Luke 8

इसके बाद ऐसा हुआ कि यीशु परमेश्वर के राज्य का सुसमाचार लोगों को सुनाते हुए नगर-नगर और गाँव-गाँव घूमने लगा। उसके बारहों शिष्य भी उसके साथ हुआ करते थे।
وَعَلَى أَثَرِ ذلِكَ كَانَ يَسِيرُ فِي مَدِينَةٍ وَقَرْيَةٍ يَكْرِزُ وَيُبَشِّرُ بِمَلَكُوتِ اللهِ، وَمَعَهُ الاثْنَا عَشَرَ.
उसके साथ कुछ स्त्रियाँ भी थीं जिन्हें उसने रोगों और दुष्टात्माओं से छुटकारा दिलाया था। इनमें मरियम मग्दलीनी नाम की एक स्त्री थी जिसे सात दुष्टात्माओं से छुटकारा मिला था।
وَبَعْضُ النِّسَاءِ كُنَّ قَدْ شُفِينَ مِنْ أَرْوَاحٍ شِرِّيرَةٍ وَأَمْرَاضٍ: مَرْيَمُ الَّتِي تُدْعَى الْمَجْدَلِيَّةَ الَّتِي خَرَجَ مِنْهَا سَبْعَةُ شَيَاطِينَ،
(हेरोदेस के प्रबन्ध अधिकारी) खुज़ा की पत्नी योअन्ना भी इन्हीं में थी। साथ ही सुसन्नाह तथा और बहुत सी स्त्रियाँ भी थीं। ये स्त्रियाँ अपने ही साधनों से यीशु और उसके शिष्यों की सेवा का प्रबन्ध करती थीं।
وَيُوَنَّا امْرَأَةُ خُوزِي وَكِيلِ هِيرُودُسَ، وَسُوسَنَّةُ، وَأُخَرُ كَثِيرَاتٌ كُنَّ يَخْدِمْنَهُ مِنْ أَمْوَالِهِنَّ.
जब नगर-नगर से आकर लोगों की बड़ी भीड़ उसके यहाँ एकत्र हो रही थी, तो उसने उनसे एक दृष्टान्त कथा कही:
فَلَمَّا اجْتَمَعَ جَمْعٌ كَثِيرٌ أَيْضًا مِنَ الَّذِينَ جَاءُوا إِلَيْهِ مِنْ كُلِّ مَدِينَةٍ، قَالَ بِمَثَل:
“एक किसान अपने बीज बोने निकला। जब उसने बीज बोये तो कुछ बीज राह किनारे जा पड़े और पैरों तले रूँद गये। और चिड़ियाँए उन्हें चुग गयीं।
«خَرَجَ الزَّارِعُ لِيَزْرَعَ زَرْعَهُ. وَفِيمَا هُوَ يَزْرَعُ سَقَطَ بَعْضٌ عَلَى الطَّرِيقِ، فَانْدَاسَ وَأَكَلَتْهُ طُيُورُ السَّمَاءِ.
कुछ बीज चट्टानी धरती पर गिरे, वे जब उगे तो नमी के बिना मुरझा गये।
وَسَقَطَ آخَرُ عَلَى الصَّخْرِ، فَلَمَّا نَبَتَ جَفَّ لأَنَّهُ لَمْ تَكُنْ لَهُ رُطُوبَةٌ.
कुछ बीज कँटीली झाड़ियों में गिरे। काँटों की बढ़वार भी उनके साथ हुई और काँटों ने उन्हें दबोच लिया।
وَسَقَطَ آخَرُ فِي وَسْطِ الشَّوْكِ، فَنَبَتَ مَعَهُ الشَّوْكُ وَخَنَقَهُ.
और कुछ बीज अच्छी धरती पर गिरे। वे उगे और उन्होंने सौ गुनी अधिक फसल दी।” ये बातें बताते हुए उसने पुकार कर कहा, “जिसके पास सुनने को कान हैं, वह सुन ले।”
وَسَقَطَ آخَرُ فِي الأَرْضِ الصَّالِحَةِ، فَلَمَّا نَبَتَ صَنَعَ ثَمَرًا مِئَةَ ضِعْفٍ». قَالَ هذَا وَنَادَى:«مَنْ لَهُ أُذْنَانِ لِلسَّمْعِ فَلْيَسْمَعْ!».
उसके शिष्यों ने उससे पूछा, “इस दृष्टान्त कथा का क्या अर्थ है?”
فَسَأَلَهُ تَلاَمِيذُهُ قَائِلِينَ:«مَا عَسَى أَنْ يَكُونَ هذَا الْمَثَلُ؟».
सो उसने बताया, “परमेश्वर के राज्य के रहस्य जानने की सुविधा तुम्हें दी गयी है किन्तु दूसरों को यह रहस्य दृष्टान्त कथाओं के द्वारा दिये गये हैं ताकि: ‘वे देखते हुए भी न देख पायें और सुनते हुए भी न समझ पाये।’ यशायाह 6:9
فَقَالَ:«لَكُمْ قَدْ أُعْطِيَ أَنْ تَعْرِفُوا أَسْرَارَ مَلَكُوتِ اللهِ، وَأَمَّا لِلْبَاقِينَ فَبِأَمْثَال، حَتَّى إِنَّهُمْ مُبْصِرِينَ لاَ يُبْصِرُونَ، وَسَامِعِينَ لاَ يَفْهَمُونَ.
“इस दृष्टान्त कथा का अर्थ यह है: बीज परमेश्वर का वचन है।
وَهذَا هُوَ الْمَثَلُ: الزَّرْعُ هُوَ كَلاَمُ اللهِ،
वे बीज जो राह किनारे गिरे थे, वे वह व्यक्ति हैं जो जब वचन को सुनते हैं, तो शैतान आता है और वचन को उनके मन से निकाल ले जाता है ताकि वे विश्वास न कर पायें और उनका उद्धार न हो सके।
وَالَّذِينَ عَلَى الطَّرِيقِ هُمُ الَّذِينَ يَسْمَعُونَ، ثُمَّ يَأْتِي إِبْلِيسُ وَيَنْزِعُ الْكَلِمَةَ مِنْ قُلُوبِهِمْ لِئَلاَّ يُؤْمِنُوا فَيَخْلُصُوا.
वे बीज जो चट्टानी धरती पर गिरे थे उनका अर्थ है, वह व्यक्ति जो जब वचन को सुनते हैं तो उसे आनन्द के साथ अपनाते हैं। किन्तु उनके भीतर उसकी जड़ नहीं जम पाती। वे कुछ समय के लिये विश्वास करते हैं किन्तु परीक्षा की घड़ी में वे डिग जाते हैं।
وَالَّذِينَ عَلَى الصَّخْرِ هُمُ الَّذِينَ مَتَى سَمِعُوا يَقْبَلُونَ الْكَلِمَةَ بِفَرَحٍ، وَهؤُلاَءِ لَيْسَ لَهُمْ أَصْلٌ، فَيُؤْمِنُونَ إِلَى حِينٍ، وَفِي وَقْتِ التَّجْرِبَةِ يَرْتَدُّونَ.
“और जो बीज काँटो में गिरे, उसका अर्थ है, वह व्यक्ति जो वचन को सुनते हैं किन्तु जब वह अपनी राह चलने लगते हैं तो चिन्ताएँ धन-दौलत और जीवन के भोग विलास उसे दबा देते हैं, जिससे उन पर कभी पकी फसल नहीं उतरती।
وَالَّذِي سَقَطَ بَيْنَ الشَّوْكِ هُمُ الَّذِينَ يَسْمَعُونَ، ثُمَّ يَذْهَبُونَ فَيَخْتَنِقُونَ مِنْ هُمُومِ الْحَيَاةِ وَغِنَاهَا وَلَذَّاتِهَا، وَلاَ يُنْضِجُونَ ثَمَرًا.
और अच्छी धरती पर गिरे बीज से अर्थ है वे व्यक्ति जो अच्छे और सच्चे मन से जब वचन को सुनते हैं तो उसे धारण भी करते हैं। फिर अपने धैर्य के साथ वह उत्तम फल देते हैं।
وَالَّذِي فِي الأَرْضِ الْجَيِّدَةِ، هُوَ الَّذِينَ يَسْمَعُونَ الْكَلِمَةَ فَيَحْفَظُونَهَا فِي قَلْبٍ جَيِّدٍ صَالِحٍ، وَيُثْمِرُونَ بِالصَّبْرِ.
“कोई भी किसी दिये को बर्तन के नीचे ढक देने को नहीं जलाता। या उसे बिस्तर के नीचे नहीं रखता। बल्कि वह उसे दीवट पर रखता है ताकि जो भीतर आयें प्रकाश देख सकें।
«وَلَيْسَ أَحَدٌ يُوقِدُ سِرَاجًا وَيُغَطِّيهِ بِإِنَاءٍ أَوْ يَضَعُهُ تَحْتَ سَرِيرٍ، بَلْ يَضَعُهُ عَلَى مَنَارَةٍ، لِيَنْظُرَ الدَّاخِلُونَ النُّورَ.
न कोई गुप्त बात है जो जानी नहीं जाएगी और कुछ भी ऐसा छिपा नहीं है जो प्रकाश में नहीं आयेगा।
لأَنَّهُ لَيْسَ خَفِيٌّ لاَ يُظْهَرُ، وَلاَ مَكْتُومٌ لاَ يُعْلَمُ وَيُعْلَنُ.
इसलिये ध्यान से सुनो क्योंकि जिसके पास है उसे और भी दिया जायेगा और जिसके पास नहीं है, उससे जो उसके पास दिखाई देता है, वह भी ले लिया जायेगा।”
فَانْظُرُوا كَيْفَ تَسْمَعُونَ، لأَنَّ مَنْ لَهُ سَيُعْطَى، وَمَنْ لَيْسَ لَهُ فَالَّذِي يَظُنُّهُ لَهُ يُؤْخَذُ مِنْهُ».
तभी यीशु की माँ और उसके भाई उसके पास आये किन्तु वे भीड़ के कारण उसके निकट नहीं जा सके।
وَجَاءَ إِلَيْهِ أُمُّهُ وَإِخْوَتُهُ، وَلَمْ يَقْدِرُوا أَنْ يَصِلُوا إِلَيْهِ لِسَبَبِ الْجَمْعِ.
इसलिये यीशु से यह कहा गया, “तेरी माँ और तेरे भाई बाहर खड़े हैं। वे तुझसे मिलना चाहते हैं।”
فَأَخْبَرُوهُ قَائِلِينَ:«أُمُّكَ وَإِخْوَتُكَ وَاقِفُونَ خَارِجًا، يُرِيدُونَ أَنْ يَرَوْكَ».
किन्तु यीशु ने उन्हें उत्तर दिया, “मेरी माँ और मेरे भाई तो ये हैं जो परमेश्वर का वचन सुनते हैं और उस पर चलते हैं।”
فَأَجَابَ وَقَالَ لَهُمْ:«أُمِّي وَإِخْوَتِي هُمُ الَّذِينَ يَسْمَعُونَ كَلِمَةَ اللهِ وَيَعْمَلُونَ بِهَا».
तभी एक दिन ऐसा हुआ कि वह अपने शिष्यों के साथ एक नाव पर चढ़ा और उनसे बोला, “आओ, झील के उस पार चलें।” सो उन्होंने पाल खोल दी।
وَفِي أَحَدِ الأَيَّامِ دَخَلَ سَفِينَةً هُوَ وَتَلاَمِيذُهُ، فَقَالَ لَهُمْ:«لِنَعْبُرْ إِلَى عَبْرِ الْبُحَيْرَةِ». فَأَقْلَعُوا.
जब वे नाव चला रहे थे, यीशु सो गया। झील पर आँधी-तूफान उतर आया। उनकी नाव में पानी भरने लगा। वे ख़तरे में पड़ गये।
وَفِيمَا هُمْ سَائِرُونَ نَامَ. فَنَزَلَ نَوْءُ رِيحٍ فِي الْبُحَيْرَةِ، وَكَانُوا يَمْتَلِئُونَ مَاءً وَصَارُوا فِي خَطَرٍ.
सो वे उसके पास आये और उसे जगाकर कहने लगे, “स्वामी! स्वामी! हम डूब रहे हैं।” फिर वह खड़ा हुआ और उसने आँधी तथा लहरों को डाँटा। वे थम गयीं और वहाँ शान्ति छा गयी।
فَتَقَدَّمُوا وَأَيْقَظُوهُ قَائِلِينَ:«يَا مُعَلِّمُ، يَا مُعَلِّمُ، إِنَّنَا نَهْلِكُ!». فَقَامَ وَانْتَهَرَ الرِّيحَ وَتَمَوُّجَ الْمَاءِ، فَانْتَهَيَا وَصَارَ هُدُوُّ.
फिर उसने उनसे पूछा, “कहाँ गया तुम्हारा विश्वास?” किन्तु वे डरे हुए थे और अचरज में पड़ें थे। वे आपस में बोले, “आखिर यह है कौन जो हवा और पानी दोनों को आज्ञा देता है और वे उसे मानते हैं?”
ثُمَّ قَالَ لَهُمْ:«أَيْنَ إِيمَانُكُمْ؟» فَخَافُوا وَتَعَجَّبُوا قَائِلِينَ فِيمَا بَيْنَهُمْ: «مَنْ هُوَ هذَا؟ فَإِنَّهُ يَأْمُرُ الرِّيَاحَ أَيْضًا وَالْمَاءَ فَتُطِيعُهُ!».
फिर वे गिरासेनियों के प्रदेश में पहुँचे जो गलील झील के सामने परले पार था।
وَسَارُوا إِلَى كُورَةِ الْجَدَرِيِّينَ الَّتِي هِيَ مُقَابِلَ الْجَلِيلِ.
जैसे ही वह किनारे पर उतरा, नगर का एक व्यक्ति उसे मिला। उसमें दुष्टात्माएँ समाई हुई थीं। एक लम्बे समय से उसने न तो कपड़े पहने थे और न ही वह घर में रहा था, बल्कि वह कब्रों में रहता था।
وَلَمَّا خَرَجَ إِلَى الأَرْضِ اسْتَقْبَلَهُ رَجُلٌ مِنَ الْمَدِينَةِ كَانَ فِيهِ شَيَاطِينُ مُنْذُ زَمَانٍ طَوِيل، وَكَانَ لاَ يَلْبَسُ ثَوْبًا، وَلاَ يُقِيمُ فِي بَيْتٍ، بَلْ فِي الْقُبُورِ.
जब उसने यीशु को देखा तो चिल्लाते हुए उसके सामने गिर कर ऊँचे स्वर में बोला, “हे परम प्रधान (परमेश्वर) के पुत्र यीशु, तू मुझसे क्या चाहता है? मैं विनती करता हूँ मुझे पीड़ा मत पहुँचा।” उसने उस दुष्टात्मा को उस व्यक्ति में से बाहर निकलने का आदेश दिया था, क्योंकि उस दुष्टात्मा ने उस मनुष्य को बहुत बार पकड़ा था। ऐसे अवसरों पर उसे बेड़ियों से बाँध कर पहरे में रखा जाता था। किन्तु वह सदा ज़ंजीरों को तोड़ देता था और दुष्टात्मा उसे वीराने में भगाए फिरती थी।
فَلَمَّا رَأَى يَسُوعَ صَرَخَ وَخَرَّ لَهُ، وَقَالَ بِصَوْتٍ عَظِيمٍ:«مَا لِي وَلَكَ يَا يَسُوعُ ابْنَ اللهِ الْعَلِيِّ؟ أَطْلُبُ مِنْكَ أَنْ لاَ تُعَذِّبَنِي!».
जब उसने यीशु को देखा तो चिल्लाते हुए उसके सामने गिर कर ऊँचे स्वर में बोला, “हे परम प्रधान (परमेश्वर) के पुत्र यीशु, तू मुझसे क्या चाहता है? मैं विनती करता हूँ मुझे पीड़ा मत पहुँचा।” उसने उस दुष्टात्मा को उस व्यक्ति में से बाहर निकलने का आदेश दिया था, क्योंकि उस दुष्टात्मा ने उस मनुष्य को बहुत बार पकड़ा था। ऐसे अवसरों पर उसे बेड़ियों से बाँध कर पहरे में रखा जाता था। किन्तु वह सदा ज़ंजीरों को तोड़ देता था और दुष्टात्मा उसे वीराने में भगाए फिरती थी।
لأَنَّهُ أَمَرَ الرُّوحَ النَّجِسَ أَنْ يَخْرُجَ مِنَ الإِنْسَانِ. لأَنَّهُ مُنْذُ زَمَانٍ كَثِيرٍ كَانَ يَخْطَفُهُ، وَقَدْ رُبِطَ بِسَلاَسِل وَقُيُودٍ مَحْرُوسًا، وَكَانَ يَقْطَعُ الرُّبُطَ وَيُسَاقُ مِنَ الشَّيْطَانِ إِلَى الْبَرَارِي.
सो यीशु ने उससे पूछा, “तेरा नाम क्या है?” उसने कहा, “सेना।” (क्योंकि उसमें बहुत सी दुष्टात्माएँ समाई थीं।)
فَسَأَلَهُ يَسُوعُ قِائِلاً:«مَا اسْمُكَ؟» فَقَالَ:«لَجِئُونُ». لأَنَّ شَيَاطِينَ كَثِيرَةً دَخَلَتْ فِيهِ.
वे यीशु से तर्क-वितर्क के साथ विनती कर रही थीं कि वह उन्हें गहन गर्त में जाने की आज्ञा न दे।
وَطَلَبَ إِلَيْهِ أَنْ لاَ يَأْمُرَهُمْ بِالذَّهَابِ إِلَى الْهَاوِيَةِ.
अब देखो, तभी वहाँ पहाड़ी पर सुअरों का एक बड़ा झुण्ड चर रहा था। दुष्टात्माओं ने उससे विनती की कि वह उन्हें सुअरों में जाने दे। सो उसने उन्हें अनुमति दे दी।
وَكَانَ هُنَاكَ قَطِيعُ خَنَازِيرَ كَثِيرَةٍ تَرْعَى فِي الْجَبَلِ، فَطَلَبُوا إِلَيْهِ أَنْ يَأْذَنَ لَهُمْ بِالدُّخُولِ فِيهَا، فَأَذِنَ لَهُمْ.
इस पर वे दुष्टात्माएँ उस व्यक्ति में से बाहर निकलीं और उन सुअरों में प्रवेश कर गयीं। और सुअरों का वह झुण्ड नीचे उस ढलुआ तट से लुढ़कते पुढ़कते दौड़ता हुआ झील में जा गिरा और डूब गया।
فَخَرَجَتِ الشَّيَاطِينُ مِنَ الإِنْسَانِ وَدَخَلَتْ فِي الْخَنَازِيرِ، فَانْدَفَعَ الْقَطِيعُ مِنْ عَلَى الْجُرُفِ إِلَى الْبُحَيْرَةِ وَاخْتَنَقَ.
झुण्ड के रखवाले, जो कुछ हुआ था, उसे देखकर वहाँ से भाग खड़े हुए। और उन्होंने इसका समाचार नगर और गाँव में जा सुनाया।
فَلَمَّا رَأَى الرُّعَاةُ مَا كَانَ هَرَبُوا وَذَهَبُوا وَأَخْبَرُوا فِي الْمَدِينَةِ وَفِي الضِّيَاعِ،
फिर वहाँ के लोग जो कुछ घटा था उसे देखने बाहर आये। वे यीशु से मिले। और उन्होंने उस व्यक्ति को जिसमें से दुष्टात्माएँ निकली थीं यीशु के चरणों में बैठे पाया। उस व्यक्ति ने कपड़े पहने हुए थे और उसका दिमाग एकदम सही था। इससे वे सभी डर गये।
فَخَرَجُوا لِيَرَوْا مَا جَرَى. وَجَاءُوا إِلَى يَسُوعَ فَوَجَدُوا الإِنْسَانَ الَّذِي كَانَتِ الشَّيَاطِينُ قَدْ خَرَجَتْ مِنْهُ لاَبِسًا وَعَاقِلاً، جَالِسًا عِنْدَ قَدَمَيْ يَسُوعَ، فَخَافُوا.
जिन्होंने देखा, उन्होंने लोगों को बताया कि दुष्टात्मा-ग्रस्त व्यक्ति कैसे ठीक हुआ।
فَأَخْبَرَهُمْ أَيْضًا الَّذِينَ رَأَوْا كَيْفَ خَلَصَ الْمَجْنُونُ.
इस पर गिरासेन प्रदेश के सभी निवासियों ने उससे प्रार्थना की कि वह वहाँ से चला जाये क्योंकि वे सभी बहुत डर गये थे। सो यीशु नाव में आया और लौट पड़ा।
فَطَلَبَ إِلَيْهِ كُلُّ جُمْهُورِ كُورَةِ الْجَدَرِيِّينَ أَنْ يَذْهَبَ عَنْهُمْ، لأَنَّهُ اعْتَرَاهُمْ خَوْفٌ عَظِيمٌ. فَدَخَلَ السَّفِينَةَ وَرَجَعَ.
किन्तु जिस व्यक्ति में से दुष्टात्माएँ निकली थीं, वह यीशु से अपने को साथ ले चलने की विनती कर रहा था। इस पर यीशु ने उसे यह कहते हुए लौटा दिया कि,
أَمَّا الرَّجُلُ الَّذِي خَرَجَتْ مِنْهُ الشَّيَاطِينُ فَطَلَبَ إِلَيْهِ أَنْ يَكُونَ مَعَهُ، وَلكِنَّ يَسُوعَ صَرَفَهُ قَائِلاً:
“घर जा और जो कुछ परमेश्वर ने तेरे लिये किया है, उसे बता।” सो वह लौटकर, यीशु ने उसके लिये जो कुछ किया था, उसे सारे नगर में सबसे कहता फिरा।
«ارْجعْ إِلَى بَيْتِكَ وَحَدِّثْ بِكَمْ صَنَعَ اللهُ بِكَ». فَمَضَى وَهُوَ يُنَادِي فِي الْمَدِينَةِ كُلِّهَا بِكَمْ صَنَعَ بِهِ يَسُوعُ.
अब देखो जब यीशु लौटा तो जन समूह ने उसका स्वागत किया क्योंकि वे सभी उसकी प्रतीक्षा में थे।
وَلَمَّا رَجَعَ يَسُوعُ قَبِلَهُ الْجَمْعُ لأَنَّهُمْ كَانُوا جَمِيعُهُمْ يَنْتَظِرُونَهُ.
तभी याईर नाम का एक व्यक्ति वहाँ आया। वह वहाँ के यहूदी आराधनालय का मुखिया था। वह यीशु के चरणों में गिर पड़ा और उससे अपने घर चलने की विनती करने लगा।
وَإِذَا رَجُلٌ اسْمُهُ يَايِرُسُ قَدْ جَاءَ، وَكَانَ رَئِيسَ الْمَجْمَعِ، فَوَقَعَ عِنْدَ قَدَمَيْ يَسُوعَ وَطَلَبَ إِلَيْهِ أَنْ يَدْخُلَ بَيْتَهُ،
क्योंकि उसके बारह साल की एक एकलौती बेटी थी, वह मरने वाली थी। सो यीशु जब जा रहा था तो भीड़ उसे कुचले जा रही थी।
لأَنَّهُ كَانَ لَهُ بِنْتٌ وَحِيدَةٌ لَهَا نَحْوُ اثْنَتَيْ عَشْرَةَ سَنَةً، وَكَانَتْ فِي حَالِ الْمَوْتِ. فَفِيمَا هُوَ مُنْطَلِقٌ زَحَمَتْهُ الْجُمُوعُ.
वहीं एक स्त्री थी जिसे बारह साल से खून बह रहा था। जो कुछ उसके पास था, उसने चिकित्सकों पर खर्च कर दिया था, पर वह किसी से भी ठीक नहीं हो पायी थी।
وَامْرَأَةٌ بِنَزْفِ دَمٍ مُنْذُ اثْنَتَيْ عَشْرَةَ سَنَةً، وَقَدْ أَنْفَقَتْ كُلَّ مَعِيشَتِهَا لِلأَطِبَّاءِ، وَلَمْ تَقْدِرْ أَنْ تُشْفَى مِنْ أَحَدٍ،
वह उसके पीछे आयी और उसने उसके चोगे की कन्नी छू ली। और उसका खून जाना तुरन्त रुक गया।
جَاءَتْ مِنْ وَرَائِهِ وَلَمَسَتْ هُدْبَ ثَوْبِهِ. فَفِي الْحَالِ وَقَفَ نَزْفُ دَمِهَا.
तब यीशु ने पूछा, “वह कौन है जिसने मुझे छुआ है?” जब सभी मना कर रहे थे, पतरस बोला, “स्वामी, सभी लोगों ने तो तुझे घेर रखा है और वे सभी तो तुझ पर गिर पड़ रहे है।”
فَقَالَ يَسُوعُ:«مَنِ الَّذِي لَمَسَنِي؟» وَإِذْ كَانَ الْجَمِيعُ يُنْكِرُونَ، قَالَ بُطْرُسُ وَالَّذِينَ مَعَهُ: «يَامُعَلِّمُ، الْجُمُوعُ يُضَيِّقُونَ عَلَيْكَ وَيَزْحَمُونَكَ، وَتَقُولُ: مَنِ الَّذِي لَمَسَنِي؟»
किन्तु यीशु ने कहा, “किसी ने मुझे छुआ है क्योंकि मुझे लगा है जैसे मुझ में से शक्ति निकली हो।”
فَقَالَ يَسُوعُ:«قَدْ لَمَسَنِي وَاحِدٌ، لأَنِّي عَلِمْتُ أَنَّ قُوَّةً قَدْ خَرَجَتْ مِنِّي».
उस स्त्री ने जब देखा कि वह छुप नहीं पायी है, तो वह काँपती हुई आयी और यीशु के सामने गिर पड़ी। वहाँ सभी लोगों के सामने उसने बताया कि उसने उसे क्यों छुआ था। और कैसे तत्काल वह अच्छी हो गयी।
فَلَمَّا رَأَتِ الْمَرْأَةُ أَنَّهَا لَمْ تَخْتَفِ، جَاءَتْ مُرْتَعِدَةً وَخَرَّتْ لَهُ، وَأَخْبَرَتْهُ قُدَّامَ جَمِيعِ الشَّعْبِ لأَيِّ سَبَبٍ لَمَسَتْهُ، وَكَيْفَ بَرِئَتْ فِي الْحَالِ.
इस पर यीशु ने उससे कहा, “पुत्री, तेरे विश्वास ने तेरा उद्धार किया है। चैन से जा।”
فَقَالَ لَهَا:«ثِقِي يَا ابْنَةُ، إِيمَانُكِ قَدْ شَفَاكِ، اِذْهَبِي بِسَلاَمٍ».
वह अभी बोल ही रहा था कि यहूदी आराधनालय के मुखिया के घर से वहाँ कोई आया और बोला, “तेरी बेटी मर चुकी है। सो गुरु को अब और कष्ट मत दे।”
وَبَيْنَمَا هُوَ يَتَكَلَّمُ، جَاءَ وَاحِدٌ مِنْ دَارِ رَئِيسِ الْمَجْمَعِ قَائِلاً لَهُ:«قَدْ مَاتَتِ ابْنَتُكَ. لاَ تُتْعِبِ الْمُعَلِّمَ».
यीशु ने यह सुन लिया। सो वह उससे बोला, “डर मत! विश्वास रख। वह बच जायेगी।”
فَسَمِعَ يَسُوعُ، وَأَجَابَهُ قِائِلاً: «لاَتَخَفْ! آمِنْ فَقَطْ، فَهِيَ تُشْفَى».
जब यीशु उस घर में आया तो उसने अपने साथ पतरस, यूहन्ना, याकूब और बच्ची के माता-पिता को छोड़ कर किसी और को अपने साथ भीतर नहीं आने दिया।
فَلَمَّا جَاءَ إِلَى الْبَيْتِ لَمْ يَدَعْ أَحَدًا يَدْخُلُ إِلاَّ بُطْرُسَ وَيَعْقُوبَ وَيُوحَنَّا، وَأَبَا الصَّبِيَّةِ وَأُمَّهَا.
सभी लोग उस लड़की के लिये रो रहे थे और विलाप कर रहे थे। यीशु बोला, “रोना बंद करो। यह मरी नहीं है, बल्कि सो रही है।”
وَكَانَ الْجَمِيعُ يَبْكُونَ عَلَيْهَا وَيَلْطِمُونَ. فَقَالَ:«لاَ تَبْكُوا. لَمْ تَمُتْ لكِنَّهَا نَائِمَةٌ».
इस पर लोगों ने उसकी हँसी उड़ाई। क्योंकि वे जानते थे कि लड़की मर चुकी है।
فَضَحِكُوا عَلَيْهِ، عَارِفِينَ أَنَّهَا مَاتَتْ.
किन्तु यीशु ने उसका हाथ पकड़ा और पुकार कर कहा, “बच्ची, खड़ी हो जा!”
فَأَخْرَجَ الْجَمِيعَ خَارِجًا، وَأَمْسَكَ بِيَدِهَا وَنَادَى قَائِلاً:«يَا صَبِيَّةُ، قُومِي!».
उसकी आत्मा लौट आयी, और वह तुरंत उठ बैठी। यीशु ने आज्ञा दी, “इसे कुछ खाने को दिया जाये।”
فَرَجَعَتْ رُوحُهَا وَقَامَتْ فِي الْحَالِ. فَأَمَرَ أَنْ تُعْطَى لِتَأْكُلَ.
इस पर लड़की के माता पिता को बहुत अचरज हुआ किन्तु यीशु ने उन्हें आदेश दिया कि जो घटना घटी है, उसे वे किसी को न बतायें।
فَبُهِتَ وَالِدَاهَا. فَأَوْصَاهُمَا أَنْ لاَ يَقُولاَ لأَحَدٍ عَمَّا كَانَ.