मैं सागर की तलहटी पर पड़ा था,
जहाँ पर्वत जन्म लेते हैं।
मुझको ऐसा लगा, जैसे इस बन्दीगृह के बीच सदा सर्वदा के लिये मुझ पर ताले जड़े हैं।
किन्तु हे मेरे परमेश्वर यहोवा, तूने मुझको मेरी इस कब्र से निकाल लिया!
हे परमेश्वर, तूने मुझको जीवन दिया!
نَزَلْتُ إِلَى أَسَافِلِ الْجِبَالِ. مَغَالِيقُ الأَرْضِ عَلَيَّ إِلَى الأَبَدِ. ثُمَّ أَصْعَدْتَ مِنَ الْوَهْدَةِ حَيَاتِي أَيُّهَا الرَّبُّ إِلهِي.