Malachi 3

सर्वशक्तिमान यहोवा कहता है, “देखो मैं अपना दूत भेज रहा हूँ। वह मेरे लिए मार्ग तैयार करेगा। यहोवा जिसकी खोज में तुम हो, वह अचानक अपने मंदिर में आयेगा। वाचा का संदेशवाहक सचमुच आ रहा है।”
«هأَنَذَا أُرْسِلُ مَلاَكِي فَيُهَيِّئُ الطَّرِيقَ أَمَامِي. وَيَأْتِي بَغْتَةً إِلَى هَيْكَلِهِ السَّيِّدُ الَّذِي تَطْلُبُونَهُ، وَمَلاَكُ الْعَهْدِ الَّذِي تُسَرُّونَ بِهِ. هُوَذَا يَأْتِي، قَالَ رَبُّ الْجُنُودِ»
“कोई व्यक्ति उस समय के लिये तैयारी नहीं कर सकता। कोई व्यक्ति उसके विरूद्ध खड़ा नहीं हो सकता, जब वह आयेगा। वह जलती आग के समान होगा। वह उस अच्छी रेह की तरह होगा जिसे लोग चीज़ों को स्वच्छ करने के लिये उपयोग में लाते हैं।
وَمَنْ يَحْتَمِلُ يَوْمَ مَجِيئِهِ؟ وَمَنْ يَثْبُتُ عِنْدَ ظُهُورِهِ؟ لأَنَّهُ مِثْلُ نَارِ الْمُمَحِّصِ، وَمِثْلُ أَشْنَانِ الْقَصَّارِ.
वह लेवीवंशियों को पवित्र करेगा। वह उन्हें ऐसे ही शुद्ध करेगा जैसे आग चांदी को शुद्ध करती है! वह उन्हें शुद्ध सोना और चाँदी के समान बनाएगा।तब वे यहोवा को भेंट लाएंगे और वे उन कामों को ठीक ढंग से करेंगे।
فَيَجْلِسُ مُمَحِّصًا وَمُنَقِّيًا لِلْفِضَّةِ. فَيُنَقِّي بَنِي لاَوِي وَيُصَفِّيهِمْ كَالذَّهَبِ وَالْفِضَّةِ، لِيَكُونُوا مُقَرَّبِينَ لِلرَّبِّ، تَقْدِمَةً بِالْبِرِّ.
तब यहोवा यहूदा और यरूशलेम में भेंटे स्वीकार करेगा। यह बीते काल के समान होगा।यह पुराने लम्बे समय की तरह होगा।
فَتَكُونُ تَقْدِمَةُ يَهُوذَا وَأُورُشَلِيمَ مَرْضِيَّةً لِلرَّبِّ كَمَا فِي أَيَّامِ الْقِدَمِ وَكَمَا فِي السِّنِينَ الْقَدِيمَةِ.
तब मैं तुम्हारे पास आऊँगा और तब मैं ठीक काम करूगा। मैं उस गवाह की तरह होऊँगा जो लोगों द्वारा किये गये बुरे कामों के बारे में न्यायाधीश से कहता है। कुछ लोग बुरे जादू करते हैं। कुछ लोग बुरे जादू करते हैं। कुछ लोग व्यभिचार का पाप करते हैं। कुछ लोग झूठी प्रतिज्ञायें करते हैं। कुछ लोग अपने मजदूरों को ठगते हैं—वे अपनी वाचा की गई रकम नहीं देते। लोग विधवाओं और अनाथों की सहायता नहीं करते। लोग अजनबियों की सहायता नहीं करते। लोग मेरा सम्मान नहीं करते!” सर्वशक्तिमान यहोवा ने यह सब कहा।
«وَأَقْتَرِبُ إِلَيْكُمْ لِلْحُكْمِ، وَأَكُونُ شَاهِدًا سَرِيعًا عَلَى السَّحَرَةِ وَعَلَى الْفَاسِقِينَ وَعَلَى الْحَالِفِينَ زُورًا وَعَلَى السَّالِبِينَ أُجْرَةَ الأَجِيرِ: الأَرْمَلَةِ وَالْيَتِيمِ، وَمَنْ يَصُدُّ الْغَرِيبَ وَلاَ يَخْشَانِي، قَالَ رَبُّ الْجُنُودِ.
“मैं यहोवा हूँ, और मैं बदलता नहीं। तुम याकूब की सन्तान हो, और तुम पूरी तरह नष्ट नहीं किये गए।
لأَنِّي أَنَا الرَّبُّ لاَ أَتَغَيَّرُ فَأَنْتُمْ يَا بَنِي يَعْقُوبَ لَمْ تَفْنُوا.
किन्तु तुमने मेरे नियमों का कभी पालन नहीं किया। यहाँ तक कि तुम्हारे पूर्वजों ने भी मेरा अनुसरण करना बन्द कर दिया। मेरे पास वापस लौटो और मैं तम्हारे पास वापस लौटूँगा।” सर्वशक्तिमान यहोवा ने यह सब कहा। “तुम कहते हो, ‘हम वापस कैसे लौट सकते हैं?’
«مِنْ أَيَّامِ آبَائِكُمْ حِدْتُمْ عَنْ فَرَائِضِي وَلَمْ تَحْفَظُوهَا. ارْجِعُوا إِلَيَّ أَرْجعْ إِلَيْكُمْ، قَالَ رَبُّ الْجُنُودِ. فَقُلْتُمْ: بِمَاذَا نَرْجعُ؟
“परमेश्वर को लूटना बन्द करो! लोगों को परमेश्वर की चीज़ें नहीं चुरानी चाहियें किन्तु तुमने मेरी चीज़ेंचुराई! “तुम कहते हो, ‘हमने तेरा क्या चुराया?’ “तुम्हें मुझको अपनी चीज़ों का दसवां भाग देना चाहिये था। तम्हें मुझे विशेष भेंट देनी चाहिये थी। किन्तु तुमने वे चीज़ें मुझे नहीं दीं।
أَيَسْلُبُ الإِنْسَانُ اللهَ؟ فَإِنَّكُمْ سَلَبْتُمُونِي. فَقُلْتُمْ: بِمَ سَلَبْنَاكَ؟ فِي الْعُشُورِ وَالتَّقْدِمَةِ.
इस प्रकार तुम्हारे पूरे राष्ट्र ने मेरी चींज़ें चुराई हैं। इस से बुरी घटनायें तुम्हारे साथ घट रही हैं।” सर्वशक्तिमान यहोवा यह सब कहता है।
قَدْ لُعِنْتُمْ لَعْنًا وَإِيَّايَ أَنْتُمْ سَالِبُونَ، هذِهِ الأُمَّةُ كُلُّهَا.
सर्वशक्तिमान यहोवा यह सब कहता है, “इस परीक्षा की जांच करो। अपनी चीजों का दसवा भाग मुझको लाओ। उन चीज़ों को खजाने में रखो।मेरे घर भोजन लाओ। मुझे परख कर तो देखो।तुम यदि उन कामों को करोगे तो मैं, सच ही, तुम्हें आशीर्वाद दूँगा। तुम्हारे पास अच्छी चीज़ें वैसे ही हो जाएंगी जैसे गगन से वर्षा होती हैं। तुम हर चीज़ आवश्यकता से अधिक पाओगे।
هَاتُوا جَمِيعَ الْعُشُورِ إِلَى الْخَزْنَةِ لِيَكُونَ فِي بَيْتِي طَعَامٌ، وَجَرِّبُونِي بِهذَا، قَالَ رَبُّ الْجُنُودِ، إِنْ كُنْتُ لاَ أَفْتَحُ لَكُمْ كُوَى السَّمَاوَاتِ، وَأَفِيضُ عَلَيْكُمْ بَرَكَةً حَتَّى لاَ تُوسَعَ.
मैं कीड़ों को तुम्हारी फसलों को नष्ट नहीं होने दूँगा। तुम्हारी अंगूर की सभी बेलें अंगूर उपजाएंगी।” सर्वशक्तिमान यहोवा यह सब कहता है।
وَأَنْتَهِرُ مِنْ أَجْلِكُمْ الآكِلَ فَلاَ يُفْسِدُ لَكُمْ ثَمَرَ الأَرْضِ، وَلاَ يُعْقَرُ لَكُمُ الْكَرْمُ فِي الْحَقْلِ، قَالَ رَبُّ الْجُنُودِ.
“अन्य राष्ट्रों के लोग तुम्हारे प्रति भले रहेंगे। तम्हारा देश सचमुच आश्चर्यजनक देश होगा।” सर्वशक्तिमान यहोवा यह सब कहता है।
وَيُطَوِّبُكُمْ كُلُّ الأُمَمِ، لأَنَّكُمْ تَكُونُونَ أَرْضَ مَسَرَّةٍ، قَالَ رَبُّ الْجُنُودِ.
यहोवा कहता है, “तुमने मुझसे ओछी बातें कहीं।” किन्तु तुम पछते हो, “हमने तेरे बारे में क्या कहा?”
«أَقْوَالُكُمُ اشْتَدَّتْ عَلَيَّ، قَالَ الرَّبُّ. وَقُلْتُمْ: مَاذَا قُلْنَا عَلَيْكَ؟
तुमने कहा, “यहोवा की उपासना व्यर्थ है। हमने वे काम किये जो यहोवा ने करने को कहे, किन्तु हम लोगों को कुछ भी नहीं मिला। हम अपने पापों के लिये वैसे ही दुखी रहे जैसे मैयत में रोते लोग। किन्तु इससे कुछ काम नहीं निकला।
قُلْتُمْ: عِبَادَةُ اللهِ بَاطِلَةٌ، وَمَا الْمَنْفَعَةُ مِنْ أَنَّنَا حَفِظْنَا شَعَائِرَهُ، وَأَنَّنَا سَلَكْنَا بِالْحُزْنِ قُدَّامَ رَبِّ الْجُنُودِ؟
हम समझते रहे कि गर्वीलें लोग सुखी रहते हैं। दुष्ट लोग सफल होते हैं। वे परमेश्वर के धैर्य की परीक्षा करने के लिये बुरे काम करते हैं, और परमेश्वर उन्हें दण्ड नहीं देता।”
وَالآنَ نَحْنُ مُطَوِّبُونَ الْمُسْتَكْبِرِينَ وَأَيْضًا فَاعِلُو الشَّرِّ يُبْنَوْنَ. بَلْ جَرَّبُوا اللهَ وَنَجَوْا».
परमेश्वर के भक्तों ने आपस में बातें कीं और यहोवा ने उनकी सुनी। उसके सामने एक पुस्तक हैं। उस पुस्तक में परमेश्वर के भक्तों के नाम हैं। वे ही लोग है जो यहोवा के नाम का सम्मान करते हैं।
حِينَئِذٍ كَلَّمَ مُتَّقُو الرَّبِّ كُلُّ وَاحِدٍ قَرِيبَهُ، وَالرَّبُّ أَصْغَى وَسَمِعَ، وَكُتِبَ أَمَامَهُ سِفْرُ تَذْكَرَةٍ لِلَّذِينَ اتَّقُوا الرَّبَّ وَلِلْمُفَكِّرِينَ فِي اسْمِهِ.
यहोवा ने कहा, “वे लोग मेरे हैं। मैं उन पर कृपालु रहूंगा। व्यक्ति अपने उन बच्चों पर अधिक कृपालु रहता है जो उसके आज्ञाकारी होते हैं। उसी प्रकार मै अपने भक्तों पर कृपालु रहूंगा।
«وَيَكُونُونَ لِي، قَالَ رَبُّ الْجُنُودِ، فِي الْيَوْمِ الَّذِي أَنَا صَانِعٌ خَاصَّةً، وَأُشْفِقُ عَلَيْهِمْ كَمَا يُشْفِقُ الإِنْسَانُ عَلَى ابْنِهِ الَّذِي يَخْدِمُهُ.
लोगों, तुम मेरे पास वापस लौटोगे और तुम अच्छे और बुरे का अन्तर समझोगे। तुम परमेश्वर के भक्त और जो भक्त नहीं हैं उसके बीच के अन्तर को समझोगे।
فَتَعُودُونَ وَتُمَيِّزُونَ بَيْنَ الصِّدِّيقِ وَالشِّرِّيرِ، بَيْنَ مَنْ يَعْبُدُ اللهَ وَمَنْ لاَ يَعْبُدُهُ.