यरूशलेम बीती बात सोचा करती है,
उन दिनों की बातें जब उस पर प्रहार हुआ था और वह बेघर—बार हुई थी।
उसे बीते दिनों के सुख याद आते थे।
वे पुराने दिनों में जो अच्छी वस्तुएं उसके पास थीं, उसे याद आती थीं।
वह ऐसे उस समय को याद करती है
जब उसके लोग शत्रुओं के द्वारा बंदी किये गये।
वह ऐसे उस समय को याद करती है
जब उसे सहारा देने को कोई भी व्यक्ति नहीं था।
जब शत्रु उसे देखते थे, वे उसकी हंसी उड़ाते थे।
वे उसकी हंसी उड़ाते थे क्योंकि वह उजड़ चुकी थी।
قَدْ ذَكَرَتْ أُورُشَلِيمُ فِي أَيَّامِ مَذَلَّتِهَا وَتَطَوُّحِهَا كُلَّ مُشْتَهَيَاتِهَا الَّتِي كَانَتْ فِي أَيَّامِ الْقِدَمِ. عِنْدَ سُقُوطِ شَعْبِهَا بِيَدِ الْعَدُوِّ وَلَيْسَ مَنْ يُسَاعِدُهَا. رَأَتْهَا الأَعْدَاءُ. ضَحِكُوا عَلَى هَلاَكِهَا.