यीशु जब मन्दिर में उपदेश दे रहा था, उसने ऊँचे स्वर में कहा, “तुम मुझे जानते हो और यह भी जानते हो मैं कहाँ से आया हूँ। फिर भी मैं अपनी ओर से नहीं आया। जिसने मुझे भेजा है, वह सत्य है, तुम उसे नहीं जानते।
فَنَادَى يَسُوعُ وَهُوَ يُعَلِّمُ فِي الْهَيْكَلِ قِائِلاً: «تَعْرِفُونَنِي وَتَعْرِفُونَ مِنْ أَيْنَ أَنَا، وَمِنْ نَفْسِي لَمْ آتِ، بَلِ الَّذِي أَرْسَلَنِي هُوَ حَق÷، الَّذِي أَنْتُمْ لَسْتُمْ تَعْرِفُونَهُ.