“किन्तु, मेरे भक्तों, तुम पर अच्छाई उगते सूरज के समान चमकेगी और यह सूरज की किरणों की तरह स्वास्थ्यवर्धक शक्ति देगी। तुम ऐसे ही स्वतन्त्र और प्रसन्न होओगे जैसे अपने बाड़े से स्वतन्त्र हुए बछड़े।
«وَلَكُمْ أَيُّهَا الْمُتَّقُونَ اسْمِي تُشْرِقُ شَمْسُ الْبِرِّ وَالشِّفَاءُ فِي أَجْنِحَتِهَا، فَتَخْرُجُونَ وَتَنْشَأُونَ كَعُجُولِ الصِّيرَةِ.