“कोई व्यक्ति यहोवा के प्रति इनमें से किसी एक को करके अपराध कर सकता है: वह किसी अन्य के लिए जिसकी वह देखभाल कर रहा हो, उसे कुछ होने के बारे में झूठ बोल सकता है, अथवा कोई व्यक्ति अपने दिए वचन के बारे में झूठ बोल सकता है, अथवा कोई व्यक्ति कुछ चुरा सकता है, या कोई व्यक्ति किसी को ठग सकता है,
«إِذَا أَخْطَأَ أَحَدٌ وَخَانَ خِيَانَةً بِالرَّبِّ، وَجَحَدَ صَاحِبَهُ وَدِيعَةً أَوْ أَمَانَةً أَوْ مَسْلُوبًا، أَوِ اغْتَصَبَ مِنْ صَاحِبِهِ،