Luke 11

अब ऐसा हुआ कि यीशु कहीं प्रार्थना कर रहा था। जब वह प्रार्थना समाप्त कर चुका तो उसके एक शिष्य ने उससे कहा, “हे प्रभु, हमें सिखा कि हम प्रार्थना कैसे करें। जैसा कि यूहन्ना ने अपने शिष्यों को सिखाया था।”
وَإِذْ كَانَ يُصَلِّي فِي مَوْضِعٍ، لَمَّا فَرَغَ، قَالَ وَاحِدٌ مِنْ تَلاَمِيذِهِ: «يَارَبُّ، عَلِّمْنَا أَنْ نُصَلِّيَ كَمَا عَلَّمَ يُوحَنَّا أَيْضًا تَلاَمِيذَهُ».
इस पर वह उनसे बोला, “तुम प्रार्थना करो, तो कहो: ‘हे पिता, तेरा नाम पवित्र माना जाए। तेरा राज्य आवे,
فَقَالَ لَهُمْ:«مَتَى صَلَّيْتُمْ فَقُولُوا: أَبَانَا الَّذِي فِي السَّمَاوَاتِ، لِيَتَقَدَّسِ اسْمُكَ، لِيَأْتِ مَلَكُوتُكَ، لِتَكُنْ مَشِيئَتُكَ كَمَا فِي السَّمَاءِ كَذلِكَ عَلَى الأَرْضِ.
हमारी दिन भर की रोटी प्रतिदिन दिया कर।
خُبْزَنَا كَفَافَنَا أَعْطِنَا كُلَّ يَوْمٍ،
हमारे अपराध क्षमा कर, क्योंकि हमने भी अपने अपराधी को क्षमा किये, और हमें कठिन परीक्षा में मत पड़ने दे।’”
وَاغْفِرْ لَنَا خَطَايَانَا لأَنَّنَا نَحْنُ أَيْضًا نَغْفِرُ لِكُلِّ مَنْ يُذْنِبُ إِلَيْنَا، وَلاَ تُدْخِلْنَا فِي تَجْرِبَةٍ لكِنْ نَجِّنَا مِنَ الشِّرِّيرِ».
फिर उसने उनसे कहा, “मानो, तुममें से किसी का एक मित्र है, सो तुम आधी रात उसके पास जाकर कहते हो, ‘हे मित्र मुझे तीन रोटियाँ दे। क्योंकि मेरा एक मित्र अभी-अभी यात्रा से मेरे पास आया है और मेरे पास उसके सामने परोसने के लिये कुछ भी नहीं है।’
ثُمَّ قَالَ لَهُمْ:«مَنْ مِنْكُمْ يَكُونُ لَهُ صَدِيقٌ، وَيَمْضِي إِلَيْهِ نِصْفَ اللَّيْلِ، وَيَقُولُ لَهُ يَاصَدِيقُ، أَقْرِضْنِي ثَلاَثَةَ أَرْغِفَةٍ،
फिर उसने उनसे कहा, “मानो, तुममें से किसी का एक मित्र है, सो तुम आधी रात उसके पास जाकर कहते हो, ‘हे मित्र मुझे तीन रोटियाँ दे। क्योंकि मेरा एक मित्र अभी-अभी यात्रा से मेरे पास आया है और मेरे पास उसके सामने परोसने के लिये कुछ भी नहीं है।’
لأَنَّ صَدِيقًا لِي جَاءَنِي مِنْ سَفَرٍ، وَلَيْسَ لِي مَا أُقَدِّمُ لَهُ.
और कल्पना करो उस व्यक्ति ने भीतर से उत्तर दिया, ‘मुझे तंग मत कर, द्वार बंद हो चुका है, बिस्तर में मेरे साथ मेरे बच्चे हैं, सो तुझे कुछ भी देने मैं खड़ा नहीं हो सकता।’
فَيُجِيبَ ذلِكَ مِنْ دَاخِل وَيَقُولَ: لاَ تُزْعِجْنِي! اَلْبَابُ مُغْلَقٌ الآنَ، وَأَوْلاَدِي مَعِي فِي الْفِرَاشِ. لاَ أَقْدِرُ أَنْ أَقُومَ وَأُعْطِيَكَ.
मैं तुम्हें बताता हूँ वह यद्यपि नहीं उठेगा और तुम्हें कुछ नहीं देगा, किन्तु फिर भी क्योंकि वह तुम्हारा मित्र है, सो तुम्हारे निरन्तर, बिना संकोच माँगते रहने से वह खड़ा होगा और तुम्हारी आवश्यकता भर, तुम्हें देगा।
أَقُولُ لَكُمْ: وَإِنْ كَانَ لاَ يَقُومُ وَيُعْطِيهِ لِكَوْنِهِ صَدِيقَهُ، فَإِنَّهُ مِنْ أَجْلِ لَجَاجَتِهِ يَقُومُ وَيُعْطِيهِ قَدْرَ مَا يَحْتَاجُ.
और इसीलिये मैं तुमसे कहता हूँ माँगो, तुम्हें दिया जाएगा। खोजो, तुम पाओगे। खटखटाओ, तुम्हारे लिए द्वार खोल दिया जायेगा।
وَأَنَا أَقُولُ لَكُمُ: اسْأَلُوا تُعْطَوْا، اُطْلُبُوا تَجِدُوا، اِقْرَعُوا يُفْتَحْ لَكُمْ.
क्योंकि हर कोई जो माँगता है, पाता है। जो खोजता है, उसे मिलता है। और जो खटखटाता है, उसके लिए द्वार खोल दिया जाता है।
لأَنَّ كُلَّ مَنْ يَسْأَلُ يَأْخُذُ، وَمَنْ يَطْلُبُ يَجِدُ، وَمَنْ يَقْرَعُ يُفْتَحُ لَهُ.
तुममें ऐसा पिता कौन होगा जो यदि उसका पुत्र मछली माँगे, तो मछली के स्थान पर उसे साँप थमा दे
فَمَنْ مِنْكُمْ، وَهُوَ أَبٌ، يَسْأَلُهُ ابْنُهُ خُبْزًا، أَفَيُعْطِيهِ حَجَرًا؟ أَوْ سَمَكَةً، أَفَيُعْطِيهِ حَيَّةً بَدَلَ السَّمَكَةِ؟
और यदि वह अण्डा माँगे तो उसे बिच्छू दे दे।
أَوْ إِذَا سَأَلَهُ بَيْضَةً، أَفَيُعْطِيهِ عَقْرَبًا؟
सो बुरे होते हूए भी जब तुम जानते हो कि अपने बच्चों को उत्तम उपहार कैसे दिये जाते हैं, तो स्वर्ग में स्थित परम पिता, जो उससे माँगते हैं, उन्हें पवित्र आत्मा कितना अधिक देगा।”
فَإِنْ كُنْتُمْ وَأَنْتُمْ أَشْرَارٌ تَعْرِفُونَ أَنْ تُعْطُوا أَوْلاَدَكُمْ عَطَايَا جَيِّدَةً، فَكَمْ بِالْحَرِيِّ الآبُ الَّذِي مِنَ السَّمَاءِ، يُعْطِي الرُّوحَ الْقُدُسَ لِلَّذِينَ يَسْأَلُونَهُ؟».
फिर जब यीशु एक गूँगा बना डालने वाली दुष्टात्मा को निकाल रहा था तो ऐसा हुआ कि जैसे ही वह दुष्टात्मा बाहर निकली, तो वह गूँगा, बोलने लगा। भीड़ के लोग इससे बहुत चकित हुए।
وَكَانَ يُخْرِجُ شَيْطَانًا، وَكَانَ ذلِكَ أَخْرَسَ. فَلَمَّا أُخْرِجَ الشَّيْطَانُ تَكَلَّمَ الأَخْرَسُ، فَتَعَجَّبَ الْجُمُوعُ.
किन्तु उनमें से कुछ ने कहा, “यह दैत्यों के शासक बैल्ज़ाबुल की सहायता से दुष्टात्माओं को निकालता है।”
وَأَمَّا قَوْمٌ مِنْهُمْ فَقَالُوا:«بِبَعْلَزَبُولَ رَئِيسِ الشَّيَاطِينِ يُخْرِجُ الشَّيَاطِينَ».
किन्तु औरों ने उसे परखने के लिये किसी स्वर्गीय चिन्ह की माँग की।
وَآخَرُونَ طَلَبُوا مِنْهُ آيَةً مِنَ السَّمَاءِ يُجَرِّبُونَهُ.
किन्तु यीशु जान गया कि उनके मनों में क्या है। सो वह उनसे बोला, “वह राज्य जिसमें अपने भीतर ही फूट पड़ जाये, नष्ट हो जाता है और ऐसे ही किसी घर का भी फूट पड़ने पर उसका नाश हो जाता है।
فَعَلِمَ أَفْكَارَهُمْ، وَقَالَ لَهُمْ:«كُلُّ مَمْلَكَةٍ مُنْقَسِمَةٍ عَلَى ذَاتِهَا تَخْرَبُ، وَبَيْتٍ مُنْقَسِمٍ عَلَى بَيْتٍ يَسْقُطُ.
यदि शैतान अपने ही विरुद्ध फूट पड़े तो उसका राज्य कैसे टिक सकता है? यह मैंने तुमसे इसलिये पूछा है कि तुम कहते हो कि मैं बैल्ज़ाबुल की सहायता से दुष्टात्माओं को निकालता हूँ।
فَإِنْ كَانَ الشَّيْطَانُ أَيْضًا يَنْقَسِمُ عَلَى ذَاتِهِ، فَكَيْفَ تَثْبُتُ مَمْلَكَتُهُ؟ لأَنَّكُمْ تَقُولُونَ: إِنِّي بِبَعْلَزَبُولَ أُخْرِجُ الشَّيَاطِينَ.
किन्तु यदि मैं बैल्ज़ाबुल की सहायता से दुष्टात्माओं को निकालता हूँ तो तुम्हारे अनुयायी उन्हें किसकी सहायता से निकालते हैं? सो तुझे तेरे अपने लोग ही अनुचित सिद्ध करेंगे।
فَإِنْ كُنْتُ أَنَا بِبَعْلَزَبُولَ أُخْرِجُ الشَّيَاطِينَ، فَأَبْنَاؤُكُمْ بِمَنْ يُخْرِجُونَ؟ لِذلِكَ هُمْ يَكُونُونَ قُضَاتَكُمْ!
किन्तु यदि मैं दुष्टात्माओं को परमेश्वर की शक्ति से निकालता हूँ तो यह स्पष्ट है कि परमेश्वर का राज्य तुम तक आ पहुँचा है!
وَلكِنْ إِنْ كُنْتُ بِأَصْبعِ اللهِ أُخْرِجُ الشَّيَاطِينَ، فَقَدْ أَقْبَلَ عَلَيْكُمْ مَلَكُوتُ اللهِ.
“जब एक शक्तिशाली मनुष्य पूरी तरह हथियार कसे अपने घर की रक्षा करता है तो उसकी सम्पत्ति सुरक्षित रहती है।
حِينَمَا يَحْفَظُ الْقَوِيُّ دَارَهُ مُتَسَلِّحًا،تَكُونُ أَمْوَالُهُ فِي أَمَانٍ.
किन्तु जब कभी कोई उससे अधिक शक्तिशाली उस पर हमला कर उसे हरा देता है तो वह उसके सभी हथियारों को, जिन पर उसे भरोसा था, उससे छीन लेता है और लूट के माल को वे आपस में बाँट लेते हैं।
وَلكِنْ مَتَى جَاءَ مَنْ هُوَ أَقْوَى مِنْهُ فَإِنَّهُ يَغْلِبُهُ، وَيَنْزِعُ سِلاَحَهُ الْكَامِلَ الَّذِي اتَّكَلَ عَلَيْهِ، وَيُوَزِّعُ غَنَائِمَهُ.
“जो मेरे साथ नहीं है, मेरे विरोध में है और वह जो मेरे साथ बटोरता नहीं है, बिखेरता है।
مَنْ لَيْسَ مَعِي فَهُوَ عَلَيَّ، وَمَنْ لاَ يَجْمَعُ مَعِي فَهُوَ يُفَرِّقُ.
“जब कोई दुष्टात्मा किसी मनुष्य से बाहर निकलती है तो विश्राम को खोजते हुए सूखे स्थानों से होती हुई जाती हैं और जब उसे आराम नहीं मिलता तो वह कहती हैं, ‘मैं अपने उसी घर लौटूँगी जहाँ से गयी हूँ।’
مَتَى خَرَجَ الرُّوحُ النَّجِسُ مِنَ الإِنْسَانِ، يَجْتَازُ فِي أَمَاكِنَ لَيْسَ فِيهَا مَاءٌ يَطْلُبُ رَاحَةً، وَإِذْ لاَ يَجِدُ يَقُولُ: أَرْجِعُ إِلَى بَيْتِي الَّذِي خَرَجْتُ مِنْهُ.
और वापस जाकर वह उसे साफ़ सुथरा और व्यवस्थित पाती है।
فَيَأْتِي وَيَجِدُهُ مَكْنُوسًا مُزَيَّنًا.
फिर वह जाकर अपने से भी अधिक दुष्ट अन्य सात दुष्टात्माओं को वहाँ लाती है। फिर वे उसमें जाकर रहने लगती हैं। इस प्रकार उस व्यक्ति की बाद की यह स्थिति पहली स्थिति से भी अधिक बुरी हो जाती है।”
ثُمَّ يَذْهَبُ وَيَأْخُذُ سَبْعَةَ أَرْوَاحٍ أُخَرَ أَشَرَّ مِنْهُ، فَتَدْخُلُ وَتَسْكُنُ هُنَاكَ، فَتَصِيرُ أَوَاخِرُ ذلِكَ الإِنْسَانِ أَشَرَّ مِنْ أَوَائِلِهِ!».
फिर ऐसा हुआ कि जैसे ही यीशु ने ये बातें कहीं, भीड़ में से एक स्त्री उठी और ऊँचे स्वर में बोली, “वह गर्भ धन्य है, जिसने तुझे धारण किया। वे स्तन धन्य है, जिनका तूने पान किया है।”
وَفِيمَا هُوَ يَتَكَلَّمُ بِهذَا، رَفَعَتِ امْرَأَةٌ صَوْتَهَا مِنَ الْجَمْعِ وَقَالَتْ لَهُ:«طُوبَى لِلْبَطْنِ الَّذِي حَمَلَكَ وَالثَّدْيَيْنِ اللَّذَيْنِ رَضِعْتَهُمَا».
इस पर उसने कहा, “धन्य तो बल्कि वे हैं जो परमेश्वर का वचन सुनते हैं और उस पर चलते हैं!”
أَمَّا هُوَ فَقَالَ:«بَلْ طُوبَى لِلَّذِينَ يَسْمَعُونَ كَلاَمَ اللهِ وَيَحْفَظُونَهُ».
जैसे जैसे भीड़ बढ़ रही थी, वह कहने लगा, “यह एक दुष्ट पीढ़ी है। यह कोई चिन्ह देखना चाहती है। किन्तु इसे योना कि चिन्ह के सिवा और कोई चिन्ह नहीं दिया जायेगा।
وَفِيمَا كَانَ الْجُمُوعُ مُزْدَحِمِينَ، ابْتَدَأَ يَقُولُ:«هذَا الْجِيلُ شِرِّيرٌ. يَطْلُبُ آيَةً، وَلاَ تُعْطَى لَهُ آيَةٌ إِلاَّ آيَةُ يُونَانَ النَّبِيِّ.
क्योंकि जैसे नीनवे के लोगों के लिए योना चिन्ह बना, वैसे ही इस पीढ़ी के लिये मनुष्य का पुत्र भी चिन्ह बनेगा।
لأَنَّهُ كَمَا كَانَ يُونَانُ آيَةً لأَهْلِ نِينَوَى، كَذلِكَ يَكُونُ ابْنُ الإِنْسَانِ أَيْضًا لِهذَا الْجِيلِ.
“दक्षिण की रानी न्याय के दिन प्रकट होकर इस पीढ़ी के लोगों पर अभियोग लगायेगी और उन्हें दोषी ठहरायेगी क्योंकि वह धरती के दूसरे छोरों से सुलैमान का ज्ञान सुनने को आयी और अब देखो यहाँ तो कोई सुलैमान से भी बड़ा है।
مَلِكَةُ التَّيْمَنِ سَتَقُومُ فِي الدِّينِ مَعَ رِجَالِ هذَا الْجِيلِ وَتَدِينُهُمْ، لأَنَّهَا أَتَتْ مِنْ أَقَاصِي الأَرْضِ لِتَسْمَعَ حِكْمَةَ سُلَيْمَانَ، وَهُوَذَا أَعْظَمُ مِنْ سُلَيْمَانَ ههُنَا!
“नीनवे के लोग न्याय के दिन इस पीढ़ी के लोगों के विरोध में खड़े होकर उन पर दोष लगायेंगे क्योंकि उन्होंने योना के उपदेश को सुन कर मन फिराया था। और देखो अब तो योना से भी महान कोई यहाँ है!
رِجَالُ نِينَوَى سَيَقُومُونَ فِي الدِّينِ مَعَ هذَا الْجِيلِ وَيَدِينُونَهُ، لأَنَّهُمْ تَابُوا بِمُنَادَاةِ يُونَانَ، وَهُوَذَا أَعْظَمُ مِنْ يُونَانَ ههُنَا!
“दीपक जलाकर कोई भी उसे किसी छिपे स्थान या किसी बर्तन के भीतर नहीं रखता, बल्कि वह इसे दीवट पर रखता है ताकि जो भीतर आयें प्रकाश देख सकें।
«لَيْسَ أَحَدٌ يُوقِدُ سِرَاجًا وَيَضَعُهُ فِي خِفْيَةٍ، وَلاَ تَحْتَ الْمِكْيَالِ، بَلْ عَلَى الْمَنَارَةِ، لِكَيْ يَنْظُرَ الدَّاخِلُونَ النُّورَ.
तुम्हारी देह का दीपक तुम्हारी आँखें हैं, सो यदि आँखें साफ हैं तो सारी देह प्रकाश से भरी है किन्तु, यदि ये बुरी हैं तो तुम्हारी देह अंधकारमय हो जाती है।
سِرَاجُ الْجَسَدِ هُوَ الْعَيْنُ، فَمَتَى كَانَتْ عَيْنُكَ بَسِيطَةً فَجَسَدُكَ كُلُّهُ يَكُونُ نَيِّرًا، وَمَتَى كَانَتْ شِرِّيرَةً فَجَسَدُكَ يَكُونُ مُظْلِمًا.
सो ध्यान रहे कि तुम्हारे भीतर का प्रकाश अंधकार नहीं है।
اُنْظُرْ إِذًا لِئَلاَّ يَكُونَ النُّورُ الَّذِي فِيكَ ظُلْمَةً.
अतः यदि तुम्हारा सारा शरीर प्रकाश से परिपूर्ण है और इसका कोई भी अंग अंधकारमय नहीं है तो वह पूरी तरह ऐसे चमकेगा मानो कोई दीपक तुम पर अपनी किरणों में चमक रहा हो।”
فَإِنْ كَانَ جَسَدُكَ كُلُّهُ نَيِّرًا لَيْسَ فِيهِ جُزْءٌ مُظْلِمٌ، يَكُونُ نَيِّرًا كُلُّهُ، كَمَا حِينَمَا يُضِيءُ لَكَ السِّرَاجُ بِلَمَعَانِهِ».
यीशु ने जब अपनी बात समाप्त की तो एक फ़रीसी ने उससे अपने साथ भोजन करने का आग्रह किया। सो वह भीतर जाकर भोजन करने बैठ गया।
وَفِيمَا هُوَ يَتَكَلَّمُ سَأَلَهُ فَرِّيسِيٌّ أَنْ يَتَغَدَّى عِنْدَهُ، فَدَخَلَ وَاتَّكَأَ.
किन्तु जब उस फ़रीसी ने यह देखा कि भोजन करने से पहले उसने अपने हाथ नहीं धोये तो उसे बड़ा आश्चर्य हुआ।
وَأَمَّا الْفَرِّيسِيُّ فَلَمَّا رَأَى ذلِكَ تَعَجَّبَ أَنَّهُ لَمْ يَغْتَسِلْ أَوَّلاً قَبْلَ الْغَدَاءِ.
इस पर प्रभु ने उनसे कहा, “अब देखो तुम फ़रीसी थाली और कटोरी को बस बाहर से तो माँजते हो पर भीतर से तुम लोग लालच और दुष्टता से भरे हो।
فَقَالَ لَهُ الرَّبُّ:«أَنْتُمُ الآنَ أَيُّهَا الْفَرِّيسِيُّونَ تُنَقُّونَ خَارِجَ الْكَأْسِ وَالْقَصْعَةِ، وَأَمَّا بَاطِنُكُمْ فَمَمْلُوءٌ اخْتِطَافًا وَخُبْثًا.
अरे मूर्ख लोगों! क्या जिसने बाहरी भाग को बनाया, वही भीतरी भाग को भी नहीं बनाता?
يَا أَغْبِيَاءُ، أَلَيْسَ الَّذِي صَنَعَ الْخَارِجَ صَنَعَ الدَّاخِلَ أَيْضًا؟
इसलिए जो कुछ भीतर है, उसे दीनों को दे दे। फिर तेरे लिए सब कुछ पवित्र हो जायेगा।
بَلْ أَعْطُوا مَا عِنْدَكُمْ صَدَقَةً، فَهُوَذَا كُلُّ شَيْءٍ يَكُونُ نَقِيًّا لَكُمْ.
“ओ फरीसियों! तुम्हें धिक्कार है क्योंकि तुम अपने पुदीने और सुदाब बूटी और हर किसी जड़ी बूटी का दसवाँ हिस्सा तो अर्पित करते हो किन्तु परमेश्वर के लिये प्रेम और न्याय की उपेक्षा करते हो। किन्तु इन बातों को तुम्हें उन बातों की उपेक्षा किये बिना करना चाहिये था।
وَلكِنْ وَيْلٌ لَكُمْ أَيُّهَا الْفَرِّيسِيُّونَ! لأَنَّكُمْ تُعَشِّرُونَ النَّعْنَعَ وَالسَّذَابَ وَكُلَّ بَقْل، وَتَتَجَاوَزُونَ عَنِ الْحَقِّ وَمَحَبَّةِ اللهِ. كَانَ يَنْبَغِي أَنْ تَعْمَلُوا هذِهِ وَلاَ تَتْرُكُوا تِلْكَ.
“ओ फरीसियों, तुम्हें धिक्कार है! क्योंकि तुम यहूदी आराधनालयों में अत्यन्त महत्त्वपूर्ण आसन चाहते हो और बाज़ारों में सम्मानपूर्ण नमस्कार लेना तुम्हें भाता है।
وَيْلٌ لَكُمْ أَيُّهَا الْفَرِّيسِيُّونَ! لأَنَّكُمْ تُحِبُّونَ الْمَجْلِسَ الأَوَّلَ فِي الْمَجَامِعِ، وَالتَّحِيَّاتِ فِي الأَسْوَاقِ.
तुम्हें धिक्कार है क्योंकि तुम बिना किसी पहचान की उन कब्रों के समान हो जिन पर लोग अनजाने ही चलते हैं।”
وَيْلٌ لَكُمْ أَيُّهَا الْكَتَبَةُ وَالْفَرِّيسِيُّونَ الْمُرَاؤُونَ! لأَنَّكُمْ مِثْلُ الْقُبُورِ الْمُخْتَفِيَةِ، وَالَّذِينَ يَمْشُونَ عَلَيْهَا لاَ يَعْلَمُونَ!».
तब एक न्यायशास्त्री ने यीशु से कहा, “गुरु, जब तू ऐसी बातें कहता है तो हमारा भी अपमान करता है।”
فَأجَابَ وَاحِدٌ مِنَ النَّامُوسِيِّينَ وَقالَ لَهُ: «يَامُعَلِّمُ، حِينَ تَقُولُ هذَا تَشْتُمُنَا نَحْنُ أَيْضًا!».
इस पर यीशु ने कहा, “ओ न्यायशास्त्रियों! तुम्हें धिक्कार है। क्योंकि तुम लोगों पर ऐसे बोझ लादते हो जिन्हें उठाना कठिन है। और तुम स्वयं उन बोझों को एक उँगली तक से छूना भर नहीं चाहते।
فَقَالَ:«وَوَيْلٌ لَكُمْ أَنْتُمْ أَيُّهَا النَّامُوسِيُّونَ! لأَنَّكُمْ تُحَمِّلُونَ النَّاسَ أَحْمَالاً عَسِرَةَ الْحَمْلِ وَأَنْتُمْ لاَ تَمَسُّونَ الأَحْمَالَ بِإِحْدَى أَصَابِعِكُمْ.
तुम्हें धिक्कार है क्योंकि तुम नबियों के लिये कब्रें बनाते हो जबकि वे तुम्हारे पूर्वज ही थे जिन्होंने उनकी हत्या की।
وَيْلٌ لَكُمْ! لأَنَّكُمْ تَبْنُونَ قُبُورَ الأَنْبِيَاءِ، وَآبَاؤُكُمْ قَتَلُوهُمْ.
इससे तुम यह दिखाते हो कि तुम अपने पूर्वजों के उन कामों का समर्थन करते हो। क्योंकि उन्होंने तो उन्हें मारा और तुमने उनकी कब्रें बनाईं।
إِذًا تَشْهَدُونَ وَتَرْضَوْنَ بِأَعْمَالِ آبَائِكُمْ، لأَنَّهُمْ هُمْ قَتَلُوهُمْ وَأَنْتُمْ تَبْنُونَ قُبُورَهُمْ.
इसलिए परमेश्वर के ज्ञान ने भी कहा, ‘मैं नबियों और प्रेरितों को भी उनके पास भेजूँगा। फिर कुछ को तो वे मार डालेंगे और कुछ को यातनाएँ देंगे।’
لِذلِكَ أَيْضًا قَالَتْ حِكْمَةُ اللهِ: إِنِّي أُرْسِلُ إِلَيْهِمْ أَنْبِيَاءَ وَرُسُلاً، فَيَقْتُلُونَ مِنْهُمْ وَيَطْرُدُونَ
“इसलिए संसार के प्रारम्भ से जितने भी नबियों का खून बहाया गया है, उसका हिसाब इस पीढ़ी के लोगों से चुकता किया जायेगा।
لِكَيْ يُطْلَبَ مِنْ هذَا الْجِيلِ دَمُ جَمِيعِ الأَنْبِيَاءِ الْمُهْرَقُ مُنْذُ إِنْشَاءِ الْعَالَمِ،
यानी हाबिल की हत्या से लेकर जकरयाह की हत्या तक का हिसाब, जो परमेश्वर के मन्दिर और वेदी के बीच की गयी थीं। हाँ, मैं तुमसे कहता हूँ इस पीढ़ी के लोगों को इसके लिए लेखा जोखा देना ही होगा।
مِنْ دَمِ هَابِيلَ إِلَى دَمِ زَكَرِيَّا الَّذِي أُهْلِكَ بَيْنَ الْمَذْبَحِ وَالْبَيْتِ. نَعَمْ، أَقُولُ لَكُمْ: إِنَّهُ يُطْلَبُ مِنْ هذَا الْجِيلِ!
“हे न्यायशास्त्रियों, तुम्हें धिक्कार है, क्योंकि तुमने ज्ञान की कुंजी ले तो ली है। पर उसमें न तो तुमने खुद प्रवेश किया और जो प्रवेश करने का जतन कर रहे थे उनको भी तुमने बाधा पहुँचाई।”
وَيْلٌ لَكُمْ أَيُّهَا النَّامُوسِيُّونَ! لأَنَّكُمْ أَخَذْتُمْ مِفْتَاحَ الْمَعْرِفَةِ. مَا دَخَلْتُمْ أَنْتُمْ، وَالدَّاخِلُونَ مَنَعْتُمُوهُمْ».
और फिर जब यीशु वहाँ से चला गया तो वे धर्मशास्त्री और फ़रीसी उससे घोर शत्रुता रखने लगे। बहुत सी बातों के बारे में वे उससे तीखे प्रश्न पूछने लगे।
وَفِيمَا هُوَ يُكَلِّمُهُمْ بِهذَا، ابْتَدَأَ الْكَتَبَةُ وَالْفَرِّيسِيُّونَ يَحْنَقُونَ جِدًّا، وَيُصَادِرُونَهُ عَلَى أُمُورٍ كَثِيرَةٍ،
क्योंकि वे उसे उसकी कही किसी बात से फँसाने की टोह में लगे थे।
وَهُمْ يُرَاقِبُونَهُ طَالِبِينَ أَنْ يَصْطَادُوا شَيْئًا مِنْ فَمِهِ لِكَيْ يَشْتَكُوا عَلَيْهِ.