Luke 22

अब फ़सह नाम का बिना ख़मीर की रोटी का पर्व आने को था।
وَقَرُبَ عِيدُ الْفَطِيرِ، الَّذِي يُقَالُ لَهُ الْفِصْحُ.
उधर प्रमुख याजक तथा यहूदी धर्मशास्त्री, क्योंकि लोगों से डरते थे इसलिये किसी ऐसे रास्ते की ताक में थे जिससे वे यीशु को मार डालें।
وَكَانَ رُؤَسَاءُ الْكَهَنَةِ وَالْكَتَبَةُ يَطْلُبُونَ كَيْفَ يَقْتُلُونَهُ، لأَنَّهُمْ خَافُوا الشَّعْبَ.
फिर इस्करियोती कहलाने वाले उस यहूदा में, जो उन बारहों में से एक था, शैतान आ समाया।
فَدَخَلَ الشَّيْطَانُ فِي يَهُوذَا الَّذِي يُدْعَى الإِسْخَرْيُوطِيَّ، وَهُوَ مِنْ جُمْلَةِ الاثْنَيْ عَشَرَ.
वह प्रमुख याजकों और अधिकारियों के पास गया और उनसे यीशु को वह कैसे पकड़वा सकता है, इस बारे में बातचीत की।
فَمَضَى وَتَكَلَّمَ مَعَ رُؤَسَاءِ الْكَهَنَةِ وَقُوَّادِ الْجُنْدِ كَيْفَ يُسَلِّمُهُ إِلَيْهِمْ.
वे बहुत प्रसन्न हुए और इसके लिये उसे धन देने को सहमत हो गये।
فَفَرِحُوا وَعَاهَدُوهُ أَنْ يُعْطُوهُ فِضَّةً.
वह भी राज़ी हो गया और वह ऐसे अवसर की ताक में रहने लगा जब भीड़-भाड़ न हो और वह उसे उनके हाथों सौंप दे।
فَوَاعَدَهُمْ. وَكَانَ يَطْلُبُ فُرْصَةً لِيُسَلِّمَهُ إِلَيْهِمْ خِلْوًا مِنْ جَمْعٍ.
फिर बिना ख़मीर की रोटी का वह दिन आया जब फ़सह के मेमने की बली देनी होती है।
وَجَاءَ يَوْمُ الْفَطِيرِ الَّذِي كَانَ يَنْبَغِي أَنْ يُذْبَحَ فِيهِ الْفِصْحُ.
सो उसने यह कहते हुए पतरस और यहून्ना को भेजा, “जाओ और हमारे लिये फ़सह का भोज तैयार करो ताकि हम उसे खा सकें।”
فَأَرْسَلَ بُطْرُسَ وَيُوحَنَّا قَائِلاً:«اذْهَبَا وَأَعِدَّا لَنَا الْفِصْحَ لِنَأْكُلَ».
उन्होंने उससे पूछा, “तू हमसे उसकी तैयारी कहाँ चाहता है?” उसने उनसे कहा,
فَقَالاَ لَهُ:«أَيْنَ تُرِيدُ أَنْ نُعِدَّ؟».
“तुम जैसे ही नगर में प्रवेश करोगे तुम्हें पानी का घड़ा ले जाते हुए एक व्यक्ति मिलेगा, उसके पीछे हो लेना और जिस घर में वह जाये तुम भी चले जाना।
فَقَالَ لَهُمَا:«إِذَا دَخَلْتُمَا الْمَدِينَةَ يَسْتَقْبِلُكُمَا إِنْسَانٌ حَامِلٌ جَرَّةَ مَاءٍ. اِتْبَعَاهُ إِلَى الْبَيْتِ حَيْثُ يَدْخُلُ،
और घर के स्वामी से कहना, ‘गुरु ने तुझसे पूछा है कि वह अतिथि-कक्ष कहाँ है जहाँ मैं अपने शिष्यों के साथ फ़सह पर्व का भोजन कर सकूँ।’
وَقُولاَ لِرَبِّ الْبَيْتِ: يَقُولُ لَكَ الْمُعَلِّمُ: أَيْنَ الْمَنْزِلُ حَيْثُ آكُلُ الْفِصْحَ مَعَ تَلاَمِيذِي؟
फिर वह व्यक्ति तुम्हें सीढ़ियों के ऊपर सजा-सजाया एक बड़ा कमरा दिखायेगा, वहीं तैयारी करना।”
فَذَاكَ يُرِيكُمَا عِلِّيَّةً كَبِيرَةً مَفْرُوشَةً. هُنَاكَ أَعِدَّا».
वे चल पड़े और वैसा ही पाया जैसा उसने उन्हें बताया था। फिर उन्होंने फ़सह भोज तैयार किया।
فَانْطَلَقَا وَوَجَدَا كَمَا قَالَ لَهُمَا، فَأَعَدَّا الْفِصْحَ.
फिर वह घड़ी आय़ी जब यीशु अपने शिष्यों के साथ भोजन पर बैठा।
وَلَمَّا كَانَتِ السَّاعَةُ اتَّكَأَ وَالاثْنَا عَشَرَ رَسُولاً مَعَهُ،
उसने उनसे कहा, “यातना उठाने से पहले यह फ़सह का भोजन तुम्हारे साथ करने की मेरी प्रबल इच्छा थी।
وَقَالَ لَهُمْ:«شَهْوَةً اشْتَهَيْتُ أَنْ آكُلَ هذَا الْفِصْحَ مَعَكُمْ قَبْلَ أَنْ أَتَأَلَّمَ،
क्योंकि मैं तुमसे कहता हूँ कि जब तक परमेश्वर के राज्य में यह पूरा नहीं हो लेता तब तक मैं इसे दुबारा नहीं खाऊँगा।”
لأَنِّي أَقُولُ لَكُمْ: إِنِّي لاَ آكُلُ مِنْهُ بَعْدُ حَتَّى يُكْمَلَ فِي مَلَكُوتِ اللهِ».
फिर उसने कटोरा उठाकर धन्यवाद दिया और कहा, “लो इसे आपस में बाँट लो।
ثُمَّ تَنَاوَلَ كَأْسًا وَشَكَرَ وَقَالَ:«خُذُوا هذِهِ وَاقْتَسِمُوهَا بَيْنَكُمْ،
क्योंकि मैं तुमसे कहता हूँ आज के बाद जब तक परमेश्वर का राज्य नहीं आ जाता मैं कोई भी दाखरस कभी नहीं पिऊँगा।”
لأَنِّي أَقُولُ لَكُمْ: إِنِّي لاَ أَشْرَبُ مِنْ نِتَاجِ الْكَرْمَةِ حَتَّى يَأْتِيَ مَلَكُوتُ اللهِ».
फिर उसने थोड़ी रोटी ली और धन्यवाद दिया। उसने उसे तोड़ा और उन्हें देते हुए कहा, “यह मेरी देह है जो तुम्हारे लिये दी गयी है। मेरी याद में ऐसा ही करना।”
وَأَخَذَ خُبْزًا وَشَكَرَ وَكَسَّرَ وَأَعْطَاهُمْ قَائِلاً: «هذَا هُوَ جَسَدِي الَّذِي يُبْذَلُ عَنْكُمْ. اِصْنَعُوا هذَا لِذِكْرِي».
ऐसे ही जब वे भोजन कर चुके तो उसने कटोरा उठाया और कहा, “यह प्याला मेरे उस रक्त के रूप में एक नयी वाचा का प्रतीक है जिसे तुम्हारे लिए उँडेला गया है।”
وَكَذلِكَ الْكَأْسَ أَيْضًا بَعْدَ الْعَشَاءِ قَائِلاً:«هذِهِ الْكَأْسُ هِيَ الْعَهْدُ الْجَدِيدُ بِدَمِي الَّذِي يُسْفَكُ عَنْكُمْ.
“किन्तु देखो, मुझे जो धोखे से पकड़वायेगा, उसका हाथ यहीं मेज़ पर मेरे साथ है।
وَلكِنْ هُوَذَا يَدُ الَّذِي يُسَلِّمُنِي هِيَ مَعِي عَلَى الْمَائِدَةِ.
क्योंकि मनुष्य का पुत्र तो मारा ही जायेगा जैसा कि सुनिश्चित है किन्तु धिक्कार है उस व्यक्ति को जिसके द्वारा वह पकड़वाया जाएगा।”
وَابْنُ الإِنْسَانِ مَاضٍ كَمَا هُوَ مَحْتُومٌ، وَلكِنْ وَيْلٌ لِذلِكَ الإِنْسَانِ الَّذِي يُسَلِّمُهُ!».
इस पर वे आपस में एक दूसरे से प्रश्न करने लगे, “उनमें से वह कौन हो सकता है जो ऐसा करने जा रहा है?”
فَابْتَدَأُوا يَتَسَاءَلُونَ فِيمَا بَيْنَهُمْ:«مَنْ تَرَى مِنْهُمْ هُوَ الْمُزْمِعُ أَنْ يَفْعَلَ هذَا؟».
फिर उनमें यह बात भी उठी कि उनमें से सबसे बड़ा किसे समझा जाये।
وَكَانَتْ بَيْنَهُمْ أَيْضًا مُشَاجَرَةٌ مَنْ مِنْهُمْ يُظَنُّ أَنَّهُ يَكُونُ أَكْبَرَ.
किन्तु यीशु ने उनसे कहा, “गैर यहूदियों के राजा उन पर प्रभुत्व रखते हैं और वे जो उन पर अधिकार का प्रयोग करते हैं, ‘स्वयं को लोगों का उपकारक’ कहलवाना चाहते हैं।
فَقَالَ لَهُمْ:«مُلُوكُ الأُمَمِ يَسُودُونَهُمْ، وَالْمُتَسَلِّطُونَ عَلَيْهِمْ يُدْعَوْنَ مُحْسِنِينَ.
किन्तु तुम वैसै नहीं हो बल्कि तुममें तो सबसे बड़ा सबसे छोटे जैसा होना चाहिये और जो प्रमुख है उसे सेवक के समान होना चाहिए।
وَأَمَّا أَنْتُمْ فَلَيْسَ هكَذَا، بَلِ الْكَبِيرُ فِيكُمْ لِيَكُنْ كَالأَصْغَرِ، وَالْمُتَقَدِّمُ كَالْخَادِمِ.
क्योंकि बड़ा कौन है: वह जो खाने की मेज़ पर बैठा है या वह जो उसे परोसता है? क्या वही नहीं जो मेज पर है किन्तु तुम्हारे बीच मैं वैसा हूँ जो परोसता है।
لأَنْ مَنْ هُوَ أَكْبَرُ: أَلَّذِي يَتَّكِئُ أَمِ الَّذِي يَخْدُمُ؟ أَلَيْسَ الَّذِي يَتَّكِئُ؟ وَلكِنِّي أَنَا بَيْنَكُمْ كَالَّذِي يَخْدُمُ.
“किन्तु तुम वे हो जिन्होंने मेरी परिक्षाओं में मेरा साथ दिया है।
أَنْتُمُ الَّذِينَ ثَبَتُوا مَعِي فِي تَجَارِبِي،
और मैं तुम्हे वैसे ही एक राज्य दे रहा हूँ जैसे मेरे परम पिता ने इसे मुझे दिया था।
وَأَنَا أَجْعَلُ لَكُمْ كَمَا جَعَلَ لِي أَبِي مَلَكُوتًا،
ताकि मेरे राज्य में तुम मेरी मेज़ पर खाओ और पिओ और इस्राएल की बारहों जनजातियों का न्याय करते हुए सिंहासनों पर बैठो।
لِتَأْكُلُوا وَتَشْرَبُوا عَلَى مَائِدَتِي فِي مَلَكُوتِي، وَتَجْلِسُوا عَلَى كَرَاسِيَّ تَدِينُونَ أَسْبَاطَ إِسْرَائِيلَ الاثْنَيْ عَشَرَ».
“शमौन, हे शमौन, सुन, तुम सब को गेहूँ की तरह फटकने के लिए शैतान ने चुन लिया है।
وَقَالَ الرَّبُّ:«سِمْعَانُ، سِمْعَانُ، هُوَذَا الشَّيْطَانُ طَلَبَكُمْ لِكَيْ يُغَرْبِلَكُمْ كَالْحِنْطَةِ!
किन्तु मैंने तुम्हारे लिये प्रार्थना की है कि तुम्हारा विश्वास न डगमगाये और जब तू वापस आये तो तेरे बंधुओं की शक्ति बढ़े।”
وَلكِنِّي طَلَبْتُ مِنْ أَجْلِكَ لِكَيْ لاَ يَفْنَى إِيمَانُكَ. وَأَنْتَ مَتَى رَجَعْتَ ثَبِّتْ إِخْوَتَكَ».
किन्तु शमौन ने उससे कहा, “हे प्रभु, मैं तेरे साथ जेल जाने और मरने तक को तैयार हूँ।”
فَقَالَ لَهُ:«يَارَبُّ، إِنِّي مُسْتَعِدٌّ أَنْ أَمْضِيَ مَعَكَ حَتَّى إِلَى السِّجْنِ وَإِلَى الْمَوْتِ!».
फिर यीशु ने कहा, “पतरस, मैं तुझे बताता हूँ कि आज जब तक मुर्गा बाँग नहीं देगा तब तक तू तीन बार मना नहीं कर लेगा कि तू मुझे जानता है।”
فَقَالَ:«أَقُولُ لَكَ يَابُطْرُسُ: لاَ يَصِيحُ الدِّيكُ الْيَوْمَ قَبْلَ أَنْ تُنْكِرَ ثَلاَثَ مَرَّاتٍ أَنَّكَ تَعْرِفُنِي».
फिर यीशु ने अपने शिष्यो से कहा, “मैंने तुम्हें जब बिना बटुए, बिना थैले या बिना चप्पलों के भेजा था तो क्या तुम्हें किसी वस्तु की कमी रही थी?” उन्होंने कहा, “किसी वस्तु की नहीं।”
ثُمَّ قَالَ لَهُمْ:«حِينَ أَرْسَلْتُكُمْ بِلاَ كِيسٍ وَلاَ مِزْوَدٍ وَلاَ أَحْذِيَةٍ، هَلْ أَعْوَزَكُمْ شَيْءٌ؟» فَقَالُوا: «لاَ».
उसने उनसे कहा, “किन्तु अब जिस किसी के पास भी कोई बटुआ है, वह उसे ले ले और वह थैला भी ले चले। और जिसके पास भी तलवार न हो, वह अपना चोगा तक बेच कर उसे मोल ले ले।
فَقَالَ لَهُمْ:«لكِنِ الآنَ، مَنْ لَهُ كِيسٌ فَلْيَأْخُذْهُ وَمِزْوَدٌ كَذلِكَ. وَمَنْ لَيْسَ لَهُ فَلْيَبِعْ ثَوْبَهُ وَيَشْتَرِ سَيْفًا.
क्योंकि मैं तुम्हें बताता हूँ कि शास्त्र का यह लिखा मुझ पर निश्चय ही पूरा होगा: ‘वह एक अपराधी समझा गया था।’ यशायाह 53:12 हाँ मेरे सम्बन्ध में लिखी गयी यह बात पूरी होने पर आ रही है।”
لأَنِّي أَقُولُ لَكُمْ: إِنَّهُ يَنْبَغِي أَنْ يَتِمَّ فِيَّ أَيْضًا هذَا الْمَكْتُوبُ: وَأُحْصِيَ مَعَ أَثَمَةٍ. لأَنَّ مَا هُوَ مِنْ جِهَتِي لَهُ انْقِضَاءٌ».
वे बोले, “हे प्रभु, देख, यहाँ दो तलवारें हैं।” इस पर उसने उनसे कहा, “बस बहुत है।”
فَقَالُوا: «يَارَبُّ، هُوَذَا هُنَا سَيْفَانِ». فَقَالَ لَهُمْ:«يَكْفِي!».
फिर वह वहाँ से उठ कर नित्य प्रति की तरह जैतून — पर्वत चला गया। और उसके शिष्य भी उसके पीछे पीछे हो लिये। वह जब उस स्थान पर पहुँचा तो उसने उनसे कहा, “प्रार्थना करो कि तुम्हें परीक्षा में न पड़ना पड़े।”
وَخَرَجَ وَمَضَى كَالْعَادَةِ إِلَى جَبَلِ الزَّيْتُونِ، وَتَبِعَهُ أَيْضًا تَلاَمِيذُهُ.
फिर वह वहाँ से उठ कर नित्य प्रति की तरह जैतून — पर्वत चला गया। और उसके शिष्य भी उसके पीछे पीछे हो लिये। वह जब उस स्थान पर पहुँचा तो उसने उनसे कहा, “प्रार्थना करो कि तुम्हें परीक्षा में न पड़ना पड़े।”
وَلَمَّا صَارَ إِلَى الْمَكَانِ قَالَ لَهُمْ:«صَلُّوا لِكَيْ لاَ تَدْخُلُوا فِي تَجْرِبَةٍ».
फिर वह किसी पत्थर को जितनी दूर तक फेंका जा सकता है, लगभग उनसे उतनी दूर अलग चला गया। फिर वह घुटनों के बल झुका और प्रार्थना करने लगा,
وَانْفَصَلَ عَنْهُمْ نَحْوَ رَمْيَةِ حَجَرٍ وَجَثَا عَلَى رُكْبَتَيْهِ وَصَلَّى
“हे परम पिता, यदि तेरी इच्छा हो तो इस प्याले को मुझसे दूर हटा किन्तु फिर भी मेरी नहीं, बल्कि तेरी इच्छा पूरी हो।”
قَائِلاً:«يَا أَبَتَاهُ، إِنْ شِئْتَ أَنْ تُجِيزَ عَنِّي هذِهِ الْكَأْسَ. وَلكِنْ لِتَكُنْ لاَ إِرَادَتِي بَلْ إِرَادَتُكَ».
तभी एक स्वर्गदूत वहाँ प्रकट हुआ और उसे शक्ति प्रदान करने लगा।
وَظَهَرَ لَهُ مَلاَكٌ مِنَ السَّمَاءِ يُقَوِّيهِ.
उधर यीशु बड़ी बेचैनी के साथ और अधिक तीव्रता से प्रार्थना करने लगा। उसका पसीना रक्त की बूँदों के समान धरती पर गिर रहा था।
وَإِذْ كَانَ فِي جِهَادٍ كَانَ يُصَلِّي بِأَشَدِّ لَجَاجَةٍ، وَصَارَ عَرَقُهُ كَقَطَرَاتِ دَمٍ نَازِلَةٍ عَلَى الأَرْضِ.
और जब वह प्रार्थना से उठकर अपने शिष्यों के पास आया तो उसने उन्हें शोक में थक कर सोते हुए पाया।
ثُمَّ قَامَ مِنَ الصَّلاَةِ وَجَاءَ إِلَى تَلاَمِيذِهِ، فَوَجَدَهُمْ نِيَامًا مِنَ الْحُزْنِ.
सो उसने उनसे कहा, “तुम सो क्यों रहे हो? उठो और प्रार्थना करो कि तुम किसी परीक्षा में न पड़ो।”
فَقَالَ لَهُمْ:«لِمَاذَا أَنْتُمْ نِيَامٌ؟ قُومُوا وَصَلُّوا لِئَلاَّ تَدْخُلُوا فِي تَجْرِبَةٍ».
वह अभी बोल ही रहा था कि एक भीड़ आ जुटी। यहूदा नाम का एक व्यक्ति जो बारह शिष्यों में से एक था, उनकी अगुवाई कर रहा था। वह यीशु को चूमने के लिये उसके पास आया।
وَبَيْنَمَا هُوَ يَتَكَلَّمُ إِذَا جَمْعٌ، وَالَّذِي يُدْعَى يَهُوذَا، أَحَدُ الاثْنَيْ عَشَرَ، يَتَقَدَّمُهُمْ، فَدَنَا مِنْ يَسُوعَ لِيُقَبِّلَهُ.
पर यीशु ने उससे कहा, “हे यहूदा, क्या तू एक चुम्बन के द्वारा मनुष्य के पुत्र को धोखे से पकड़वाने जा रहा है।”
فَقَالَ لَهُ يَسُوعُ:«يَا يَهُوذَا، أَبِقُبْلَةٍ تُسَلِّمُ ابْنَ الإِنْسَانِ؟»
जो घटने जा रहा था, उसे देखकर उसके आसपास के लोगों ने कहा, “हे प्रभु, क्या हम तलवार से वार करें?”
فَلَمَّا رَأَى الَّذِينَ حَوْلَهُ مَايَكُونُ، قَالُوا:«يَارَبُّ، أَنَضْرِبُ بِالسَّيْفِ؟»
और उनमें से एक ने तो प्रमुख याजक के दास पर वार करके उसका दाहिना कान ही काट डाला।
وَضَرَبَ وَاحِدٌ مِنْهُمْ عَبْدَ رَئِيسِ الْكَهَنَةِ فَقَطَعَ أُذْنَهُ الْيُمْنَى.
किन्तु यीशु ने तुरंत कहा, “उन्हें यह भी करने दो।” फिर यीशु ने उसके कान को छू कर चंगा कर दिया।
فَأَجَابَ يَسُوعُ وقَالَ:«دَعُوا إِلَى هذَا!» وَلَمَسَ أُذْنَهُ وَأَبْرَأَهَا.
फिर यीशु ने उस पर चढ़ाई करने आये प्रमुख याजकों, मन्दिर के अधिकारियों और बुजुर्ग यहूदी नेताओं से कहा, “क्या तुम तलवारें और लाठियाँ ले कर किसी डाकू का सामना करने निकले हो?
ثُمَّ قَالَ يَسُوعُ لِرُؤَسَاءِ الْكَهَنَةِ وَقُوَّادِ جُنْدِ الْهَيْكَلِ وَالشُّيُوخِ الْمُقْبِلِينَ عَلَيْهِ:«كَأَنَّهُ عَلَى لِصٍّ خَرَجْتُمْ بِسُيُوفٍ وَعِصِيٍّ!
मन्दिर में मैं हर दिन तुम्हारे ही साथ था, किन्तु तुमने मुझ पर हाथ नहीं डाला। पर यह समय तुम्हारा है। अन्धकार के शासन का काल।”
إِذْ كُنْتُ مَعَكُمْ كُلَّ يَوْمٍ فِي الْهَيْكَلِ لَمْ تَمُدُّوا عَلَيَّ الأَيَادِيَ. وَلكِنَّ هذِهِ سَاعَتُكُمْ وَسُلْطَانُ الظُّلْمَةِ».
उन्होंने उसे बंदी बना लिया और वहाँ से ले गये। फिर वे उसे प्रमुख याजक के घर ले गये। पतरस कुछ दूरी पर उसके पीछे पीछे आ रहा था।
فَأَخَذُوهُ وَسَاقُوهُ وَأَدْخَلُوهُ إِلَى بَيْتِ رَئِيسِ الْكَهَنَةِ. وَأَمَّا بُطْرُسُ فَتَبِعَهُ مِنْ بَعِيدٍ.
आँगन के बीच उन्होंने आग सुलगाई और एक साथ नीचे बैठ गये। पतरस भी वही उन्हीं में बैठा था।
وَلَمَّا أَضْرَمُوا نَارًا فِي وَسْطِ الدَّارِ وَجَلَسُوا مَعًا، جَلَسَ بُطْرُسُ بَيْنَهُمْ.
आग के प्रकाश में एक दासी ने उसे वहाँ बैठे देखा। उसने उस पर दृष्टि गढ़ाते हुए कहा, “यह आदमी भी उसके साथ था।”
فَرَأَتْهُ جَارِيَةٌ جَالِسًا عِنْدَ النَّارِ فَتَفَرَّسَتْ فيهِ وَقَالَتْ:«وَهذَا كَانَ مَعَهُ!».
किन्तु पतरस ने इन्कार करते हुए कहा, “हे स्त्री, मैं उसे नहीं जानता।”
فَأَنْكَرَهُ قَائِلاً:«لَسْتُ أَعْرِفُهُ يَا امْرَأَةُ!»
थोड़ी देर बाद एक दूसरे व्यक्ति ने उसे देखा और कहा, “तू भी उन्हीं में से एक है।” किन्तु पतरस बोला, “भले आदमी, मैं वह नहीं हूँ।”
وَبَعْدَ قَلِيل رَآهُ آخَرُ وَقَالَ:«وَأَنْتَ مِنْهُمْ!» فَقَالَ بُطْرُسُ: «يَا إِنْسَانُ، لَسْتُ أَنَا!»
कोई लगभग एक घड़ी बीती होगी कि कोई और भी बलपूर्वक कहने लगा, “निश्चय ही यह व्यक्ति उसके साथ भी था। क्योंकि देखो यह गलील वासी भी है।”
وَلَمَّا مَضَى نَحْوُ سَاعَةٍ وَاحِدَةٍ أَكَّدَ آخَرُ قَائِلاً:«بِالْحَقِّ إِنَّ هذَا أَيْضًا كَانَ مَعَهُ، لأَنَّهُ جَلِيلِيٌّ أَيْضًا!».
किन्तु पतरस बोला, “भले आदमी, मैं नहीं जानता तू किसके बारे में बात कर रहा है।” उसी घड़ी, वह अभी बातें कर ही रहा था कि एक मुर्गे ने बाँग दी।
فَقَالَ بُطْرُسُ:«يَا إِنْسَانُ، لَسْتُ أَعْرِفُ مَا تَقُولُ!». وَفِي الْحَالِ بَيْنَمَا هُوَ يَتَكَلَّمُ صَاحَ الدِّيكُ.
और प्रभु ने मुड़ कर पतरस पर दृष्टि डाली। तभी पतरस को प्रभु का वह वचन याद आया जो उसने उससे कहा था, “आज मुर्गे के बाँग देने से पहले तू मुझे तीन बार नकार चुकेगा।”
فَالْتَفَتَ الرَّبُّ وَنَظَرَ إِلَى بُطْرُسَ، فَتَذَكَّرَ بُطْرُسُ كَلاَمَ الرَّبِّ، كَيْفَ قَالَ لَهُ:«إِنَّكَ قَبْلَ أَنْ يَصِيحَ الدِّيكُ تُنْكِرُنِي ثَلاَثَ مَرَّاتٍ».
तब वह बाहर चला आया और फूट-फूट कर रो पड़ा।
فَخَرَجَ بُطْرُسُ إِلَى خَارِجٍ وَبَكَى بُكَاءً مُرًّا.
जिन व्यक्तियों ने यीशु को पकड़ रखा था वे उसका उपहास करने और उसे पीटने लगे।
وَالرِّجَالُ الَّذِينَ كَانُوا ضَابِطِينَ يَسُوعَ كَانُوا يَسْتَهْزِئُونَ بِهِ وَهُمْ يَجْلِدُونَهُ،
उसकी आँखों पर पट्टी बाँध दी और उससे यह कहते हुए पूछने लगे कि, “बता वह कौन है जिसने तुझे मारा?”
وَغَطَّوْهُ وَكَانُوا يَضْرِبُونَ وَجْهَهُ وَيَسْأَلُونَهُ قَائِلِينَ:«تَنَبَّأْ! مَنْ هُوَ الَّذِي ضَرَبَكَ؟»
उन्होंने उसका अपमान करने के लिये उससे और भी बहुत सी बातें कहीं।
وَأَشْيَاءَ أُخَرَ كَثِيرَةً كَانُوا يَقُولُونَ عَلَيْهِ مُجَدِّفِينَ.
जब दिन हुआ तो प्रमुख याजकों और धर्मशास्त्रियों समेत लोगों के बुजुर्ग नेताओं की एक सभा हुई। फिर वे लोग उसे अपनी महासभा में ले गये।
وَلَمَّا كَانَ النَّهَارُ اجْتَمَعَتْ مَشْيَخَةُ الشَّعْبِ: رُؤَسَاءُ الْكَهَنَةِ وَالْكَتَبَةُ، وَأَصْعَدُوهُ إِلَى مَجْمَعِهِمْ
उन्होंने पूछा, “हमें बता क्या तू मसीह है?” यीशु ने उनसे कहा, “यदि मैं तुमसे कहूँ तो तुम मेरा विश्वास नहीं करोगे।
قَائِلِينَ:«إِنْ كُنْتَ أَنْتَ الْمسِيحَ، فَقُلْ لَنَا!». فَقَالَ لَهُمْ:«إِنْ قُلْتُ لَكُمْ لاَ تُصَدِّقُونَ،
और यदि मैं पूछूँ तो तुम उत्तर नहीं दोगे।
وَإِنْ سَأَلْتُ لاَ تُجِيبُونَنِي وَلاَ تُطْلِقُونَنِي.
किन्तु अब से मनुष्य का पुत्र सर्वशक्तिमान परमेश्वर की दाहिनी ओर बैठाया जायेगा।”
مُنْذُ الآنَ يَكُونُ ابْنُ الإِنْسَانِ جَالِسًا عَنْ يَمِينِ قُوَّةِ اللهِ».
वे सब बोले, “तो क्या तू परमेश्वर का पुत्र है?” उसने कहा, “हाँ, मैं हूँ।”
فَقَالَ الْجَمِيعُ:«أَفَأَنْتَ ابْنُ اللهِ؟» فَقَالَ لَهُمْ: «أَنْتُمْ تَقُولُونَ إِنِّي أَنَا هُوَ».
फिर उन्होंने कहा, “अब हमें किसी और प्रमाण की आवश्यकता क्यों है? हमने स्वयं इसके अपने मुँह से यह सुन तो लिया है।”
فَقَالُوا:«مَا حَاجَتُنَا بَعْدُ إِلَى شَهَادَةٍ؟ لأَنَّنَا نَحْنُ سَمِعْنَا مِنْ فَمِهِ».