किन्तु देख! क्योंकि तूने मेरे शब्दों पर, जो निश्चित समय आने पर सत्य सिद्ध होंगे, विश्वास नहीं किया, इसलिये तू गूँगा हो जायेगा और उस दिन तक नहीं बोल पायेगा जब तक यह पूरा न हो ले।”
وَهَا أَنْتَ تَكُونُ صَامِتًا وَلاَ تَقْدِرُ أَنْ تَتَكَلَّمَ، إِلَى الْيَوْمِ الَّذِي يَكُونُ فِيهِ هذَا، لأَنَّكَ لَمْ تُصَدِّقْ كَلاَمِي الَّذِي سَيَتِمُّ فِي وَقْتِهِ».