“हारून और उसके पुत्रों, और इस्राएल के सभी लोगों से कहो: सम्भव है कि इस्राएल का कोई नागरिक या कोई विदेशी कोई भेंट लाना चाहे। सम्भव है उसने कोई विशेष वचन दिया हो, और यह उसके लिए हो। या सम्भव है यह वह विशेष भेंट हो जिसे वह व्यक्ति अर्पित करना चाहता हो।
«كَلِّمْ هَارُونَ وَبَنِيهِ وَجَمِيعِ بَنِي إِسْرَائِيلَ وَقُلْ لَهُمْ: كُلُّ إِنْسَانٍ مِنْ بَيْتِ إِسْرَائِيلَ وَمِنَ الْغُرَبَاءِ فِي إِسْرَائِيلَ، قَرَّبَ قُرْبَانَهُ مِنْ جَمِيعِ نُذُورِهِمْ وَجَمِيعِ نَوَافِلِهِمِ الَّتِي يُقَرِّبُونَهَا لِلرَّبِّ مُحْرَقَةً،