤَسَاءِ الْكَهَنَةِ لِيُسَلِّمَهُ إِلَيْهِمْ.
वे उस की बात सुनकर बहुत प्रसन्न हुए और उन्होंने उसे धन देने का वचन दिया। इसलिए फिर यहूदा यीशु को धोखे से पकड़वाने की ताक में रहने लगा।
وَلَمَّا سَمِعُوا فَرِحُوا، وَوَعَدُوهُ أَنْ يُعْطُوهُ فِضَّةً. وَكَانَ يَطْلُبُ كَيْفَ يُسَلِّمُهُ فِي فُرْصَةٍ مُوافِقَةٍ.
बिना खमीर की रोटी के उत्सव से एक दिन पहले, जब फ़सह (मेमने) की बलि दी जाया करती थी उसके शिष्यों ने उससे पूछा, “तू क्या चाहता है कि हम कहाँ जा कर तेरे खाने के लिये फ़सह भोज की तैयारी करें?”
وَفِي الْيَوْمِ الأَوَّلِ مِنَ الْفَطِيرِ. حِينَ كَانُوا يَذْبَحُونَ الْفِصْحَ، قَالَ لَهُ تَلاَمِيذُهُ:«أَيْنَ تُرِيدُ أَنْ نَمْضِيَ وَنُعِدَّ لِتَأْكُلَ الْفِصْحَ؟»
तब उसने अपने दो शिष्यों को यह कह कर भेजा, “नगर में जाओ, जहाँ तुम्हें एक व्यक्ति जल का घड़ा लिये मिले, उसके पीछे हो लेना।
فَأَرْسَلَ اثْنَيْنِ مِنْ تَلاَمِيذِهِ وَقَالَ لَهُمَا:«اذْهَبَا إِلَى الْمَدِينَةِ، فَيُلاَقِيَكُمَا إِنْسَانٌ حَامِلٌ جَرَّةَ مَاءٍ. اِتْبَعَاهُ.
फिर जहाँ कहीं भी वह भीतर जाये, उस घर के स्वामी से कहना, ‘गुरु ने पूछा है भोजन का मेरा वह कमरा कहाँ है जहाँ मैं अपने शिष्यों के साथ फ़सह का खाना खा सकूँ।’
وَحَيْثُمَا يَدْخُلْ فَقُولاَ لِرَبِّ الْبَيْتِ: إِنَّ الْمُعَلِّمَ يَقُولُ: أَيْنَ الْمَنْزِلُ حَيْثُ آكُلُ الْفِصْحَ مَعَ تَلاَمِيذِي؟
फिर वह तुम्हें ऊपर का एक बड़ा सजा-सजाया तैयार कमरा दिखायेगा, वहीं हमारे लिये तैयारी करो।”
فَهُوَ يُرِيكُمَا عِلِّيَّةً كَبِيرَةً مَفْرُوشَةً مُعَدَّةً. هُنَاكَ أَعِدَّا لَنَا».
तब उसके शिष्य वहाँ से नगर को चल दिये जहाँ उन्होंने हर बात वैसी ही पायी जैसी उनसे यीशु ने कही थी। तब उन्होंने फ़सह का खाना तैयार किया है।
فَخَرَجَ تِلْمِيذَاهُ وَأَتَيَا إِلَى الْمَدِينَةِ، وَوَجَدَا كَمَا قَالَ لَهُمَا. فَأَعَدَّا الْفِصْحَ.
दिन ढले अपने बारह शिष्यों के साथ यीशु वहाँ पहुँचा।
وَلَمَّا كَانَ الْمَسَاءُ جَاءَ مَعَ الاثْنَيْ عَشَرَ.
जब वे बैठे खाना खा रहे थे, तब यीशु ने कहा, “मैं सत्य कहता हूँ: तुम में से एक जो मेरे साथ भोजन कर रहा है, वही मुझे धोखे से पकड़वायेगा।”
وَفِيمَا هُمْ مُتَّكِئُونَ يَأْكُلُونَ، قَالَ يَسُوعُ: «الْحَقَّ أَقُولُ لَكُمْ: إِنَّ وَاحِدًا مِنْكُمْ يُسَلِّمُنِي. اَلآكِلُ مَعِي!»
इससे वे दुखी हो कर एक दूसरे से कहने लगे, “निश्चय ही वह मैं नहीं हूँ!”
فَابْتَدَأُوا يَحْزَنُونَ، وَيَقُولُونَ لَهُ وَاحِدًا فَوَاحِدًا:«هَلْ أَنَا؟» وَآخَرُ:«هَلْ أَنَا؟»
तब यीशु ने उनसे कहा, “वह बारहों में से वही एक है, जो मेरे साथ एक ही थाली में खाता है।
فَأَجَابَ وَقَالَ لَهُمْ:«هُوَ وَاحِدٌ مِنَ الاثْنَيْ عَشَرَ، الَّذِي يَغْمِسُ مَعِي فِي الصَّحْفَةِ.
मनुष्य के पुत्र को तो जाना ही है, जैसा कि उसके बारे में लिखा है। पर उस व्यक्ति को धिक्कार है जिसके द्वारा मनुष्य का पुत्र पकड़वाया जाएगा। उस व्यक्ति के लिये कितना अच्छा होता कि वह पैदा ही न हुआ होता।”
إِنَّ ابْنَ الإِنْسَانِ مَاضٍ كَمَا هُوَ مَكْتُوبٌ عَنْهُ، وَلكِنْ وَيْلٌ لِذلِكَ الرَّجُلِ الَّذِي بِهِ يُسَلَّمُ ابْنُ الإِنْسَانِ. كَانَ خَيْرًا لِذلِكَ الرَّجُلِ لَوْ لَمْ يُولَدْ!».
जब वे खाना खा ही रहे थे, यीशु ने रोटी ली, धन्यवाद दिया, रोटी को तोड़ा और उसे उनको देते हुए कहा, “लो, यह मेरी देह है।”
وَفِيمَا هُمْ يَأْكُلُونَ، أَخَذَ يَسُوعُ خُبْزًا وَبَارَكَ وَكَسَّرَ، وَأَعْطَاهُمْ وَقَالَ:«خُذُوا كُلُوا، هذَا هُوَ جَسَدِي».
फिर उसने कटोरा उठाया, धन्यवाद किया और उसे उन्हें दिया और उन सब ने उसमें से पीया।
ثُمَّ أَخَذَ الْكَأْسَ وَشَكَرَ وَأَعْطَاهُمْ، فَشَرِبُوا مِنْهَا كُلُّهُمْ.
तब यीशु बोला, “यह मेरा लहू है जो एक नए वाचा का आरम्भ है। यह बहुतों के लिये बहाया जा रहा है।
وَقَالَ لَهُمْ:«هذَا هُوَ دَمِي الَّذِي لِلْعَهْدِ الْجَدِيدِ، الَّذِي يُسْفَكُ مِنْ أَجْلِ كَثِيرِينَ.
मैं तुमसे सत्य कहता हूँ कि अब मैं उस दिन तक दाखमधु को चखूँगा नहीं जब तक परमेश्वर के राज्य में नया दाखमधु न पीऊँ।”
اَلْحَقَّ أَقُولُ لَكُمْ: إِنِّي لاَ أَشْرَبُ بَعْدُ مِنْ نِتَاجِ الْكَرْمَةِ إِلَى ذلِكَ الْيَوْمِ حِينَمَا أَشْرَبُهُ جَدِيدًا فِي مَلَكُوتِ اللهِ».
तब एक गीत गा कर वे जैतून के पहाड़ पर चले गये।
ثُمَّ سَبَّحُوا وَخَرَجُوا إِلَى جَبَلِ الزَّيْتُونِ.
यीशु ने उनसे कहा, “तुम सब का विश्वास डिग जायेगा। क्योंकि लिखा है: ‘मैं गड़ेरिये को मारूँगा और भेड़ें तितर-बितर हो जायेंगी।’ जकर्याह 13:7
وَقَالَ لَهُمْ يَسُوعُ:«إِنَّ كُلَّكُمْ تَشُكُّونَ فِيَّ فِي هذِهِ اللَّيْلَةِ، لأَنَّهُ مَكْتُوبٌ: أَنِّي أَضْرِبُ الرَّاعِيَ فَتَتَبَدَّدُ الْخِرَافُ.
किन्तु फिर से जी उठने के बाद मैं तुमसे पहले ही गलील चला जाऊँगा।”
وَلكِنْ بَعْدَ قِيَامِي أَسْبِقُكُمْ إِلَى الْجَلِيلِ».
तब पतरस बोला, “चाहे सब अपना विश्वास खो बैठें, पर मैं नहीं खोऊँगा।”
فَقَالَ لَهُ بُطْرُسُ:«وَإِنْ شَكَّ الْجَمِيعُ فَأَنَا لاَ أَشُكُّ!»
इस पर यीशु ने उससे कहा, “मैं तुझ से सत्य कहता हूँ, आज इसी रात मुर्गे के दो बार बाँग देने से पहले तू तीन बार मुझे नकार चुकेगा।”
فَقَالَ لَهُ يَسُوعُ: «الْحَقَّ أَقُولُ لَكَ: إِنَّكَ الْيَوْمَ فِي هذِهِ اللَّيْلَةِ، قَبْلَ أَنْ يَصِيحَ الدِّيكُ مَرَّتَيْنِ، تُنْكِرُنِي ثَلاَثَ مَرَّاتٍ».
इस पर पतरस ने और भी बल देते हुए कहा, “यदि मुझे तेरे साथ मरना भी पड़े तो भी मैं तुझे कभी नकारूँगा नहीं!” तब बाकी सब शिष्यों ने भी ऐसा ही कहा।
فَقَالَ بِأَكْثَرِ تَشْدِيدٍ:«وَلَوِ اضْطُرِرْتُ أَنْ أَمُوتَ مَعَكَ لاَ أُنْكِرُكَ!». وَهكَذَا قَالَ أَيْضًا الْجَمِيعُ.
फिर वे एक ऐसे स्थान पर आये जिसे गतसमने कहा जाता था। वहाँ यीशु ने अपने शिष्यों से कहा, “जब तक मैं प्रार्थना करता हूँ, तूम यहीं बैठो।”
وَجَاءُوا إِلَى ضَيْعَةٍ اسْمُهَا جَثْسَيْمَانِي، فَقَالَ لِتَلاَمِيذِهِ:«اجْلِسُوا ههُنَا حَتَّى أُصَلِّيَ».
और पतरस, याकूब और यूहन्ना को वह अपने साथ ले गया। वह बहुत दुखी और व्याकुल हो रहा था।
ثُمَّ أَخَذَ مَعَهُ بُطْرُسَ وَيَعْقُوبَ وَيُوحَنَّا، وَابْتَدَأَ يَدْهَشُ وَيَكْتَئِبُ.
उसने उनसे कहा, “मेरा मन दुखी है, जैसे मेरे प्राण निकल जायेंगे। तुम यहीं ठहरो और सावधान रहो।”
فَقَالَ لَهُمْ:«نَفْسي حَزِينَةٌ جِدًّا حَتَّى الْمَوْتِ! اُمْكُثُوا هُنَا وَاسْهَرُوا».
फिर थोड़ा और आगे बड़ने के बाद वह धरती पर झुक कर प्रार्थना करने लगा कि यदि हो सके तो यह घड़ी मुझ पर से टल जाये।
ثُمَّ تَقَدَّمَ قَلِيلاً وَخَرَّ عَلَى الأَرْضِ، وَكَانَ يُصَلِّي لِكَيْ تَعْبُرَ عَنْهُ السَّاعَةُ إِنْ أَمْكَنَ.
फिर उसने कहा, *“हे परम पिता!* तेरे लिये सब कुछ सम्भव है। इस कटोरे को मुझ से दूर कर। फिर जो कुछ भी मैं चाहता हूँ, वह नहीं बल्कि जो तू चाहता है, वही कर।”
وَقَالَ:«يَا أَبَا الآبُ، كُلُّ شَيْءٍ مُسْتَطَاعٌ لَكَ، فَأَجِزْ عَنِّي هذِهِ الْكَأْسَ. وَلكِنْ لِيَكُنْ لاَ مَا أُرِيدُ أَنَا، بَلْ مَا تُرِيدُ أَنْتَ».
फिर वह लौटा तो उसने अपने शिष्यों को सोते देख कर पतरस से कहा, “शमौन, क्या तू सो रहा है? क्या तू एक घड़ी भी जाग नहीं सका?
ثُمَّ جَاءَ وَوَجَدَهُمْ نِيَامًا، فَقَالَ لِبُطْرُسَ:«يَا سِمْعَانُ، أَنْتَ نَائِمٌ! أَمَا قَدَرْتَ أَنْ تَسْهَرَ سَاعَةً وَاحِدَةً؟
जागते रहो और प्रार्थना करो ताकि तुम किसी परीक्षा में न पड़ो। आत्मा तो चाहती है किन्तु शरीर निर्बल है।”
اِسْهَرُوا وَصَلُّوا لِئَلاَّ تَدْخُلُوا فِي تَجْرِبَةٍ. أَمَّا الرُّوحُ فَنَشِيطٌ، وَأَمَّا الْجَسَدُ فَضَعِيفٌ».
वह फिर चला गया और वैसे ही वचन बोलते हुए उसने प्रार्थना की।
وَمَضَى أَيْضًا وَصَلَّى قَائِلاً ذلِكَ الْكَلاَمَ بِعَيْنِهِ.
जब वह दुबारा लौटा तो उसने उन्हें फिर सोते पाया। उनकी आँखों में नींद भरी थी। उन्हें सूझ नहीं रहा था कि उसे क्या उत्तर दें।
ثُمَّ رَجَعَ وَوَجَدَهُمْ أَيْضًا نِيَامًا، إِذْ كَانَتْ أَعْيُنُهُمْ ثَقِيلَةً، فَلَمْ يَعْلَمُوا بِمَاذَا يُجِيبُونَهُ.
वह तीसरी बार फिर लौट कर आया और उनसे बोला, “क्या तुम अब भी आराम से सो रहे हो? अच्छा, तो सोते रहो। वह घड़ी आ पहुँची है जब मनुष्य का पुत्र धोखे से पकड़वाया जा कर पापियों के हाथों सौंपा जा रहा है।
ثُمَّ جَاءَ ثَالِثَةً وَقَالَ لَهُمْ:«نَامُوا الآنَ وَاسْتَرِيحُوا! يَكْفِي! قَدْ أَتَتِ السَّاعَةُ! هُوَذَا ابْنُ الإِنْسَانِ يُسَلَّمُ إِلَى أَيْدِي الْخُطَاةِ.
खड़े हो जाओ! आओ चलें। देखो, यह आ रहा है, मुझे धोखे से पकड़वाने वाला व्यक्ति।”
قُومُوا لِنَذْهَبَ! هُوَذَا الَّذِي يُسَلِّمُنِي قَدِ اقْتَرَبَ!».
यीशु बोल ही रहा था कि उसके बारह शिष्यों में से एक यहूदा वहाँ दिखाई पड़ा। उसके साथ लाठियाँ और तलवारें लिए एक भीड़ थी, जिसे याजकों, धर्मशास्त्रियों और बुजुर्ग यहूदी नेताओं ने भेजा था।
وَلِلْوَقْتِ فِيمَا هُوَ يَتَكَلَّمُ أَقْبَلَ يَهُوذَا، وَاحِدٌ مِنَ الاثْنَيْ عَشَرَ، وَمَعَهُ جَمْعٌ كَثِيرٌ بِسُيُوفٍ وَعِصِيٍّ مِنْ عِنْدِ رُؤَسَاءِ الْكَهَنَةِ وَالْكَتَبَةِ وَالشُّيُوخِ.
धोखे से पकड़वाने वाले ने उन्हें यह संकेत बता रखा था, “जिसे मैं चूँमू वही वह है। उसे हिरासत में ले लेना और पकड़ कर सावधानी से ले जाना।”
وَكَانَ مُسَلِّمُهُ قَدْ أَعْطَاهُمْ عَلاَمَةً قَائِلاً:«الَّذِي أُقَبِّلُهُ هُوَ هُوَ. أَمْسِكُوهُ، وَامْضُوا بِهِ بِحِرْصٍ».
सो जैसे ही यहूदा वहाँ आया, उसने यीशु के पास जाकर कहा, “रब्बी!” और उसे चूम लिया।
فَجَاءَ لِلْوَقْتِ وَتَقَدَّمَ إِلَيْهِ قَائِلاً:«يَا سَيِّدِي، يَاسَيِّدِي!» وَقَبَّلَهُ.
फिर तूरंत उन्होंने उसे पकड़ कर हिरासत में ले लिया।
فَأَلْقَوْا أَيْدِيَهُمْ عَلَيْهِ وَأَمْسَكُوهُ.
उसके एक शिष्य ने जो उसके पास ही खड़ा था अपनी तलवार खींच ली और महायाजक के एक दास पर चला दी जिससे उसका कान कट गया।
فَاسْتَلَّ وَاحِدٌ مِنَ الْحَاضِرِينَ السَّيْفَ، وَضَرَبَ عَبْدَ رَئِيسِ الْكَهَنَةِ فَقَطَعَ أُذْنَهُ.
फिर यीशु ने उनसे कहा, “क्या मैं कोई अपराधी हूँ जिसे पकड़ने तुम लाठी-तलवार ले कर आये हो?
فَأَجَابَ يَسُوعُ وَقَالَ لَهُمْ:«كَأَنَّهُ عَلَى لِصٍّ خَرَجْتُمْ بِسُيُوفٍ وَعِصِيٍّ لِتَأْخُذُونِي!
हर दिन मन्दिर में उपदेश देते हुए मैं तुम्हारे साथ ही था किन्तु तुमने मुझे नहीं पकड़ा। अब यह हुआ ताकि शास्त्र का वचन पूरा हो।”
كُلَّ يَوْمٍ كُنْتُ مَعَكُمْ فِي الْهَيْكَلِ أُعَلِّمُ وَلَمْ تُمْسِكُونِي! وَلكِنْ لِكَيْ تُكْمَلَ الْكُتُبُ».
फिर उसके सभी शिष्य उसे अकेला छोड़ भाग खड़े हुए।
فَتَرَكَهُ الْجَمِيعُ وَهَرَبُوا.
अपनी वस्त्र रहित देह पर चादर लपेटे एक नौजवान उसके पीछे आ रहा था। उन्होंने उसे पकड़ना चाहा
وَتَبِعَهُ شَابٌّ لاَبِسًا إِزَارًا عَلَى عُرْيِهِ، فَأَمْسَكَهُ الشُّبَّانُ،
किन्तु वह अपनी चादर छोड़ कर नंगा भाग खड़ा हुआ।
فَتَرَكَ الإِزَارَ وَهَرَبَ مِنْهُمْ عُرْيَانًا.
वे यीशु को प्रधान याजक के पास ले गये। फिर सभी प्रमुख याजक, बुजुर्ग यहूदी नेता और धर्मशास्त्री इकटठे हुए।
فَمَضَوْا بِيَسُوعَ إِلَى رَئِيسِ الْكَهَنَةِ، فَاجْتَمَعَ مَعَهُ جَمِيعُ رُؤَسَاءِ الْكَهَنَةِ وَالشُّيُوخُ وَالْكَتَبَةُ.
पतरस उससे दूर-दूर रहते हुए उसके पीछे-पीछे महायाजक के आँगन के भीतर तक चला गया। और वहाँ पहरेदारों के साथ बैठकर आग तापने लगा।
وَكَانَ بُطْرُسُ قَدْ تَبِعَهُ مِنْ بَعِيدٍ إِلَى دَاخِلِ دَارِ رَئِيسِ الْكَهَنَةِ، وَكَانَ جَالِسًا بَيْنَ الْخُدَّامِ يَسْتَدْفِئُ عِنْدَ النَّارِ.
सारी यहूदी महासभा और प्रमुख याजक यीशु को मृत्यु दण्ड देने के लिये उसके विरोध में कोई प्रमाण ढूँढने का यत्न कर रहे थे पर ढूँढ नहीं पाये।
وَكَانَ رُؤَسَاءُ الْكَهَنَةِ وَالْمَجْمَعُ كُلُّهُ يَطْلُبُونَ شَهَادَةً عَلَى يَسُوعَ لِيَقْتُلُوهُ، فَلَمْ يَجِدُوا.
बहुतों ने उसके विरोध में झूठी गवाहियाँ दीं, पर वे गवाहियाँ आपस में विरोधी थीं।
لأَنَّ كَثِيرِينَ شَهِدُوا عَلَيْهِ زُورًا، وَلَمْ تَتَّفِقْ شَهَادَاتُهُمْ.
फिर कुछ लोग खड़े हुए और उसके विरोध में झूठी गवाही देते हुए कहने लगे,
ثُمَّ قَامَ قَوْمٌ وَشَهِدُوا عَلَيْهِ زُورًا قَائِلِينَ:
“हमने इसे यह कहते सुना है, ‘मनुष्यों के हाथों बने इस मन्दिर को मैं ध्वस्त कर दूँगा और फिर तीन दिन के भीतर दूसरा बना दूँगा जो हाथों से बना नहीं होगा।’”
«نَحْنُ سَمِعْنَاهُ يَقُولُ: إِنِّي أَنْقُضُ هذَا الْهَيْكَلَ الْمَصْنُوعَ بِالأَيَادِي، وَفِي ثَلاَثَةِ أَيَّامٍ أَبْنِي آخَرَ غَيْرَ مَصْنُوعٍ بِأَيَادٍ».
किन्तु इसमें भी उनकी गवाहियाँ एक सी नहीं थीं।
وَلاَ بِهذَا كَانَتْ شَهَادَتُهُمْ تَتَّفِقُ.
तब उनके सामने महायाजक ने खड़े होकर यीशु से पूछा, “ये लोग तेरे विरोध में ये क्या गवाहियाँ दे रहे हैं? क्या उत्तर में तुझे कुछ नहीं कहना?”
فَقَامَ رَئِيسُ الْكَهَنَةِ فِي الْوَسْطِ وَسَأَلَ يَسُوعَ قِائِلاً:«أَمَا تُجِيبُ بِشَيْءٍ؟ مَاذَا يَشْهَدُ بِهِ هؤُلاَءِ عَلَيْكَ؟»
इस पर यीशु चुप रहा। उसने कोई उत्तर नहीं दिया। महायाजक ने उससे फिर पूछा, “क्या तू पवित्र परमेश्वर का पुत्र मसीह है?”
أَمَّا هُوَ فَكَانَ سَاكِتًا وَلَمْ يُجِبْ بِشَيْءٍ. فَسَأَلَهُ رَئِيسُ الْكَهَنَةِ أَيْضًا وَقَالَ لَهُ:«أَأَنْتَ الْمَسِيحُ ابْنُ الْمُبَارَكِ؟»
यीशु बोला, “मैं हूँ। और तुम मनुष्य के पुत्र को उस परम शक्तिशाली की दाहिनी ओर बैठे और स्वर्ग के बादलों में आते देखोगे।”
فَقَالَ يَسُوعُ:«أَنَا هُوَ. وَسَوْفَ تُبْصِرُونَ ابْنَ الإِنْسَانِ جَالِسًا عَنْ يَمِينِ الْقُوَّةِ، وَآتِيًا فِي سَحَابِ السَّمَاءِ».
महायाजक ने अपने वस्त्र फाड़ते हुए कहा, “हमें और गवाहों की क्या आवश्यकता है?
فَمَزَّقَ رَئِيسُ الْكَهَنَةِ ثِيَابَهُ وَقَالَ:«مَا حَاجَتُنَا بَعْدُ إِلَى شُهُودٍ؟
तुमने ये अपमानपूर्ण बातें कहते हुए इसे सुना, अब तुम्हारा क्या विचार है?” उन सब ने उसे अपराधी ठहराते हुए कहा, “इसे मृत्यु दण्ड मिलना चाहिये।”
قَدْ سَمِعْتُمُ التَّجَادِيفَ! مَا رَأْيُكُمْ؟» فَالْجَمِيعُ حَكَمُوا عَلَيْهِ أَنَّهُ مُسْتَوْجِبُ الْمَوْتِ.
तब कुछ लोग उस पर थूकते, कुछ उसका मुँह ढकते, कुछ घूँसे मारते और कुछ हँसी उड़ाते कहने लगे, “भविष्यवाणी कर!” और फिर पहरेदारों ने पकड़ कर उसे पीटा।
فَابْتَدَأَ قَوْمٌ يَبْصُقُونَ عَلَيْهِ، وَيُغَطُّونَ وَجْهَهُ وَيَلْكُمُونَهُ وَيَقُولُونَ لَهُ:«تَنَبَّأْ». وَكَانَ الْخُدَّامُ يَلْطِمُونَهُ.
पतरस अभी नीचे आँगन ही में बैठा था कि महायाजक की एक दासी आई।
وَبَيْنَمَا كَانَ بُطْرُسُ فِي الدَّارِ أَسْفَلَ جَاءَتْ إِحْدَى جَوَارِي رَئِيسِ الْكَهَنَةِ.
जब उसने पतरस को वहाँ आग तापते देखा तो बड़े ध्यान से उसे पहचान कर बोली, “तू भी तो उस यीशु नासरी के ही साथ था।”
فَلَمَّا رَأَتْ بُطْرُسَ يَسْتَدْفِئُ، نَظَرَتْ إِلَيْهِ وَقَالَتْ: «وَأَنْتَ كُنْتَ مَعَ يَسُوعَ النَّاصِرِيِّ!»
किन्तु पतरस मुकर गया और कहने लगा, “मैं नहीं जानता या मेरी समझ में नहीं आ रहा है कि तू क्या कह रही है।” यह कहते हुए वह ड्योढ़ी तक चला गया, और मुर्गे ने बाँग दी।
فَأَنْكَرَ قَائِلاً: «لَسْتُ أَدْرِي وَلاَ أَفْهَمُ مَا تَقُولِينَ!» وَخَرَجَ خَارِجًا إِلَى الدِّهْلِيزِ، فَصَاحَ الدِّيكُ.
उस दासी ने जब उसे दुबारा देखा तो वहाँ खड़े लोगों से फिर कहने लगी, “यह व्यक्ति भी उन ही में से एक है।”
فَرَأَتْهُ الْجَارِيَةُ أَيْضًا وَابْتَدَأَتْ تَقُولُ لِلْحَاضِرِينَ:«إِنَّ هذَا مِنْهُمْ!»
पतरस फिर मुकर गया। फिर थोड़ी देर बाद वहाँ खड़े लोगों ने पतरस से कहा, “निश्चय ही तू उनमें से एक है क्योंकि तू भी गलील का है।”
فَأَنْكَرَ أَيْضًا. وَبَعْدَ قَلِيل أَيْضًا قَالَ الْحَاضِرُونَ لِبُطْرُسَ:«حَقًّا أَنْتَ مِنْهُمْ، لأَنَّكَ جَلِيلِيٌّ أَيْضًا وَلُغَتُكَ تُشْبِهُ لُغَتَهُمْ!».
तब पतरस अपने को धिक्कारने और कसमें खाने लगा, “जिसके बारे में तुम बात कर रहे हो, उस व्यक्ति को मैं नहीं जानता।”
فَابْتَدَأَ يَلْعَنُ وَيَحْلِفُ: «إِنِّي لاَ أَعْرِفُ هذَا الرَّجُلَ الَّذِي تَقُولُونَ عَنْهُ!»
तत्काल, मुर्गे ने दूसरी बार बाँग दी। पतरस को उसी समय वे शब्द याद हो आये जो उससे यीशु ने कहे थे: “इससे पहले कि मुर्गा दो बार बाँग दे, तू मुझे तीन बार नकारेगा।” तब पतरस जैसे टूट गया। वह फूट-फूट कर रोने लगा।
وَصَاحَ الدِّيكُ ثَانِيَةً، فَتَذَكَّرَ بُطْرُسُ الْقَوْلَ الَّذِي قَالَهُ لَهُ يَسُوعُ:«إِنَّكَ قَبْلَ أَنْ يَصِيحَ الدِّيكُ مَرَّتَيْنِ، تُنْكِرُنِي ثَلاَثَ مَرَّاتٍ». فَلَمَّا تَفَكَّرَ بِهِ بَكَى.